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Monday, July 28, 2025

यूपी में 24 लाख कर्मचारी-पेंशनर लेकिन केवल 6 लाख के बन सके कार्ड, दीनदयाल हेल्थ कार्ड बनाने में सुस्ती, ऑडिट में कार्ड बनाने में रफ्तार धीमी होने का खुलासा

यूपी में 24 लाख कर्मचारी-पेंशनर लेकिन केवल 6 लाख के बन सके कार्ड, दीनदयाल हेल्थ कार्ड बनाने में सुस्ती, ऑडिट में कार्ड बनाने में रफ्तार धीमी होने का खुलासा


लखनऊ: यूपी में करीब 24 लाख राज्य कर्मचारी और पेंशनर है लेकिन पंडित दीनदयाल उपाध्याय राज्य कर्मचारी कैशलेस योजना के तहत इनमें से करीब 6 लाख का ही कार्ड बन सका है। सीएजी ऑडिट में इस योजना के तहत कार्ड बनाने को लेकर सुस्ती का खुलासा हुआ है। 


ऑडिट रिपोर्ट के मुताबिक राज्य सरकार की तरफ से इस योजना के तहत महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के बैंक खाते में करीब ₹100 करोड़ पड़ा रहा लेकिन उसका इस्तेमाल नहीं हो सका। वहीं, 1358 अस्पतालों में से 1020 अस्पतालों को समय से भुगतान नहीं भेजा जा सका। 


हालिया रिपोर्ट में फरवरी 2024 तक के आंकड़ों को शामिल किया गया है। हालांकि इस रिपोर्ट के बाद अब साचीज ने योजना को लेकर कर्मचारियों के बीच जागरूकता लाने और उनके बीच जाकर ज्यादा से ज्यादा कार्ड बनाने का अभियान तेज कर दिया है। दावा किया जा रहा है कि पिछले साल की तुलना में इस साल कार्ड बनाने के आंकड़ों में सुधार हुआ है। जागरूकता के लिए कार्यशाला लिए की सीईओ अर्चना वर्मा के निर्देश पर इसके प्रयागराज में कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें कर्मचारी और पेंशनर्स संगठनों के पदाधिकारियों ने हिस्सा लिया। 


सीईओ अर्चना वर्मा के मुताबिक इस योजना के तहत कार्ड धारक राज्य कर्मचारी और पेंशनर्स को निजी अस्पतालों में हर साल 5 लाख तक की कैशलेस चिकित्सा सुविधा मिल सकती है जबकि राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों में अनलिमिटेड सीमा तक खर्च वहन किया जाता है। अफसरों का दावा है कि अब तक राज्य कर्मचारी, पेंशनर्स और उनके परिवार के सदस्यों के करीब 11 लाख से ज्यादा कार्ड जारी किए जा चुके है।

बजट मिला लेकिन इस्तेमाल नहीं हुआ

रिपोर्ट के मुताबिक 15 मंडलीय चिकित्सालय, 94 जिला पुरुष व महिला चिकित्सालय, 68 चिकित्सालय (100 बेड) और 1181 सीएचसी समेत अन्य चिकित्सालयो को बजट मुहैया करवाना था। इसके बावजूद अस्पतालो की तरफ से बजट की मांग नहीं की गई। ऑडिट रिपोर्ट के मुताबिक इससे पता चलता है कि या तो अस्पतालों ने बजट का इस्तेमाल नहीं किया या फिर महानिदेशालय के बैंक खाते में पैसा पड़ा रहा

 
खबरों के अंदर की बात 
पंडित दीन दयाल उपाध्याय योजना की शुरुआत सितंबर   में हुई। इसके बाद करीब 12 साल तक योजना को लेकर कर्मचारियो के बीच जागरूकता की कमी रही। इस दरम्यान पीजीआई जैसे टॉप मेडिकल संस्थानो में कई बार मरीजों को यह कहकर लौटा भी दिया गया कि इस योजना के तहत बजट नही आया है। यही नहीं, आयुष्मान योजना के तहत रजिस्टर्ड कई अस्पताल दीनदयाल उपाध्याय हेल्थ कार्ड के तहत मरीजों को भर्ती करने में आनाकानी करते थे। ऐसे में पिछले साल सरकार को बाकायदा आदेश जारी कर दीनदयाल हेल्थ कार्ड धारक मरीजो को इलाज न देने वाले अस्पतालों को आयुष्मान का रजिस्ट्रेशन निरस्त करने की चेतावनी जारी करनी पड़ी। 

 अफसरों के मुताबिक राज्य कर्मचारी और पेशनर्स इस योजना के तहत कार्ड हासिल करने के लिए खुद ही आवेदन कर सकते है। इसके लिए उन्हें राज्य सरकार की वेबसाइट sects.up.gov.in पर जाकर 'Apply for State Health Card' विकल्प चुनना होता है। यह इतना आसान है लेकिन इसे लेकर कर्मचारी और पेंशनर्स को अब जागरूक करने का अभियान शुरू हुआ है।


पंडित दीनदयाल उपाध्याय राज्य कर्मचारी कैशलेस चिकित्सा योजना को लेकर कर्मचारियों को जागरूक करने का अभियान तेज कर दिया गया है। –साचीज

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