कर्मचारी को सुनवाई का अवसर दिए बिना और बिना साक्ष्य प्रस्तुत किए की गई अनुशासनात्मक कार्रवाई अवैध : हाईकोर्ट
एलआईसी के डीओ की सेवा से बर्खास्तगी का आदेश हाईकोर्ट ने किया रद्द
प्रयागराज । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि कर्मचारी को सुनवाई का अवसर दिए बिना और बिना साक्ष्य प्रस्तुत किए की गई अनुशासनात्मक कार्रवाई अवैध है। यह नैसर्गिक न्याय के सिद्धांतों के विपरीत भी है। इस टिप्पणी के साथ कोर्ट ने एलआईसी के विकास अधिकारी शारदा प्रसाद सिंह की बर्खास्तगी रद्द कर दी है। कोर्ट ने कहा कि याची को सुनवाई का संपूर्ण अवसर नहीं दिया गया। यह आदेश न्यायमूर्ति जेजे मुनीर ने दिया है।
मामले के अनुसार याची को 16 मई 2012 को विकास अधिकारी नियुक्त किया गया था। नियुक्ति आजमगढ़ के जियानपुर उप-कार्यालय में हुई। उन्हें दो बार अलग-अलग अवधि में अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित रहने के आरोप में 10 जून 2021 को वरिष्ठ मंडल प्रबंधक गोरखपुर ने सेवा से बर्खास्त कर दिया।
आरोप में कहा गया कि दो जनवरी 2019 से 31 मार्च 2020 तक 445 दिन और इससे पहले अक्टूबर से दिसंबर 2018 के बीच 50 दिन अनुपस्थित थे।