नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने शुक्रवार को नए श्रम कानून लागू कर दिए। इन नए नियमों में न्यूनतम मजदूरी की गारंटी, नौकरी के एक वर्ष बाद ही ग्रैच्युटी का लाभ, महिला कामगारों के लिए समान वेतन और सम्मान की गारंटी जैसे प्रमुख प्रावधान शामिल हैं।
सरकार ने 29 मौजूदा श्रम कानूनों को तर्कसंगत बनाया है। इन सुधारों के तहत 40 करोड़ श्रमिकों को सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा मिलेगी। नए प्रावधानों के अनुसार, महिला कर्मचारियों के लिए रात्रि-पाली में काम करने की सुविधा, 40 साल से अधिक उम्र के कामगारों के लिए सालाना निःशुल्क चिकित्सा जांच, देशभर में ईएसआईसी कवरेज और एक ही रजिस्ट्रेशन, लाइसेंस और रिटर्न सिस्टम शामिल हैं।
विकसित भारत के लक्ष्य को नई रफ्तारः सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक विस्तृत पोस्ट में केंद्रीय श्रम मंत्री मनसुख मांडविया ने लिखा, देश में नई श्रम संहिताएं लागू हो गई हैं। ये सुधार केवल साधारण परिवर्तन नहीं हैं, बल्कि कार्यबल के कल्याण के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उठाया गया एक बड़ा कदम हैं। ये नए श्रम सुधार आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं और 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को नई गति देंगे।
ऐतिहासिक निर्णयः केंद्रीय मंत्री मांडविया ने इसे ऐतिहासिक फैसला बताते हुए कहा, चारों श्रम संहिताओं को अधिसूचित कर दिया गया है और अब ये देश का कानून हैं। ये चार श्रम संहिताएं वेतन संहिता, 2019, औद्योगिक संबंध संहिता, 2020, सामाजिक सुरक्षा संहिता, 2020 तथा व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं कार्य दशाएं संहिता, 2020 हैं। ये नई संहिताएं दशकों पुराने श्रम नियमों को आसान बनाती हैं, श्रमिक कल्याण, सुरक्षा मानकों को मजबूत करती हैं।
प्रमुख गारंटियां
40 से अधिक उम्र वालों की मुफ्त स्वास्थ्य जांच होगी
पहली बार कानूनी पहचान, एग्रीगेटर अपने वेलफेयर फंड में टर्नओवर का एक से दो फीसदी हिस्सा देंगे
सभी श्रमिकों के लिए समय पर न्यूनतम वेतन की कानूनी गारंटी
ओवरटाइम पर दोगुना वेतन
युवाओं को अनिवार्य नियुक्ति पत्र
महिलाओं के लिए समान वेतन और समान अवसर
देश के 40 करोड़ श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा कवरेज
तय-अवधि वाले कर्मचारियों को एक वर्ष में ग्रेच्युटी का फायदा
40 से ज्यादा उम्र के श्रमिकों का निःशुल्क वार्षिक स्वास्थ्य परीक्षण खतरनाक क्षेत्रों के श्रमिकों को 100% स्वास्थ्य सुरक्षा
सामाजिक न्याय की गारंटी
सबसे बड़े सुधार : मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, इन सबसे बड़े सुधार श्रमिकों को मजबूत बनाएंगे। यह कारोबार सुगमता, रोजगार सृजन को बढ़ावा देंगे और विकसित भारत की ओर यात्रा को तेज करेंगे। ये संहिताएं सामाजिक सुरक्षा, न्यूनतम और समय पर वेतन भुगतान, सुरक्षित कार्यस्थल और हमारे लोगों, खासकर नारी और युवा शक्ति के लिए फायदेमंद मौकों के लिए मजबूत नींव का काम करेंगे।
पहली बार गिग वर्कर, एग्रीगेटर्स परिभाषित किए
इस कानून में पहली बार गिग वर्करों (जोमैटो, स्विगी जैसी कंपनियों के लिए काम करने वाले) तथा एग्रीगेटर्स को परिभाषित किया गया है। पौधरोपण श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा संहिता के तहत लाया जाएगा। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के पत्रकार, स्टंट करने वाले अब पूर्ण लाभों के हकदार होंगे।
एक वर्ष बाद ग्रैच्युटी का लाभ मिल सकेगा
नई संहिता में कर्मचारियों को एक वर्ष की नौकरी के बाद ही ग्रेच्युटी का लाभ मिल सकेगा। अब तक पांच वर्ष की नौकरी पूरी होने पर ही कर्मचारियों को यह फायदा मिल पाता था। ग्रैच्युटी किसी कंपनी में नौकरी छोड़ने पर मिलने वाली एकमुश्त राशि होती है
बदलावों से रोजगार के नए अवसर पैदा हो सकेंगे
श्रम मंत्रालय ने कहा कि श्रम संहिता लागू होने से आत्मनिर्भर भारत के लिए सुधारों को गति मिलेगी। यह बदलाव रोजगार पैदा करने में मदद करेगा। इनका मकसद एक सुरक्षित, भविष्य के लिए तैयार वर्कफोर्स और मजबूत उद्योग बनाना है। भारत के कई श्रम कानून आजादी से पहले और शुरुआती दौर में बनाए गए थे।
महिला कर्मचारी
बराबर वेतन, परिवार की परिभाषा बढ़ाना, सुरक्षा नियमों के साथ नाइट शिफ्ट में काम कर सकेंगी
युवा
शोषण रोकने के लिए जरूरी न्यूनतम वेतन, नियुक्ति पत्र और छुट्टी के दौरान वेतन
तय अवधि वाले कर्मचारी
स्थायी कर्मचारी को मिलने वाले सभी फायदों का हक, जिसमें एक साल बाद ग्रेच्युटी भी शामिल है
40 से अधिक उम्र वालों की मुफ्त स्वास्थ्य जांच होगी
गिग वर्कर
पहली बार कानूनी पहचान, एग्रीगेटर अपने वेलफेयर फंड में टर्नओवर का एक से दो फीसदी हिस्सा देंगे
आईटी कर्मचारी
हर महीने की सात तारीख तक सैलरी जरूर मिलना। शिकायत का समाधान, बराबर वेतन और महिलाओं के लिए नाइट शिफ्ट के मौके