नई दिल्ली । जबरन रिटायरमेंट पाने वाले कर्मचारियों को अपनी ग्रेच्युटी राशि और सेवाकाल के हिसाब से गणना में काफी असमंजस का सामना करना पड़ता है। अब सरकार ने यह साफ कर दिया है कि जबरन रिटायर किए जाने वाले कर्मचारियों के मामले में किस आधार पर पेंशन और ग्रेच्युटी तय की जाएगी।
इस संबंध में एक नया ऑफिस मेमोरेंडम जारी किया गया है। यह नियम सेंट्रल सिविल सर्विसेज (पेंशन) रूल्स 2021 के रूल 44 के तहत लागू किया जाएगा। सरकार ने सभी मंत्रालयों और विभागों को निर्देश दे दिया है कि वह इस नियम की जानकारी अपने सभी कर्मचारियों तक पहुंचाएं।
10 साल से कम सर्विस वालों के लिए: जिन कर्मचारियों को 10 साल से पहले जबरन रिटायर किया जाएगा, उन्हें कम्पल्सरी रिटायरमेंट ग्रेच्युटी मिलेगी। यह राशि सुपरएनुएशन ग्रेच्युटी का एक निश्चित प्रतिशत होगी, जिसे सक्षम अधिकारी तय करेगा।
10 साल से ज्यादा सर्विस करने वालों के लिए: यदि कोई केंद्रीय कर्मचारी कम से कम 10 साल की सर्विस पूरी करने के बाद जबरन रिटायर किया जाता है, तो फिर उसे कंपल्सरी रिटायरमेंट पेंशन का अधिकार मिलेगा। इस पेंशन की राशि सामान्य सुपरएनुएशन पेंशन यानी नियमित रिटायरमेंट पेंशन का एक तय हिस्सा होगा। इसे संबंधित विभाग या अधिकारी तय करेंगे।
सरकार का यह कदम उन कर्मचारियों के लिए राहत देने वाला है जो अपनी आर्थिक सुरक्षा की योजना बना रहे हैं। अब उन्हें यह पता होगा कि अगर किसी कारण से उन्हें जबरन रिटायर किया जाता है, तो पेंशन व ग्रेच्युटी की पूरी जानकारी उन्हें उपलब्ध होगी।