लखनऊ। कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश राज्य जिला न्यायालय सेवा (द्वितीय संशोधन) नियमावली-2025 को जारी करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इसके तहत बाबुओं को प्रमोशन मिलने पर पुनः परिवीक्षा अवधि पर रहने की व्यवस्था खत्म कर दी गई है। इसके साथ ही दिव्यांगता के आधार पर भी किसी कर्मचारी को हटाया या स्थानांतरित नहीं किया जा सकेगा।
अभी तक जिला न्यायालयों के कर्मचारियों को प्रमोशन पाने के बाद परिवीक्षा पर रहने का नियम था, जबकि अन्य सरकारी विभागों में सिर्फ एक बार ही जॉइनिंग के बाद परिवीक्षा अवधि पर रहना होता है। इसके अलावा मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, मथुरा के उपयोग के लिए एक वाहन के लिए राशि जारी करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई है।