इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एसबीआई गोंडा के कैशियर की बर्खास्तगी रद्द की
प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि आपराधिक जांच के दौरान पुलिस को दिए बयान पर किसी कर्मचारी को सेवा से बर्खास्त नहीं किया जा सकता। इस टिप्पणी संग न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी की अदालत ने गोंडा के भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) में तैनात रहे कैशियर जगपाल सिंह की बर्खास्तगी रद्द कर दी। साथ ही सेवा की निरंतरता को बरकरार रखने का आदेश दिया है।
20 जून 2014 को बैंक की ग्राहक आशा पुंडीर ने याची के खिलाफ उनके खाते से अनाधिकृत रूप से 55.20 लाख रुपये निकालने का आरोप लगा एफआईआर दर्ज कराई थी। पुलिस ने 26 नवंबर 2014 को उन्हें गिरफ्तार किया था। बाद में याची जमानत पर रिहा हो गया। पुलिस ने उनके खिलाफ 18 अप्रैल 2015 को आरोप पत्र दाखिल किया।
आपराधिक कार्यवाही के आधार पर बैंक ने याची को 28 फरवरी 2015 को निलंबित कर दिया। नौ अक्तूबर 2015 की आई जांच रिपोर्ट में आरोप सिद्ध पाए जाने पर अनुशासनात्मक प्राधिकारी ने 10 दिसंबर 2015 को उन्हें सेवा से बर्खास्त कर दिया। इस आदेश को अपीलीय प्राधिकारी ने भी बरकरार रखा। इसके खिलाफ याची ने हाईकोर्ट का रुख किया।
चेकी स्वीकार कर बर्खास्तगी आदेश को रद्द कर दिया। याची की ओर से उठाई गईं आपत्तियों पर विचार कर नए सिरे से फैसला लेने का आदेश दिया था, लेकिन अनुशासनात्मक प्राधिकारी ने 20 जून 2018 के आदेश से उनकी अपील दोबारा खारिज कर दी।