नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने सड़क हादसों के पीड़ितों के लिए देशभर में कैशलेस इलाज योजना शुरू की है। इसके तहत हादसे में घायल को अधिकतम डेढ़ लाख रुपये का मुफ्त इलाज मिलेगा। सरकार के चिह्नित अस्पतालों में पहले सात दिन के इलाज का खर्च सरकार उठाएगी। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने मंगलवार को इसकी अधिसूचना जारी की है। योजना पांच मई से लागू हो गई।
अधिसूचना के मुताबिक, सड़क पर मोटर वाहन से हादसे का शिकार कोई भी व्यक्ति इसके तहत कैशलेस उपचार का हकदार होगा। राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए), अस्पतालों, पुलिस व राज्य स्वास्थ्य एजेंसियों के समन्वय से योजना की कार्यान्वयन एजेंसी होगा। पीड़ित को दुर्घटना की तारीख से अधिकतम सात दिन तक निर्धारित अस्पताल में डेढ़ लाख रुपये तक का कैशलेस इलाज मिलेगा। किसी अन्य अस्पताल में तय दिशा-निर्देशों के अनुसार ही पीड़ित की हालत स्थिर होने तक ही इलाज मुफ्त होगा।
अधिसूचना के अनुसार, राज्य सड़क सुरक्षा परिषद राज्यों में योजना के कार्यान्वयन की नोडल एजेंसी होगी। यह अस्पतालों को शामिल करने, पीड़ितों के उपचार, भुगतान के लिए पोर्टल को अपनाने व इस्तेमाल के लिए राष्ट्रीय प्राधिकरण के साथ समन्वय के लिए जिम्मेदार होगी।
संचालन समिति करेगी निगरानी
केंद्र सरकार योजना के कार्यान्वयन की निगरानी के लिए संचालन समिति बनाएगी। समिति में राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के सीईओ एवं सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव सदस्य होंगे। मंत्रालय ने 14 मार्च, 2024 को दुर्घटना पीड़ितों को कैशलेस उपचार के लिए पायलट कार्यक्रम शुरू किया था।