यूपी आउटसोर्स सेवा निगम के कंपनी एक्ट में रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया धीमी, कंपनी अधिनियम में पंजीकरण कराने के बाद निगम होगा सक्रिय
कर्मचारियों को नहीं मिल पा रहा तय सुविधाओं का लाभ
लखनऊ। प्रदेश के विभिन्न विभागों में आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की तैनाती व उनकी सेवा आदि से जुड़ी व्यवस्था के लिए उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम के गठन को कैबिनेट ने हरी झंडी दी थी। कैबिनेट की स्वीकृति के लगभग दो महीने बाद भी अभी इसकी औपचारिकता पूरी की जा रही है। इससे कर्मचारियों को तय सुविधाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
प्रदेश सरकार ने कर्मचारियों को शोषण से मुक्ति दिलाने व उनको न्यूनतम 20 हजार रुपये मानदेय दिए जाने का प्रावधान किया है। इससे लाखों आउटसोर्स कर्मियों को इसका लाभ मिलेगा। उनको महीने की पांच तारीख तक मानेदय मिलेगा। मातृत्व अवकाश, चिकित्सा अवकाश, स्वास्थ्य सुविधाएं, ईपीएफ आदि जैसे लाभ मिलेंगे। कैबिनेट की हरी झंडी के बाद सितंबर के अंत में सचिवालय प्रशासन ने निगम के गठन का शासनादेश भी जारी कर दिया गया था।
किंतु सचिवालय प्रशासन की ओर से अभी निगम के कंपनी एक्ट में रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया धीमी गति से चल रही है। वहीं सचिवालय प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव मनीष चौहान ने कहा कि कंपनी लॉ में रजिस्ट्रेशन के लिए आवश्यक प्रक्रिया पूरी की जा रही है। इसके नियम-कानून बनाने के लिए कई विभागों से सूचनाएं ली जा रही हैं। वहीं महानिदेशक व अन्य सदस्यों की तैनाती के लिए कार्मिक विभाग को सूचना भेजी गई है। वहां से तैनाती के बाद वे लोग कामकाज शुरू कर देंगे।