यूपी स्थानांतरण नीति 2025 : दिव्यांग बच्चों को जहां मिले बेहतर इलाज, माता-पिता का वहां हो तबादला, देखें स्थानांतरण नीति के मुख्य बिंदु
🔴 नीति के मुख्य बिंदु
पति-पत्नी दोनों के सरकारी सेवा में होने पर यथासंभव एक ही जिला में स्थानांतरण का मौका
दिव्यांग कार्मिक या ऐसे कार्मिक या आश्रित के 40% से अधिक दिव्यांग होने पर उन्हें तबादले से मुक्त रखा जाएगा
दिव्यांग कार्मिकों को गंभीर शिकायतों या फिर अपरिहार्य कारणों पर ही स्थानांतरित किया जाएगा
दिव्यांग कार्मिक के अनुरोध पर पद की उपलब्धता के आधार पर उन्हें गृह जिले में तैनाती मिलेगी
दो साल में सेवानिवृत्त होने वाले समूह ग व घ को गृह जिले और क व ख को गृह जिला छोड़ इच्छानुसार तैनाती
लखनऊ। कैबिनेट से मंजूर स्थानांतरण नीति 2025-26 में कर्मचारियों को कई सहूलियत दी गई है। नीति में मानसिक मंदित और चलने-फिरने में असमर्थ दिव्यांग बच्चों के माता-पिता की तैनाती वहां करने की व्यवस्था की गई है, जहां उनके बच्चों को बेहतर चिकित्सा सुविधा मिल सके। प्रदेश के 100 आकांक्षी विकास खंड वाले 34 जिलों में किसी भी विभाग में कोई पद खाली नहीं रहेगा।
तबादला सत्र के बाद समूह क के साथ ही समूह ख के स्थानांतरण विभागीय मंत्री के माध्यम से मुख्यमंत्री के अनुमोदन से होगा। नियुक्ति विभाग के प्रमुख सचिव एम देवराज ने मंगलवार की शाम स्थानांतरण नीति संबंधी शासनादेश जारी भी कर दिया। तबादले के लिए कटऑफ डेट 31 मार्च 2025 को माना जाएगा। दायरे में न आने वाले समूह ग के कर्मचारियों का पटल जरूर बदला जाएगा। समूह क व ख की तय सीमा से अधिक स्थानांतरण के लिए सीएम से अनुमति लेनी होगी।
समूह ग व घ के 10 प्रतिशत से अधिक होने पर विभागीय मंत्री से अनुमोदन लेना होगा। समूह ग और घ का स्थानांतरण मानव संपदा पोर्टल से होगा। तबादले के बाद कार्यभार मुक्ति और ग्रहण करने की व्यवस्था ऑनलाइन होगी। समूह क के अधिकारियों का गृह जिले में तबादला नहीं होगा। एक सप्ताह में करना होगा जॉइन स्थानांतरित कर्मियों को एक सप्ताह में नए स्थान के लिए कार्यमुक्त किया जाएगा। इसके बाद वे स्वतः कार्यमुक्त माने जाएंगे। नीति में किसी भी संशोधन के लिए मुख्यमंत्री अधिकृत होंगे।
प्रदेश में 15 मई से 15 जून के बीच होंगे तबादले, जिले में तीन साल व मंडल में सात साल पूरे कर चुके अधिकारी हटेंगे
लखनऊ। प्रदेश में 15 मई से 15 जून के बीच अधिकारियों और कर्मचारियों के तबादले होंगे। जिले में तीन साल और मंडल में सात साल पूरे कर चुके समूह क व ख के अधिकारी स्थानांतरित किए जाएंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में स्थानांतरण नीति-2025-26 को मंजूरी दे दी गई। बीते वर्ष आई तबादला नीति में सिर्फ 15 दिन का समय दिया गया था, जबकि इस बार एक महीने का समय दिया गया है।
तीन और सात साल की अवधि में विभागाध्यक्ष और मंडलीय कार्यालयों में की गई तैनाती अवधि को नहीं जोड़ा जाएगा। मंडलीय कार्यालयों में तैनाती की अधिकतम अवधि तीन वर्ष होगी और इसके लिए सर्वाधिक समय से कार्यरत अधिकारियों के स्थानांतरण प्राथमिकता पर होंगे।
जारी नीति के अनुसार, समूह क और ख के स्थानांतरण संवर्गवार कार्यरत अधिकारियों की संख्या के अधिकतम 20 प्रतिशत और समूह ग व घ के कार्मिकों के स्थानांतरण संवर्गवार कुल कार्यरत कार्मिकों की संख्या के अधिकतम 10 प्रतिशत की सीमा तक किए जा सकेंगे। समूह ग के लिए पटल परिवर्तन या क्षेत्र परिवर्तन के संबंध में 13 मई 2022 को जारी शासनादेश का कड़ाई से पालन करने के निर्देश दिए गए हैं। समूह ख एवं समूह ग के कार्मिकों के स्थानांतरण मेरिट बेस्ड ऑनलाइन ट्रांसफर सिस्टम के आधार पर किए जाने की व्यवस्था है।