विशेष गहन पुनरीक्षण : वर्ष 2003 के बाद के मतदाताओं को पात्रता के देने होंगे प्रमाण
प्रयागराज : विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) में वर्ष 2003 के बाद के मतदाताओं को पात्रता प्रमाण पत्र के साथ ही नागरिकता के भी प्रमाण देने होंगे, तभी उनका नाम मतदाता सूची में शामिल हो सकेगा। इसमें आधार का उपयोग केवल पहचान सत्यापन के लिए किया जाएगा, न की नागरिकता प्रमाण के लिए हो सकेगा। एक जुलाई 1987 के बाद जन्मे मतदाताओं को माता-पिता की पात्रता का भी प्रमाण प्रस्तुत करना होगा। एक जुलाई 1987 के पहले जन्मे मतदाताओं जन्मतिथि और जन्म स्थान के साथ का प्रमाण देना है। इसी तरह माता अथवा माता के लिए जन्मतिथि या जन्म स्थान को प्रमाणित करने वाला दस्तावेज देना है।
सभी आवश्यक दस्तावेज हैं तो एसआइआर अभियान के तहत फार्म भरना आसान है। बीएलओ घर-घर जाकर गणना प्रपत्र देंगे और भरने में मदद भी करेंगे। मतदाता को जन्मतिथि, आधार नंबर, माता-पिता का नाम, मोबाइल नंबर जैसी जानकारी भरनी होगी। वर्ष 2003 की मतदाता सूची में नाम होने पर उसकी जानकारी भी देनी होगी। सही जानकारी भरकर बीएलओ को प्रपत्र जमा करना है।
प्रपत्र में मतदाता को जन्म तिथि, आधार संख्या (वैकल्पिक), पिता या अभिभावक का नाम व एपिक नंबर, माता का नाम व एपिक नंबर, मोबाइल नंबर जैसी मूल जानकारियां भरनी होंगी। जिनके पास पहले से वोटर आइडी है, वे उसमें दर्ज एपिक नंबर भी लिख सकते हैं। इसके साथ ही एक नवीनतम पासपोर्ट साइज फोटो चिपकानी होगी और नीचे हस्ताक्षर या अंगूठे का निशान लगाना होगा।
यदि किसी मतदाता का नाम वर्ष 2003 में हुई एसआइआर की मतदाता सूची में है तो उससे जुड़ी जानकारी भी उसी प्रपत्र में भरनी होगी, ताकि पुराना रिकार्ड लिंक किया जा सके। पूरा प्रपत्र भरने के बाद मतदाता को इसे बीएलओ को जमा करना होगा, जो इसकी जांच कर हस्ताक्षरित एक प्रति मतदाता को देंगे। दो दिसंबर 2004 के बाद पैदा होने वाले खुद के लिए जन्मतिथि और जन्म स्थान दोनों का प्रमाणित कर्ता अभिलेख जमा करना होगा। इसी तरह माता और पिता के लिए भी दस्तावेज देने होंगे।
प्रत्येक मतदाता को तीन फार्म दिए जाएंगे। तीसरे फार्म की दो कापी होगी, जिसमें एक मतदाता के पास साक्ष्य के तौर पर होगी। चार नवंबर से चार दिसंबर तक प्रपत्र का वितरण होगा, जिसके बाद इन्हें जमा कराया जाएगा।
एक जनवरी 2026 को 18 वर्ष पूरा करने वाले युवा भी वनेंगे मतदाता : विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण के दौरान एक जनवरी 2026 को 18 वर्ष की आयु पूरी करने वाले युवा भी मतदाता बनाए जाएंगे। इनका नाम भी मतदाता सूची में जोड़ा जाएगा।
भारत की नागरिकता के लिए देना होगा वीजा-पासपोर्ट
प्रयागराज : यदि अभिभावक में से कोई भारतीय नहीं है तो अपने जन्म के समय उनके वैध पासपोर्ट और वीजा की प्रति उपलब्ध कराना पड़ेगा। यदि भारत के बाहर जन्म हुआ है और विदेश में भारतीय मिशन द्वारा जारी जन्म पंजीकरण प्रमाण संलग्न करना होगा। यदि पंजीकरण-नागरिकीकरण द्वारा भारतीय नागरिकता प्राप्त की है तो नागरिकता पंजीकरण प्रमाण पत्र देना होगा। भारत में पैदा हुआ व्यक्ति विदेश में नौकरी कर रहा है और उस देश की नागरिकता नहीं ली है तथा 2003 की मतदाता सूची में नाम है तो उसे भी आवश्यक दस्तावेज दूतावास के माध्यम से अपने बीएलओ को भेज सकता है।
मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान शुरू, बीएलओ घर-घर संपर्क करेंगे, नहीं देना होगा कोई दस्तावेज
लखनऊ। प्रदेश में मतदाता सूची को अपडेट करने के लिए भारत निर्वाचन आयोग ने विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान की घोषणा कर दी है। राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने बताया कि यह कार्यक्रम 27 अक्तूबर से शुरू हो चुका है जो फरवरी तक चलेगा। इसके तहत हर मतदाता की जानकारी का सत्यापन होगा ताकि विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची पूरी तरह त्रुटिरहित हो सके।
अभियान में बूथ लेवल अधिकारी (बीएलओ) अपने मतदेय स्थल के तहत आने वाले सभी मतदाताओं से व्यक्तिगत संपर्क करेंगे और उन्हें गणना प्रपत्र दो प्रतियों में उपलब्ध कराएंगे। बीएलओ कम से कम तीन बार घर जाकर यह प्रपत्र वितरित और एकत्र करेंगे। मतदाताओं को इस प्रपत्र में व्यक्तिगत विवरण भरने होंगे। नाम, फोटो, एपिक नंबर, भाग संख्या, क्रम संख्या और विधानसभा का नाम पहले से दर्ज रहेगा। मतदाता अपना नवीनतम पासपोर्ट साइज फोटो भी संलग्न कर सकेंगे। गणना प्रपत्र भरने में कठिनाई पर बीएलओ मतदाताओं की मदद भी करेंगे। उन्होंने बताया कि निर्वाचक नामावली का प्रारूप प्रकाशन 9 दिसंबर 2025 को होगा। दावे और आपत्तियां 8 जनवरी तक ली जाएंगी। सभी अपीलों की अंतिम सुनवाई के बाद मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन 7 फरवरी 2026 को होगा।
नहीं देना होगा कोई दस्तावेज
यदि किसी का नाम मतदाता सूची में नहीं है तो वह पहले से दर्ज अपने संबंधी का ब्योरा देकर सूची में शामिल हो सकेगा। गणना प्रपत्र भरने के बाद मतदाता उसे बीएलओ को देंगे। मतदाताओं को किसी भी प्रकार का दस्तावेज नहीं देना होगा। जिन मतदाताओं का विवरण पिछले पुनरीक्षण से मेल नहीं खाएगा उन्हें संबंधित विधानसभा के निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी द्वारा नोटिस जारी किया जाएगा। इस दौरान मतदाता को पहचान प्रमाण के रूप में पासपोर्ट, पेंशन आदेश, जन्म प्रमाण पत्र, शैक्षणिक प्रमाणपत्र या सरकार द्वारा जारी अन्य दस्तावेजों में से कोई एक पेश करना होगा।
आधी रात को हुई मतदाता सूची फ्रीज, तीन बार घर-घर जाएंगे बीएलओ, SiR में लिंकिंग व मौचिंग पर रहेगा जोर
मतदाता सूची में नाम घटाने या बढ़ाने और संशोधन पर सोमवार आधी रात तत्काल प्रभाव से रोक
प्रयागराज । विशेष महान पुनरीक्षण (एसआइआर) को लेकर सोमवार आधी रात 12 बजे मतदाता सूची को फ्रीज कर दिया गया। चुनाव आयोग के निर्देश पर सूची में नाम पठाने, बढ़ाने और संशोधन पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी। एसआइआर के लिए मंगलवार से सूध लेबल आफिसर (बीएलओ), ईआरओ तथा एहुंआरओ का विशेष प्रशिक्षण चार दिन के लिए आरंभहोगा। इसके बाद चार नवंबर से एसआइआर शुरू होगा। चुनाव आयोग की ओर से एसआइआर की घोषणा तीने के बाद ही प्रशासनिक अमला सक्रिय हो गया।
एसआइआर के लिए बीएलओ मतदाताओं के घर तीन बार जाएंगे। दरअसल, बीएलओ जब घर पर जाते हैं तो कई बार महदाता उपलब्ध नहीं होते या कहीं बाहर गए होठे हैं, जिससे लिंकिंग में बक्त लगता है। ऐसे में बीएलओ तर घर में तीन बार जाएंगे। प्रवासी मतदाताओं की समस्या को हल करने के लिए यह प्रक्रिया आनलाइन भी की जा सकती है। शाहरी मतदाता दिन में कार्यालय में सहते हैं. इसलिए ये भी आनलाइन प्रक्रिया अपना सकते हैं।
बीएलओ की यह जिम्मेदारी होगी कि जब वे एन्यूमरेशन (वोट गणना) फार्म दें तो मतदत्ता उसे हस्ताक्षर करके वापस करें। यदि कोई मतदाता मृत है, स्थायी रूप से स्थानांतरित हो गया है त्व एक से अधिक स्थानों पर पंजीकृत है तो वह फार्म पर हस्ताक्षर नहीं कर पाएगा। ऐसे मतदाताओं की पहचान करना बीएलओ की जिम्मेदारी होगी। एईआरओ को यह सुनिश्चित करना होगा कि कोई भी पात्र नागरिक छूट न जाए और कोई भी अपात्र व्यक्ति शामिल न हो।
लखनऊ। मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने कहा कि उत्तर प्रदेश में विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। इसके लिए सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों, निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों, निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों और बूथ लेवल अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है।
रिणवा ने बताया कि प्रदेश में इसके पहले एसआईआर वर्ष 2003 में हुआ था। लगभग 22 वर्ष के अंतराल के बाद पुनः भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार की जा रही है। यूपी में भी मतदाता सूची को ठीक करने के लिए एसआईआर का काम 28 अक्तूबर से शुरू होगा। भारत निर्वाचन आयोग ने निर्देश दिए हैं कि किसी भी मतदेय स्थल पर 1200 से अधिक मतदाता न हों, इसके लिए मतदेय स्थलों के सत्यापन और विभाजन की प्रक्रिया भी इस दौरान पूरी की जाएगी।
यहां बता दें कि उत्तर प्रदेश में वर्तमान में लगभग 15.44 करोड़ मतदाता और 162486 मतदेय स्थल हैं। प्रदेश में 75 जिला निर्वाचन अधिकारी, 403 निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी, 2042 सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी और 162486 बूथ लेवल अधिकारी कार्यरत हैं।
यूपी समेत 12 राज्यों में मतदाता सूचियों का विशेष गहन पुनरीक्षण चार नवंबर से
एसआईआर के इस चरण में शामिल होंगे 51 करोड़ मतदाता, आधी रात से मौजूदा मतदाता सूचियां फ्रीज
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश समेत देश के 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में मतदाता सूचियों का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) नवंबर से फरवरी के बीच किया जाएगा। यूपी के साथ राजस्थान, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, मध्य प्रदेश, पुडुचेरी, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, लक्षद्वीप, अंडमान व निकोबार में चार नवंबर से एसआईआर का दूसरा चरण होगा। इसका पहला चरण बिहार में हो चुका है।
इन सभी राज्यों की मतदाता सूचियां सोमवार रात से फ्रीज कर दी गई हैं। इन राज्यों में एक से तीन साल में चुनाव होने हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार ने सोमवार को बताया कि एसआईआर के दूसरे चरण में 51 करोड़ मतदाता शामिल होंगे। 12 राज्यों में से तमिलनाडु, केरल, पुडुचेरी और पश्चिम बंगाल में 2026 में अप्रैल-मई तक विधानसभा चुनाव होने हैं। सीईसी कुमार ने कहा, असम में भी इसी समय चुनाव होना है, वहां के लिए घोषणा अलग से की जाएगी।
सीईसी कुमार ने कहा, नौ दिसंबर को मसौदा मतदाता सूची जारी होगी। 31 जनवरी तक मतदाता आपत्तियां व दावे पेश कर पाएंगे। इनका सत्यापन भी होगा। अंतिम सूची सात फरवरी को प्रकाशित होगी। सीईसी कुमार ने कहा, आजादी के बाद नौवीं बार एसआईआर हो रही है। विगत बार यह प्रक्रिया 2002-04 में हुई थी। उन्होंने कहा, विहार में शून्य अपील के साथ मतदाता सूची का शुद्धीकरण हो चुका है। करीब 7.42 करोड़ मतदाताओं की अंतिम सूची 30 सितंबर को प्रकाशित की गई। सीईसी कुमार ने कहा, प्रवासन, एक से ज्यादा जगह पंजीकृत मतदाता, मृत्यु के बाद नाम न हटाए जाने या विदेशी नागरिक का नाम मतदाता सूची में शामिल होने जैसे कारणों ने आयोग को चरणबद्ध तरीके से राष्ट्रव्यापी एसआईआर के लिए प्रेरित किया।
ऐसे होगा गहन पुनरीक्षण... जानिये पूरी प्रक्रिया
राज्यों में पिछले एसआईआर की मतदाता सूची मूल मानी जाएगी, उसी के आधार पर नए मतदाताओं के नाम काटे या जोड़े जाएंगे। ठीक उसी तरह, जैसे बिहार में 2003 की मतदाता सूची का उपयोग गहन पुनरीक्षण के लिए किया था। ज्यादातर राज्यों में अंतिम एसआईआर 2002 व 2004 के बीच हुआ था। इन राज्यों ने पिछले एसआईआर के अनुसार वर्तमान मतदाताओं का आकलन पूरा कर लिया है।
जिन राज्यों में एसआईआर प्रस्तावित है, सोमवार रात 12 बजे वहां मतदाता सूचियां फ्रीज हो गईं। उस सूची के सभी मतदाताओं को बीएलओ विशिष्ट गणना प्रपत्र देंगे।
गणना प्रपत्रों में मौजूदा मतदाता सूची के सभी आवश्यक विवरण होंगे। बीएलओ प्रपत्र देने के बाद, जिन मतदाताओं के नाम उनमें हैं, यह मिलान करेंगे कि क्या उनका नाम 2003 की सूची में था। यदि हां, तो उन्हें कोई अतिरिक्त दस्तावेज प्रस्तुत करने की जरूरत नहीं है।
यदि उनके नाम नहीं हैं, बल्कि उनके माता-पिता के नाम सूची में थे, तो भी उन्हें कोई अतिरिक्त दस्तावेज पेश करने की जरूरत नहीं है। 2002 से 2004 तक की एसआईआर मतदाता सूची http://voters.eci.gov.in पर उपलब्ध होगी। मतदाता खुद भी मिलान कर सकेंगे।