आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए निगम का गठन इसी माह, 60 साल होगी सेवा, न्यूनतम 20 हजार रुपये मिलेगा वेतन
कर्मचारी संयुक्त परिषद का प्रतिनिधिमंडल प्रमुख सचिव सीएम से मिला
लखनऊ। प्रदेश में आउटसोर्स कर्मचारियों का मानसिक व आर्थिक शोषण रोकने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा निगम के गठन की औपचारिकता पूरी की जा रही है। इसी क्रम में राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद का एक प्रतिनिधिमंडल शनिवार को प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री से मिला। उन्होंने बताया कि इसकी लगभग सभी औपचारिकता पूरी हो चुकी है। मुख्यमंत्री के सामने प्रेजेंटेशन भी हो चुका है। जल्द ही इसे मंत्रि परिषद में अनुमोदन के लिए रखा जाएगा।
परिषद के अध्यक्ष जेएन तिवारी व महामंत्री अरुणा शुक्ला ने बताया कि इस संबंध में सचिवालय प्रशासन विभाग तैयारी कर रहा है। इसी महीने आउटसोर्स कर्मचारी निगम के गठन की औपचारिकता पूरी की जाएगी। इसमें कर्मचारियों को न्यूनतम 20 हजार का मानदेय मिलेगा। उनकी सेवा अवधि भी 60 साल तक होगी। परिषद ने प्रदेश में कार्यरत दो लाख से अधिक आशाबहुओं को भी आउटसोर्स कर्मचारियों के बराबर मानदेय देने की मांग की है।
इसके साथ ही संयुक्त परिषद प्रमुख सचिव कार्मिक को विभिन्न विभागों के कर्मचारियों से संबंधित मांगों के निराकरण के लिए ज्ञापन भी दिया है। इस पर अगले सप्ताह वार्ता प्रस्तावित है। परिषद अध्यक्ष जेएन तिवारी ने कहा कि निगम के बन जाने से आउटसोर्सिंग संविदा कर्मियों को काफी राहत मिलेगी।
आउटसोर्स सेवा निगम भर्ती से तनख्वाह तक का काम देखेगा
निगम बनने के बाद सरकार से मिलेंगी सुविधाएं
एक वर्ष में 12 आकस्मिक अवकाश
एक वर्ष में 10 दिन का चिकित्सा अवकाश
शासकीय काम से मुख्यालय से बाहर जाने पर टीए-डीए
सामान्य मृत्यु पर 2 लाख और दुर्घटना में मृत्यु पर 5 लाख रुपये का भुगतान
लखनऊ । आउटसोर्स कर्मचारियों को अब एजेंसियों के उत्पीड़न से राहत मिलेगी। आउटसोर्स सेवा निगम के गठन के बाद भर्ती से लेकर तनख्वाह देने तक की जिम्मेदारी निगम ही संभालेगा। एजेंसियों को बाहर करने से सरकार को भी बचत होगी इसके अलावा कर्मचारियों के भी सेवा लाभ बढ़ेंगे। सूत्र बताते हैं कि निगम के गठन का प्रस्ताव अगली कैबिनेट बैठक में रखा जा सकता है।
सूत्र बताते हैं कि आउटसोर्स कर्मचारियों की समस्या पर चर्चा करते हुए जिम्मेदार विभागों ने माना था कि कर्मचारियों का चयन और उनका नवीनीकरण करते समय एजेंसियां धन वसूली करती हैं। सभी आउटसोर्स कर्मचारियों के ईपीएफ और ईएसआई खाते नहीं खुलवाए जाते हैं और जिनके खुलते भी हैं, उनमें समय से पैसा जमा नहीं किया जाता है। इसकी वजह से कर्मचारियों को ईएसआई और ईपीएफ का लाभ नहीं मिलता है।
सूत्र बताते हैं कि निगम का गठन कंपनी एक्ट में गैर लाभकारी संस्था के तौर पर किया जाएगा। निगम भर्ती की केंद्रीयत व्यवस्था बनाएगा। निगम ही सभी विभागों को आवश्यकता के मुताबिक आउटसोर्स कर्मचारी उपलब्ध करवाएगा। कर्मचारियों को तनख्वाह वेतन खाते में दी जाएगी। इससे कर्मचारी स्वतः बीमित होंगे। दुर्घटना या विकलांगता की स्थिति में 30 लाख रुपये का भुगतान बैंक कर्मचारी या परिवार को करेगा।
लड़कियों को विदेश में पढ़ाने पर मिलेगी मदद
आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए वेलफेयर फंड का भी गठन निगम करेगा। प्रस्ताव में व्यवस्था की गई है कि चिकित्सा संस्थानों, इंजीनियरिंग, पीचडी, प्रबंधन में चयनित बालिकाओं को इस फंड से एक लाख रुपये दिए जाएंगे। परिवार की किसी एक बेटी को विदेश में भी पढ़ने के लिए एक लाख रुपये की राशि इसी फंड से दी जाएगी
🔴 कर्मियों को ये लाभ मिलेंगे
महिला कर्मचारियों को 180 दिन की पेड मैटरनिटी लीव दी जाएगी
मिसकैरेज पर 42 दिनों की पेड मैटरनिटी लीव मिलेगी
अस्वस्थ होने पर 91 दिन तक 70% पेड लीव।
ईएसआई चिकित्सालयों में कर्मियों को मुफ्त इलाज व जांचें
ईएसआई चिकित्सा संस्थानों में कर्मचारियों के बच्चों के लिए निर्धारित सीटों का आरक्षण सुनिश्चित किया जाएगा
दुर्घटना में मृत्यु होने पर 2.50 से 7 लाख रुपये तक घर वालों को
सेवा अवधि पूरी करने के बाद पेंशन की सुविधा
उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम" (UPCOS) के गठन के सीएम योगी ने दिए निर्देश, कार्मिकों को मिलेगी मेडिकल सुविधा, मातृत्व अवकाश, दुर्घटना बीमा, पेंशन एवं पारिवारिक पेंशन सहित सभी लाभ
🔴 सराहनीय है आउटसोर्सिंग कार्मिकों की सेवाभावना और कर्त्तव्यपरायणता: मुख्यमंत्री
🔴 आउटसोर्सिंग कार्मिकों की सेवा संबंधी सुरक्षा सुनिश्चित करने गठित होगा आउटसोर्स सेवा निगम: मुख्यमंत्री
🔴 वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट में हुई थी घोषणा, निगम के गठन के लिए मुख्यमंत्री ने दिए दिशा-निर्देश
🔴 मुख्यमंत्री का निर्देश, आउटसोर्सिंग कार्मिकों को भी मिले मेडिकल सुविधा, मातृत्व अवकाश, दुर्घटना बीमा, पेंशन एवं पारिवारिक पेंशन सहित सभी लाभ
🔴 मुख्यमंत्री का अधिकारियों को निर्देश, आउटसोर्सिंग नियुक्तियों में सुनिश्चित करायें आरक्षण प्रावधानों पालन
🔴 आउटसोर्स सेवा निगम" के गठन से सुनिश्चित होगी पारिश्रमिक व सामाजिक सुरक्षा: मुख्यमंत्री
🔴 आउटसोर्सिंग कार्मिक को सेवा से हटाने से पूर्व संबंधित विभाग के सक्षम अधिकारी की संस्तुति होगी जरूरी: मुख्यमंत्री
🔴 प्रत्येक माह की 5 तारीख तक सभी कार्मिकों के बैंक खाते में पूरा पारिश्रमिक जमा हो जाए, ईपीएफ व ईएसआई की राशि भी समय से जमा हो: मुख्यमंत्री
लखनऊ, 25 अप्रैल । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में कार्यरत आउटसोर्सिंग कार्मिकों की सेवा, श्रम अधिकारों एवं पारिश्रमिक की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए "उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम" (UPCOS) के गठन के निर्देश दिए हैं। शुक्रवार को एक उच्चस्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री ने इस संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करते हुए कहा कि राज्य सरकार आउटसोर्सिंग कार्मिकों के श्रम के सम्मान व जनहित में किए जा रहे कार्यों की सराहना करती है और उनकी सामाजिक व आर्थिक सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में आउटसोर्सिंग एजेंसियों के माध्यम से कार्यरत कार्मिकों को वेतन में कटौती, समय से भुगतान न होना, ईपीएफ/ईएसआई जैसी सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ न मिल पाना, पारदर्शी चयन प्रक्रिया का अभाव, उत्पीड़न आदि शिकायतें प्राप्त होती हैं। ऐसे में व्यवस्था में व्यापक परिवर्तन किया जाना आवश्यक है।
प्रस्तावित निगम के स्वरूप पर चर्चा करते हुये मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी कर्मचारी को सेवा प्रदाता एजेंसी द्वारा तब तक सेवा से नहीं हटाया जाए, जब तक कि सम्बंधित विभाग के सक्षम अधिकारी की संस्तुति न हो। उन्होंने निर्देश दिए कि प्रत्येक माह की 5 तारीख तक सभी कार्मिकों के बैंक खाते में पूरा पारिश्रमिक जमा हो जाए। साथ ही, ईपीएफ व ईएसआई की राशि भी समय से जमा हो। नियमों के उल्लंघन पर एजेंसियों पर ब्लैकलिस्टिंग, डिबार, पेनाल्टी व वैधानिक कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। निगम का गठन करते हुए इस संबंध में स्पष्ट प्रावधान होने चाहिए।
मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिये कि आउटसोर्सिंग निगम के माध्यम से होने वाली सभी नियुक्तियों में नियमानुसार आरक्षण प्रावधानों का पालन किया जाए। इसी प्रकार, मेडिकल सुविधा, मातृत्व अवकाश, दुर्घटना बीमा, पेंशन एवं पारिवारिक पेंशन सहित सभी लाभ निगम के माध्यम से सुनिश्चित किये जाएं।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर बनने जा रहे इस निगम के माध्यम से तीन पक्षीय समझौते के तहत विभाग, निगम व आउटसोर्सिंग एजेंसी के बीच समन्वित रूप से सभी प्रक्रियाएं संचालित होंगी। पारदर्शी चयन प्रक्रिया, जेम पोर्टल से एजेंसियों का चयन, मेरिट आधारित भर्ती, आधुनिक तकनीकों का प्रयोग, ईपीएफ/ईएसआई की समयबद्ध जमा व निगरानी तथा आरक्षण नियमों का पालन सुनिश्चित होगा। उन्होंने कहा कि निगम एक सुगठित ढांचा के तहत कार्य करेगा, जिसमें बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स, सलाहकार समिति, राज्य व जिला स्तरीय कमेटियाँ गठित होंगी। जेम पोर्टल द्वारा तीन वर्षों के लिए आउटसोर्सिंग एजेंसियों का चयन किया जाना उचित होगा, लेकिन यह सुनिश्चित किया जाए कि कार्यरत वर्तमान कार्मिकों की सेवाएं बाधित नहीं होंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि "राज्य सरकार सभी कार्मिकों की गरिमा, सुरक्षा और सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने के लिए संकल्पित है। यह निगम न केवल प्रशासनिक व्यवस्था में पारदर्शिता लाएगा, बल्कि लाखों आउटसोर्सिंग कार्मिकों के जीवन में स्थायित्व व भरोसा प्रदान करेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस संबंध में आवश्यक प्रस्ताव तैयार कर यथाशीघ्र प्रस्तुत किया जाए।