बिना ठोस कारण कर्मचारी के जवाब को असंतोषजनक नहीं कह सकतेः हाईकोर्ट
प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा, कर्मचारी से किसी मामले में जवाब मांगा जाता है तो उसके उत्तर पर बिना ठोस कारण बताए असंतोषजनक नहीं कह सकते। इस टिप्पणी संग न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया की एकलपीठ ने प्रेमपाल की याचिका पर मुरादाबाद के डीएम के आदेश को रद्द कर दिया। साथ ही मामले में राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
मुरादाबाद निवासी प्रेमपाल जिला खादी ग्रामोद्योग विभाग में कार्यरत थे। शिकायत पर उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। इस पर उन्होंने अपना जवाब प्रस्तुत किया। वहीं, डीएम के आदेश पर जिला ग्रामोद्योग अधिकारी ने उनके उत्तर का अध्ययन कर नई रिपोर्ट प्रस्तुत की। रिपोर्ट के आधार पर डीएम ने याची की वित्तीय और प्रशासनिक शाक्तियां समाप्त कर दीं। इस पर उन्होंने हाईकोर्ट में चुनौती दी।