Searching...
Thursday, July 31, 2025

ड्यूटी पर आते-जाते हुए हादसे भी सेवा में माने जाएंगे, सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, करें डाउनलोड

ड्यूटी पर आते-जाते हुए हादसे भी सेवा में माने जाएंगे, सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, करें डाउनलोड 

सुप्रीम कोर्ट कोर्ट ने कर्मचारी क्षतिपूर्ति अधिनियम, 1923 की धारा 3 को किया स्पष्ट

बांबे हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनाया फैसला


नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को अपने एक अहम फैसले में यह स्पष्ट किया कि कर्मचारी क्षतिपूर्ति अधिनियम, 1923 की घारा 3 के एक प्रविधान "नौकरी के दौरान और उसके कारण हुई दुर्घटना" में निवास स्थान और कार्यस्थल के बीच आने-जाने के दौरान होने वाले हादसे भी शामिल होंगे। यानी ड्यटी पर आते-जाते समय हुए हादसे भी सेवा के दौरान ही माने जाएंगे।


जस्टिस मनोज मिश्रा और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ ने माना कि इस विषय पर अब तक काफी भ्रम और अस्पष्टता बनी हुई थी। खासकर उन मामलों में जब कर्मचारी ड्यटी पर आते या जाते समय हादसों का शिकार हो जाते हैं। पीठ ने कहा कि तथ्यों के आधार पर विभिन्न फैसलों में इस एक्टर की अलग-अलग व्याख्या की गई है। पीठ ने कहा-"हम कर्मचारी क्षतिपूर्ति अधिनियम की धारा-3 में प्रयुक्त वाक्यांश नौकरी के दौरान और उसके कारण हुई दुर्घटना की व्याख्या इस प्रकार करते हैं कि इसमें किसी कर्मचारी के साथ उसके निवास स्थान से ड्यूटी के लिए कार्यस्थल तक जाने या ड्यूटी के बाद कार्यस्थल से उसके निवास स्थान तक लौटने के दौरान होने वाली दुर्घटना शामिल होगी, बशर्ते दुर्घटना घटित होने की परिस्थितियों, समय, स्थान तथा रोजगार के बीच संबंध स्थापित हो।"

यह निर्णय बांबे हाई कोर्ट के दिसंबर 2011 के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया गया। हाई कोर्ट ने श्रमिक क्षतिपूर्ति आयुक्त के आदेश को रद कर दिया था, जिसमें एक व्यक्ति के परिवार को 3,26,140 रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया गया था। यह व्यक्ति ड्यूटी पर जाते समय दुर्घटना में मारा गया था।

शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में कहा कि मृतक एक चीनी फैक्टरी में चौकीदार के रूप में कार्यरत था और 22 अप्रैल 2003 को दुर्घटना के दिन उसकी ड्यूटी का समय तड़के तीन बजे से पूर्वाह्न 11 बजे तक था। पीठ ने कहा कि यह निर्विवाद है कि वह अपने कार्यस्थल की ओर जा रहा था और कार्यस्थल से लगभग पांच किलोमीटर पहले एक स्थान पर हुई दुर्घटना में उसकी मौत हो गई थी।




संबन्धित खबरों के लिए क्लिक करें

GO-शासनादेश NEWS अनिवार्य सेवानिवृत्ति अनुकम्पा नियुक्ति अल्‍पसंख्‍यक कल्‍याण अवकाश आधार कार्ड आयकर आरक्षण आवास उच्च न्यायालय उच्चतम न्यायालय उच्‍च शिक्षा उत्तर प्रदेश उत्तराखण्ड उपभोक्‍ता संरक्षण एरियर एसीपी ऑनलाइन कर कर्मचारी भविष्य निधि EPF कामधेनु कारागार प्रशासन एवं सुधार कार्मिक कार्यवाही कृषि कैरियर कोर्टशाला कोषागार खाद्य एवं औषधि प्रशासन खाद्य एवम् रसद खेल गृह गोपनीय प्रविष्टि ग्रामीण अभियन्‍त्रण ग्राम्य विकास ग्रेच्युटी चतुर्थ श्रेणी चयन चिकित्सा चिकित्सा प्रतिपूर्ति चिकित्‍सा एवं स्वास्थ्य छात्रवृत्ति जनवरी जनसुनवाई जनसूचना जनहित गारण्टी अधिनियम धर्मार्थ कार्य नकदीकरण नगर विकास निबन्‍धन नियमावली नियुक्ति नियोजन निर्वाचन निविदा नीति न्याय न्यायालय पंचायत चुनाव 2015 पंचायती राज पदोन्नति परती भूमि विकास परिवहन पर्यावरण पशुधन पिछड़ा वर्ग कल्‍याण पीएफ पुरस्कार पुलिस पेंशन प्रतिकूल प्रविष्टि प्रशासनिक सुधार प्रसूति प्राथमिक भर्ती 2012 प्रेरक प्रोबेशन बजट बर्खास्तगी बाट माप बेसिक शिक्षा बैकलाग बोनस भविष्य निधि भारत सरकार भाषा मंहगाई भत्ता मत्‍स्‍य महिला एवं बाल विकास माध्यमिक शिक्षा मानदेय मानवाधिकार मान्यता मुख्‍यमंत्री कार्यालय युवा कल्याण राजस्व राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद राज्य सम्पत्ति राष्ट्रीय एकीकरण रोक रोजगार लघु सिंचाई लोक निर्माण लोक सेवा आयोग वरिष्ठता विकलांग कल्याण वित्त विद्युत विविध विशेष भत्ता वेतन व्‍यवसायिक शिक्षा शिक्षा शिक्षा मित्र श्रम संवर्ग संविदा संस्‍थागत वित्‍त सचिवालय प्रशासन सत्यापन सत्र लाभ सत्रलाभ समन्वय समाज कल्याण समाजवादी पेंशन समारोह सर्किल दर सहकारिता सातवां वेतन आयोग सामान्य प्रशासन सार्वजनिक उद्यम सार्वजनिक वितरण प्रणाली सिंचाई सिंचाई एवं जल संसाधन सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम सूचना सेवा निवृत्ति परिलाभ सेवा संघ सेवानिवृत्ति सेवायोजन सैनिक कल्‍याण स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन स्थानांतरण होमगाडर्स