गौतम बुद्ध नगर में रिश्वत का वीडियो वायरल होने के बाद बर्खास्त दरोगा बहाल
प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि बिना विभागीय जांच के किसी पुलिसकर्मी की बर्खास्तगी कानून सम्मत नहीं है, भले ही प्रथम दृष्टया आरोप गंभीर हो। कथित तौर पर कोर्ट ने जेब में पैसे लेते वायरल वीडियो में दिख रहे दरोगा प्रदीप कुमार गौतम की बर्खास्तगी का आदेश रद्द कर बहाल करने का आदेश दिया है।
हालांकि, राज्य सरकार को नए सिरे से नियमानुसार विभागीय कार्यवाही करने की छूट होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति अजित कुमार की अदालत ने दिया है। याची प्रदीप कुमार गौतम का रिश्वत लेते वीडियो उस वक्त वायरल हुआ, जब वह थाना फेज-1, नोएडा के चौकी प्रभारी के रूप में तैनात था।
इसमें उसे एक व्यक्ति से पैसे लेते देखा गया। इस आधार पर उसके विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई। वहीं, पांच अप्रैल 2025 को उसे सेवा से बर्खास्त कर दिया गया।
याची की दलील : याची के अधिवक्ता ने दलील दी कि बिना नोटिस-सुनवाई-विभागीय जांच के सेवा से हटाया जाना पूरी तरह से अवैध है। यह भी दलील दी कि वायरल वीडियो एक षड्यंत्र के तहत तैयार किया गया। उसने रिश्वत नहीं ली और उसके पास से नकदी भी बरामद नहीं हुई।