ग्राम पंचायतों के परिसीमन व मतदाता सूची के पुनरीक्षण अभियान पर रोक लगना तय, जानिए क्यों?
पंचायत चुनाव से पहले होगा नगरीय सीमाओं का विस्तार अगस्त के पहले सप्ताह में जारी होगा संबंधित आदेश
लखनऊ। प्रदेश में पंचायत चुनाव से पहले नगरीय सीमाओं का विस्तार होगा। इसके मद्देनजर वर्तमान में चल रही ग्राम पंचायतों के परिसीमन की प्रक्रिया और मतदाता सूची को संशोधित किए जाने के अभियान पर रोक लगना तय है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार संबंधित आदेश 1-2 अगस्त तक जारी हो जाएगा।
पंचायतीराज विभाग ने 21 मई को शासनादेश जारी करके त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के मद्देनजर नगर निकायों के सृजन एवं सीमा विस्तार पर रोक लगा दी थी। इतना ही नहीं ग्राम पंचायतों, क्षेत्र पंचायतों और जिला पंचायतों के वार्डों के परिसीमन के लिए विस्तृत कार्यक्रम भी जारी कर दिया है जो 18 जुलाई से चल रहा है। राज्य निर्वाचन आयोग ने भी 11 जुलाई को मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान का विस्तृत कार्यक्रम जारी कर दिया।
वहीं, 97 नए नगर निकायों के गठन और 107 के सीमा विस्तार के प्रस्ताव अभी लंबित हैं। इसलिये नगर विकास विभाग ने पिछले सप्ताह पंचायतीराज विभाग से 21 मई के शासनादेश को रद्द करने का अनुरोध किया था। हालांकि, अभी तक सरकार की ओर से इस पर अंतिम निर्णय नहीं आया है। इससे पूर्व में जारी कार्यक्रम के अनुसार परिसीमन और मतदाता सूची संशोधित करने की प्रक्रिया चालू है।
इस बारे में मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने बताया कि पहले नगरीय क्षेत्रों के विस्तार के प्रस्तावों पर विचार होगा। इससे भी यह माना जा रहा है कि चुनाव से संबंधित प्रक्रियाएं उसके बाद ही पूरी की जाएंगी।
पंचायत चुनाव अब नगर सीमा विस्तार के बाद, ऐसे में पंचायत चुनाव की प्रक्रिया टाला जाना तय
लखनऊ । त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए ग्राम पंचायतों के गठन के बाद चल रही वार्ड पुनर्गठन प्रक्रिया टलेगी। नगर विकास विभाग ने पंचायतीराज विभाग से पंचायत चुनाव तक नए नगरीय निकायों के सृजन एवं सीमा विस्तार पर लगी रोक हटाने का अनुरोध किया है। उसने नए निकायों के सृजन-सीमा विस्तार पर रोक संबंधी पंचायतीराज विभाग के 21 मई का शासनादेश निरस्त करने का अनुरोध किया है। ऐसे में पंचायत चुनाव की प्रक्रिया टाला जाना तय माना जा रहा है।
पंचायतीराज विभाग की ओर से त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत, जिला पंचायत के वार्डों का पुनर्गठन 18 जुलाई को शुरू हुआ था। 10 अगस्त को वार्डों की अंतिम सूची जारी होनी है। उससे पहले नगर विकास विभाग प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने पंचायतीराज प्रमुख सचिव अनिल कुमार को पत्र लिखकर नए नगर निकायों के सृजन-सीमा विस्तार रोकने पर असमर्थता जता दी है।
97 नए निकायों का गठन, 107 का विस्तार प्रस्ताव लंबित
पत्र में प्रमुख सचिव अमृत अभिजात की ओर से लिखा गया है कि वर्ष 2022 में नगरीय निकायों का सृजन-विस्तार हुआ था। नगर विकास विभाग स्तर पर 97 नए निकायों के गठन, 107 के विस्तार का प्रस्ताव लंबित हैं। जनप्रतिनिधियों की ओर से इन्हें अंतिम रूप देने की मांग है। पत्र पर संयुक्त सचिव जय प्रकाश पांडेय ने पंचायतीराज विभाग निदेशक, राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव से अभिमत मांगा है। पंचायतीराज विभाग ने राज्य निर्वाचन आयोग से दिशा-निर्देश मांगे हैं, क्योंकि आयोग मतदाता सूची का पुनरीक्षण कार्य कर रहा है।
चुनाव से पहले निकायों का गठन विस्तार जरूरी
वर्ष 2026 में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव होना है। ऐसे में निर्वाचन से पूर्व निकायों के गठन-विस्तार की कार्यवाही जरूरी है। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के बाद गठन-विस्तार से न्यायालय में वाद दायर होने की प्रबल संभावना है। ऐसे में वर्णित तथ्यों के दृष्टिगत अनुरोध है कि नगर निकायों के सृजन-सीमा विस्तार पर निर्वाचन प्रक्रिया पूरी होने तक स्थगित रखने से संबंधित अपने 21 मई के आदेश को निरस्त करें ताकि आगे का काम किया जा सके।