कर्मचारी संगठनों ने कसी कमर, हड़ताल आज, बैंकिंग, डाक, बीमा, परिवहन, सफाई के साथ कई सेवाएं हो सकती हैं प्रभावित, बिजली कर्मचारी संगठन कर रहे हड़ताल का समर्थन
प्रयागराज । केंद्रीय ट्रेड यूनियन के आह्वान पर बुधवार को भारत बंद की तैयारी है। एक दिन की राष्ट्रव्यापी हड़ताल से प्रयागराज में कई सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं। हड़ताल को प्रदेश सरकार के कर्मचारी संगठनों ने समर्थन दिया है। इसकी वजह से हड़ताल का यहां बड़ा प्रभाव होने की संभावना है।
हड़ताल से प्रयागराज में सरकारी बैंकों, परिवहन, सफाई और डाक विभाग की सेवाएं सीधे तौर पर प्रभावित होने की संभावना है। ऑल इंडिया बैंक इम्प्लॉइज एसोसिएशन ने भारत बंद का समर्थन किया है। सफाई मजदूर एकता संघ के प्रत्यक्ष तौर पर भारत बंद में शामिल होने से लगभग एक हजार सफाईकर्मी हड़ताल के दिन काम नहीं करेंगे। निजीकरण के खिलाफ आंदोलन कर रहे बिजली कर्मचारियों का संगठन भी भारत बंद का समर्थन कर रहा है।
संयुक्त किसान मोर्चा और रेलवे के कर्मचारी संगठनों ने भी हड़ताल का समर्थन किया है। ट्रेड यूनियन के संयुक्त जुलूस और सभा में रेलवे, बिजली विभाग के कर्मचारी संगठन भी जुलूस में शामिल होंगे। भारत बंद के दौरान सिविल लाइंस के पत्थर गिरजाघर से एजी ऑफिस तक जुलूस जाएगा। एजी ऑफिस के गेट पर सभा होगी। हड़ताल को सफल बनाने के लिए मंगलवार को भारतीय राज्य कर्मचारी महासंघ ने लोक निर्माण के गेट पर सभा में कॉनफेडरेशन ऑफ़ सेंट्रल गर्वनमेंट इंप्लाइज एंड वर्कर्स के राष्ट्रीय सचिव और प्रदेश अध्यक्ष सुभाष चंद्र पांडेय ने भारत बंद में शामिल होने का आह्वान किया। सभा में पूर्व विधायक अनुग्रह नारायण सिंह ने हड़ताल को सफल बनाने की अपील की।
अखिल भारतीय राज्य कर्मचारी महासंघ के जिलाध्यक्ष घनश्याम पांडेय, इलाहाबाद टेंपो-टैक्सी यूनियन के उपाध्यक्ष रघुनाथ द्विवेदी आदि शामिल हुए। सिविल लाइंस स्थित जीवन प्रकाश भवन के मुख्य द्वार पर इलाहाबाद डिविजन इंश्योरेंस एम्पलाइज यूनियन की भी सभा हुई। यूनियन के अध्यक्ष अविनाश कुमार मिश्र ने सभा में बीमा क्षेत्र में समस्याओं पर प्रकाश डाला। सभा में इंटक के जिलाध्यक्ष देवेंद्र प्रताप सिंह, सीटू इलाहाबाद के जिला अध्यक्ष विकास स्वरूप, एटक के जिला मंत्री शीतला प्रसाद विश्वकर्मा, एआईयूटीयूसी के जिला संयोजक एनएल गुप्ता एचएमएस तथा संविदा कर्मचारी यूनियन से श्याम सूरत पांडेय ने भी विचार रखे।
इस हड़ताल को लेकर एजी ऑफिस, डाकघर, रेलवे, बिजली विभाग, नगर निगम के कर्मचारी संगठनो ने हड़ातल को सफल बनाने पर अलग-अलग सभा की। उधर हड़तालको ऑल इंडिया बैंक इम्प्लाइज एसोसिएशन के सदस्य भी समर्थन देने का निर्णय लिया है। यूपी बैंक इम्प्लाइज यूनियन के जिला मंत्री मदन जी उपाध्याय की अगुवाई में बैंक कर्मियों ने केनरा बैंक के परिसर में प्रदर्शन किया।
करेंगे सांकेतिक हड़ताल, आपूर्ति नहीं होगी बाधित
प्रयागराज । बिजली के निजीकरण के विरोध में नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज एंड इंजीनियर्स के आह्वान पर नौ जुलाई को कर्मचारी सांकेतिक हड़ताल करेंगे। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति प्रयागराज के पदाधिकारियों बीरेंद्र सिंह, शिवम रंजन, संदीप प्रजापति, राकेश वर्मा, नरेन्द्र वर्मा, जवाहरलाल विश्वकर्मा, बीके पांडेय, अभय नाथ राय, मनोज शुक्ला, जूनियर इंजीनियर संगठन के पदाधिकारी एबी यादव, अभय यादव, शिवब्रत, दीव्येश सविता आदि ने मंगलवार को मेडिकल कॉलेज चौराहे पर स्थित मुख्य अभियंता द्वितीय के कार्यालय परिसर में विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने बताया कि हड़ताल से उपभोक्ताओं को कोई परेशानी न हो इसके टीम बना दी गई है। अगर कहीं फॉल्ट की सूचना मिली तो टीम काम करेगी। उपभोक्ता की समस्या को छोड़कर अन्य कोई काम बिजलीकर्मी नहीं करेंगे।
प्रमुख मांगें
श्रमिकों की जीवन-जीविका को बाधित करने वाल चार श्रम कानूनों को वापस लेना।
न्यूनम वेतन 26000 प्रति माह करना।
पेंशनरों को कम से कम 9000 हजार पेंशन मिले।
बैंक, बीमा, रेलवे पोस्ट ऑफिस समेत केंद्रीय व राज्य उपक्रमों का विनीवेशीकरण व निजीकरण बंद हो।
बीमा क्षेत्र में 100 फीसदी एफडीआर रद करना। आउटसोर्स कर्मचारियों को न्यूनतम 26 दिन का वेतन देना।
सीसीएश संशोधन विधेयक (पेंशन) 2025 रद करना।
पुरानी पेंशन योजना बहाल करना।
25 करोड़ कर्मी कल हड़ताल पर, बैंक और डाक सेवाएं होंगी बाधित, केंद्र की आर्थिक नीतियों का है विरोध
नई दिल्ली। बैंकिंग, बीमा, डाक से लेकर कोयला खनन, राजमार्ग और निर्माण क्षेत्र में लगे 25 करोड़ से अधिक श्रमिक बुधवार को राष्ट्रव्यापी हड़ताल पर जा सकते हैं। इससे इन क्षेत्रों की सेवाएं पूरे देश में बाधित हो सकती हैं।
10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और उनके सहयोगियों ने कहा, सरकार की मजदूर, किसान और राष्ट्र विरोधी, कॉरपोरेट समर्थक नीतियों का विरोध करने के लिए हमने भारत बंद की अपील की है। यूनियनों की बेरोजगारी दूर करने, स्वीकृत पदों पर भर्ती, अधिक नौकरियों का सृजन करने की प्रमुख मांगें हैं।