अधिक पारिवारिक पेंशन 67 की उम्र तक ही मिलेगी, बढ़ी हुई दर पर पारिवारिक पेंशन पर स्पष्टीकरण जारी
नई दिल्ली । सरकार ने पेंशन संबंधी नियमों को लेकर महत्वपूर्ण आदेश जारी किए हैं। पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने स्पष्ट किया है कि सेवानिवृत्ति के बाद कर्मचारी की मृत्यु होने पर उसके परिवार को सात साल या कर्मचारी की 67 साल की उम्र तक (जो पहले हो) ही बढ़ी हुई दर पर पारिवारिक पेंशन मिलेगी। यह नियम सभी कर्मचारियों पर लागू होगा, चाहे वह किसी भी उम्र में सेवानिवृत्त हुआ है। कुछ मंत्रालयों और विभागों में यह असमंजस बना हुआ था कि जिन कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु 65 साल निर्धारित है तो क्या उनके आश्रितों को भी 67 वर्ष की आयु तक ही पूरी पारिवारिक पेंशन मिलेगी या उससे अधिक समय तक पेंशन मिल सकेगी।
विभाग के अनुसार, अगर कोई भी केंद्रीय कर्मचारी 60 या फिर 65 साल की उम्र में सेवानिवृत्त होता है व उसकी मृत्यु हो जाती है तो उसके आश्रितों को बढ़ी हुई दर पर पारिवारिक पेंशन उस तारीख तक देय होगी, जिस दिन दिवंगत कर्मचारी की आयु 67 वर्ष पूरी होती। इसके बाद सामान्य दर पर पेंशन मिलेगी।
क्या है पेंशन की बढ़ी हुई दर
नियमानुसार, यदि पेंशनभोगी की मृत्यु 67 वर्ष की आयु पूरी होने से पहले हो जाती है तो उसके आश्रितों को तय सामान्य दर से अधिक पारिवारिक पेंशन मिलती है। यह बढ़ी हई दर परिस्थितियों के अनुसार अंतिम वेतन का 50 फीसदी से अधिक हो सकती है। उपरोक्त अवधि के बाद सामान्य दर लागू होती है, जो 30 फीसदी तक हो सकती है। 65 साल की उम्र में सेवानिवृत्ति होने वालों पर भी यह नियम लागू रहेगा।
दो पत्नी के मामले में भी नियम स्पष्ट
यदि कर्मचारी हिन्दू विवाह अधिनियम-1955 के दायरे में आता है और पहली पत्नी के रहते दूसरी शादी करता है, तो यह शादी अवैध मानी जाएगी। ऐसे मामलों में दूसरी पत्नी को पेंशन का ऐसे मामलों में फैसला लेने से पहले कानूनी सलाह जरूर लें।
पेंशन का वरीयता क्रम
1. सबसे पहला हक दिवंगत कर्मचारी की पत्नी या पति का है। इसमें सेवानिवृत्ति के बाद हुई शादी या न्यायिक रूप से अलग हुए पति-पत्नी भी शामिल हैं।
2. इसके बाद बच्चों को हक रहेगा। इनमें गोद लिए हुए और सौतेले बच्चे भी शामिल होंगे।
3. फिर आश्रित माता-पिता को। अंत में मानसिक या शारीरिक रूप से अक्षम भाई-बहनों का हक रहेगा।
माता-पिता को देना होगा जीवन प्रमाणपत्र
नए नियमों के अनुसार, मृतक कर्मचारी के माता-पिता को बढ़ी हुई दर पर पेंशन मिलती रहे, इसके लिए उन्हें जीवन प्रमाणपत्र देना जरूरी होगा। बढ़ी हुई पेंशन, जो आखिरी सैलरी का 75% है, अब तभी दी जाएगी जब माता-पिता दोनों जिंदा होंगे। एक माता-पिता की मृत्यु होने पर, पेंशन अपने आप 60% हो जाएगी।
प्रयागराज। केंद्रीय कर्मचारी 60 वर्ष की उम्र में रिटायर हों या 65 वर्ष पर, सेवानिवृत्ति के बाद पेंशनर के निधन पर आश्रित को 67 वर्ष की आयु या अधिकतम सात वर्ष (दोनों में जो भी कम हो) तक ही पूरी पेंशन मिलेगी। पेंशन एवं पेंशनर्स कल्याण विभाग की ओर से यह स्पष्टीकरण जारी किया गया है।
दरअसल, नियम यह है कि यह कोई पेंशनर 60 वर्ष की आयु में रिटायर होता है और इसके बाद पेंशनर का निधन हो जाता है तो आश्रित को अधिकतम सात वर्ष या निधन होने की तिथि से 67 वर्ष की उम्र पूरी करने तक (दोनों में जो कम हो) ही पूरी फैमिली पेंशन का भुगतान किया जाएगा।
इस व्यवस्था को लेकर उन विभागों में असमंजस था, जहां सेवानिवृत्ति की आयु 65 वर्ष है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के तहत सेंट्रल गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम (सीजीएचएस) के डॉक्टरों की सेवानिवृत्ति की आयु 65 वर्ष है। स्पष्टीकरण जारी करते हुए कहा गया है कि इन परिस्थितियों में भी अधिकतम 67 वर्ष की आयु अथवा सात वर्ष (जो भी कम हो) की व्यवस्था लागू रहेगी।
एजीयूपी पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन के संरक्षक हरिशंकर तिवारी व महामंत्री ऋषीश्वर उपाध्याय का कहना है कि सेवाकाल में किसी कर्मचारी के निधन पर आश्रित को दस साल तक पेंशन दिए जाने का प्रावधान है। विभाग को यह भी स्पष्ट करना चाहिए कि जिनकी सेवानिवृत्ति 65 वर्ष है, सेवाकाल के दौरान 60 से 65 वर्ष आयु के बीच निधन की अवस्था में आश्रित को 10 वर्ष तक फुल फैमिली पेंशन मिलेगी या नहीं।