यूपी में सरकारी कर्मचारी अब कुछ नहीं छिपा सकेंगे; हर गतिविधि होगी ऑनलाइन, मुख्य सचिव ने जारी किया आदेश
आठ लाख कर्मचारियों की सभी जानकारियां मानव संपदा पोर्टल पर उपलब्ध होगी, सभी विभागों को यह कार्य जल्द पूरा करने का आदेश
लखनऊ:उत्तर प्रदेश के कर्मचारी अब अपनी कोई भी जानकारी छिपा नहीं सकेंगे. आठ लाख कर्मचारियों की जांच संबंधित प्रक्रिया, विदेश यात्रा, मिली हुई सजाएं समेत अन्य सभी जानकारियां अब मानव संपदा पोर्टल पर उपलब्ध होगी. उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य कर्मचारियों के सेवा प्रबंधन को और अधिक पारदर्शी और सुव्यवस्थित बनाने के लिए यह महत्वपूर्ण कदम उठाया है.
मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि राज्य कर्मचारियों का सेवा विवरण, जैसे नियुक्ति, कार्यभार ग्रहण, कार्यमुक्ति, अवकाश प्रबंधन, मेरिट आधारित ऑनलाइन स्थानांतरण, वार्षिक मूल्यांकन रिपोर्ट (एपीआर), वेतन आहरण, और सेवा पुस्तिका प्रबंधन, मानव संपदा पोर्टल के माध्यम से किए जा रहे हैं. इस पोर्टल को कर्मचारी डेटा और प्रक्रियाओं के केंद्रीकृत प्रबंधन के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिसकी उच्च स्तरीय निगरानी भी की जा रही है.
हालांकि, अभी तक कर्मचारियों के खिलाफ चल रही विभागीय जांच, सतर्कता जांच, या अभियोजन की जानकारी इस पोर्टल पर उपलब्ध नहीं थी. इस कमी को दूर करने के लिए सरकार ने पोर्टल पर इन जानकारियों को शामिल करने का निर्णय लिया है. राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र ने इस संबंध में पोर्टल पर आवश्यक तकनीकी व्यवस्था भी पूरी कर ली है.
पत्र के अनुसार, कर्मचारियों की पदोन्नति, विदेश यात्रा और अन्य सेवा-संबंधी प्रकरणों के निस्तारण के दौरान यह जानकारी आवश्यक होती है कि उसके खिलाफ कोई जांच या अभियोजन प्रचलित है या नहीं, यह सब दर्ज किया जाएगा. ऐसी जानकारी के अभाव में प्रक्रियाओं में देरी और अस्पष्टता की स्थिति उत्पन्न हो रही थी. मानव संपदा पोर्टल पर जांच से संबंधित विवरण दर्ज करने से न केवल प्रक्रियाएं पारदर्शी होंगी, बल्कि निर्णय लेने में भी तेजी आएगी. यह कदम कर्मचारी प्रबंधन में डिजिटल तकनीक के उपयोग को और मजबूत करेगा.
मुख्य सचिव ने सभी विभागों के अपर मुख्य सचिवों, प्रमुख सचिवों, और सचिवों को निर्देश दिया है कि वे अपने विभागों और अधीनस्थ कार्यालयों में कार्यरत कर्मचारियों और अधिकारियों के खिलाफ चल रही विभागीय जांच, अभियोजन, और सतर्कता जांच का विवरण विभागीय एडमिन के माध्यम से मानव संपदा पोर्टल पर शीघ्र दर्ज कराएं. विभागीय स्तर पर इसकी समीक्षा कर इसे जल्द से जल्द पूरा करने का आदेश दिया गया है.
मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने स्पष्ट किया है कि यह निर्णय सरकार के डिजिटल गवर्नेंस और पारदर्शी प्रशासन की दिशा में एक बड़ा कदम है. मानव संपदा पोर्टल पर जांच-संबंधी जानकारी उपलब्ध होने से न केवल प्रशासनिक प्रक्रियाएं सुगम होंगी, बल्कि कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाइयों की निगरानी भी अधिक प्रभावी होगी. इससे भ्रष्टाचार और अनियमितताओं पर अंकुश लगाने में भी मदद मिलेगी.
सरकार ने इस प्रक्रिया को लागू करने के लिए एनआईसी के साथ मिलकर तकनीकी ढांचा तैयार कर लिया है. लेकिन इसका सफल कार्यान्वयन विभागों की सक्रियता और समन्वय पर निर्भर करेगा. कर्मचारी संगठनों ने इस कदम का स्वागत किया है, लेकिन साथ ही यह भी मांग की है कि पोर्टल पर दर्ज जानकारी की गोपनीयता और सुरक्षा सुनिश्चित की जाए.