गलती से बढ़ी पेंशन में बिना मंजूरी कटौती नहीं, केंद्र सरकार ने इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए
नईदिल्ली। सरकार ने केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और पेंशनधारकों को बड़ी राहत दी है। सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि गलती से भुगतान की गई अतिरिक्त पेंशन की वसूली के लिए पहले उच्चस्तर पर इसकी मंजूरी लेनी होगी। पेंशनभोगी को इसके लिए दो महीने का समय दिया जाएगा।
यह आदेश पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने हाल में जारी किया है। इसके मुताबिक, एक बार तय की गई पेंशन या पारिवारिक पेंशन को घटाया नहीं जा सकेगा। हालांकि, कोई लेखन या गणना संबंधी गलती न पाई जाती है तो अतिरिक्त भुगतान की वसूली की जा सकती है।
यदि किसी पेंशन में कोई त्रुटि दो साल से अधिक समय बाद पाई जाती है, तो उसे घटाने से पहले संबंधित मंत्रालय को मंजूरी लेनी होगी। यह कदम इसलिए अहम है क्योंकि पहले कई बार सेवानिवृत्ति के कई साल बाद भी विभाग 'त्रुटिपूर्ण गणना' का हवाला देकर पेंशन घटा देता था या रिकवरी नोटिस भेज देता था।
पेंशनभोगी को दो महीने का नोटिस दिया जाएगा
2800 अगर किसी पेंशनभोगी को गलती से ज्यादा भुगतान कर दिया गया है और यह उसकी गलती से नहीं हुआ है, तो संबंधित मंत्रालय या विभाग यह तय करेगा कि उस अतिरिक्त राशि को वसूला जाए या माफ कर दिया जाए। अगर वसूली का निर्णय लिया जाता है दो महीने का नोटिस दिया जाएगा। यदि तो पेंशनभोगी को रकम लौटाने के लिए नोटिस की अवधि समाप्त होने के बाद भी राशि वापस नहीं की जाती, तो यह रकम भविष्य की पेंशन किस्तों से चरणबद्ध तरीके से काटी जा सकती है।
इसलिए अहम है सरकार का यह फैसला
कई मामलों में देखा गया था कि सेवानिवृत्ति के सालों बाद भी विभाग 'अधिक पेंशन दिए जाने की त्रुटि' बताकर पेंशन घटा देता था या रिकवरी की कार्रवाई शुरू कर देता था, जिससे बुजुर्ग पेंशनरों को आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था। अब सरकार के इस नए आदेश के बाद केवल वास्तविक विभागीय गलती पाए जाने पर ही पेंशन संशोधित की जा सकेगी। यह काम भी दो साल की अवधि के भीतर होगा।