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Tuesday, November 4, 2025

दो पत्नियां हैं तो विधिक सलाह लेकर ही होगा पेंशन पर निर्णय, दिशा निर्देश जारी

दो पत्नियां हैं तो विधिक सलाह लेकर ही होगा पेंशन पर निर्णय, दिशा निर्देश जारी 

पेंशनर्स कल्याण विभाग ने कहा, हिंदू मैरिज एक्ट में दो विवाह का प्रावधान नहीं

प्रयागराज। किसी केंद्रीय कर्मचारी या पेंशनभोगी के निधन पर पारिवारिक पेंशन के निपटान को लेकर भ्रम की स्थिति में संबंधित विभाग विधिक सलाह लेकर ही उस पर निर्णय लेगा। खासतौर पर दो पत्नियों के बीच पारिवारिक पेंशन के भुगतान के मामले में काफी सोच-समझकर निर्णय लेना होगा। इस संबंध में केंद्रीय पेंशन एवं पेंशनर्स कल्याण विभाग ने दिशानिर्देश जारी किए हैं।

केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम-2021 के नियम 50 (6) (1) के स्पष्टीकरण में कहा गया है कि यह नियम उन 'विधवा' और 'विधुर' के लिए है जो मृतक सरकारी कर्मचारी या पेंशनभोगी से कानूनी रूप से विवाहित पति/पत्नी होंगे। इस हिसाब से जिसे कानूनी रूप से पति या पत्नी की मान्यता मिली है, वही कर्मचारी या पेंशनभोगी की मृत्यु पर पारिवारिक पेंशन का हकदार होगा। जबकि केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम-2021 के नियम 50 (8) (सी) में कहा गया है कि जहां  मृतक सरकारी कर्मचारी या पेंशनभोगी के उत्तरजीवी एक से अधिक विधवाएं हैं, वहां पारिवारिक पेंशन का भुगतान विधवाओं को समान रूप से किया जाएगा और विधवा की मृत्यु या अपात्रता पर पारिवारिक पेंशन का उसका हिस्सा उसके बच्चे या बच्चों को देय हो जाएगा, जो पात्रता शर्तों को पूरा करते हैं।


विभाग में की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि विवाहित जीवन साथी की वैधता के संदर्भ में स्थिति स्पष्ट की गई। इसके बावजूद विभाग को अब भी इन बिंदुओं पर स्पष्टीकरण मांगने वाले कई संदर्भप्राप्त हो रहे हैं।

विभाग ने यह स्पष्ट किया है कि पहली के जीवित रहते दूसरी पत्नी रखना हिंदू विवाह अधिनियम 1955 के प्रावधानों के विरुद्ध है। सीसीएस (पेंशन) नियम, 2021 के प्रावधानों के भी विरोधाभासी है।

प्रशासनिक प्राधिकारी के लिए ऐसे मामलों की जांच करते समय और नियमों की व्याख्या करते समय विवेक का प्रयोग करना बहुत महत्वपूर्ण है। सभी मंत्रालयों/विभागों से अनुरोध किया गया है कि वे केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम-2021 के अंतर्गत दो पत्नियों के बीच पारिवारिक पेंशन के निपटान के संबंध में निर्णय लेने से पहले विधि कार्य विभाग के परामर्श की प्रक्रिया का पालन करें।

यह भी कहा गया है कि ऐसे मामलों को संबद्ध/अधीनस्थ कार्यालयों आदि द्वारा संबंधित मंत्रालय/विभाग में पेंशनभोगियों के लाभों से जुड़े अधिकारी के ध्यान में लाया जाना चाहिए। एजीयूपी पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन के संरक्षक हरिशंकर तिवारी व महामंत्री ऋषीश्वर उपाध्याय का कहना है कि पत्र से स्पष्ट है कि एक से अधिक पत्नियों की स्थिति में वैध रूप से विवाहित पत्नी को ही पारिवारिक पेंशन का भुगतान किया जाएगा। 

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