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Monday, October 6, 2025

Digital Life Certificate via face authentication app: पेंशनर्स को अब बैंक जाने की जरूरत नहीं, जानिए! कैसे घर बैठें दें जीवन प्रमाण सर्टिफिकेट

Jeevan Pramaan Patra: पेंशनर्स को अब बैंक जाने की जरूरत नहीं, जानिए! कैसे घर बैठें दें जीवन प्रमाण सर्टिफिकेट


Life Certificate new update: जीवन प्रमाण पत्र (Jeevan Pramaan Patra) पेंशनर्स के लिए सरकार की डिजिटल सुविधा है। अब उन्हें हर साल बैंक या ऑफिस जाकर लाइफ सर्टिफिकेट देने की जरूरत नहीं है। आधार आधारित बायोमैट्रिक वेरीफिकेशन से यह सर्टिफिकेट ऑनलाइन बन जाता है और पेंशन आसानी से मिलती रहती है।

Life Certificate new update: रिटायरमेंट के बाद हर किसी की सबसे बड़ी चिंता होती है पेंशन का समय पर मिलना। पहले पेंशन पाने के लिए हर साल 'लाइफ सर्टिफिकेट' देना पड़ता था और इसके लिए बैंक या पेंशन ऑफिस में घंटों लाइन लगानी पड़ती थी। बुजुर्गों और बीमार लोगों के लिए ये सबसे मुश्किल काम बन जाता था। इसी दिक्कत को खत्म करने के लिए सरकार ने 'जीवन प्रमाण पत्र' यानी डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट की शुरुआत की, जिससे ये पूरा प्रोसेस अब ऑनलाइन और बेहद आसान हो गया है।

क्या है जीवन प्रमाण पत्र?
जीवन प्रमाण पत्र एक आधार आधारित डिजिटल सर्विस है, जो पेंशनर्स की पहचान को ऑनलाइन वेरीफाई करती है। इसमें बायोमैट्रिक ऑथेंटिकेशन यानी फिंगरप्रिंट या आईरिस स्कैन से पहचान की जाती है और फिर पेंशनर का सर्टिफिकेट डिजिटल रिपॉजिटरी में सेव हो जाता है। इसका फायदा ये है कि पेंशनर को कहीं जाने की जरूरत नहीं पड़ती और एजेंसी सीधे ऑनलाइन उनका सर्टिफिकेट एक्सेस कर सकती है।

कैसे काम करता है ये?
पेंशनर को बस आधार और मोबाइल नंबर के साथ रजिस्ट्रेशन करना होता है। OTP और बायोमैट्रिक वेरीफिकेशन के बाद 'प्रमाण आईडी' जेनरेट होती है। इसके बाद पेंशनर और पेंशन एजेंसी दोनों ही कभी भी, कहीं से भी इस सर्टिफिकेट को देख सकते हैं। पूरा प्रोसेस खत्म होने पर पेंशनर को SMS अलर्ट भी मिल जाता है।

कहां करें रजिस्ट्रेशन?
पेंशनर्स मोबाइल ऐप या कम्प्यूटर ऐप से सीधे रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। इसके अलावा नजदीकी जीवन प्रमाण सेंटर, बैंक या कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) जाकर भी रजिस्ट्रेशन कराया जा सकता है। वहां आधार, बैंक डिटेल्स, PPO नंबर और मोबाइल नंबर देकर रजिस्ट्रेशन हो जाता है।


मोबाइल या कंप्यूटर से कैसे करें रजिस्ट्रेशन?
• सबसे पहले Jeevan Pramaan ऐप डाउनलोड करें।
• ऐप में ‘New Registration’ पर क्लिक करें।
  आधार नंबर, नाम, बैंक अकाउंट नंबर, पेंशन ऑर्डर (PPO) और मोबाइल नंबर जैसी जानकारी भरें।
  ‘Send OTP’ पर क्लिक करें और रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर आए OTP को डालें।
  इसके बाद आधार से जुड़ी बायोमेट्रिक पहचान (फिंगरप्रिंट या आईरिस) से पुष्टि करें।
  सबमिट करने पर UIDAI आपकी जानकारी वेरीफाई करेगा और आपको एक Jeevan Pramaan ID मिलेगी।


जीवन प्रमाण पत्र ऑनलाइन कैसे जनरेट करें?
  जब Pramaan ID बन जाए, तो पेंशनर को ऐप में दोबारा OTP के जरिए लॉगिन करना होगा।
  ‘Generate Jeevan Pramaan’ का ऑप्शन चुनें और अपना आधार नंबर और मोबाइल नंबर डालें।
  ‘Generate OTP’ पर क्लिक करें और जो OTP आए, उसे भरें। इसके साथ PPO नंबर, जिस एजेंसी से पेंशन मिलती है, आपका नाम और बाकी जरूरी जानकारी भी डालनी होगी।
  आधार की जानकारी से फिंगरप्रिंट और आईरिस के जरिए पहचान की पुष्टि करें।
  Jeevan Pramaan स्क्रीन पर दिखेगा और पेंशनर के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एक कन्फर्मेशन SMS भी आएगा।


किन्हें मिलेगा फायदा?
ये सुविधा उन सभी पेंशनर्स के लिए है जो सेंट्रल गवर्नमेंट, स्टेट गवर्नमेंट या अन्य सरकारी संस्थाओं से पेंशन पाते हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि अब हर साल पेंशन पाने के लिए बैंक या ऑफिस के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।


जीवन प्रमाण पत्र बनवाने के लिए जरूरी दस्तावेज
जीवन प्रमाण पत्र यानी डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र बनवाने के लिए पेंशनर को कुछ जरूरी दस्तावेज देने होते हैं।
- एक आधार नंबर
- एक चालू और रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर
- जीवन प्रमाण पत्र ऑनलाइन बनवाने के लिए सबसे पहले सरकार के जीवन प्रमाण पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करना होता है।


कौन बनवा सकता है जीवन प्रमाण पत्र?
जीवन प्रमाण पत्र उन्हीं लोगों के लिए है जो पेंशन लेते हैं। अगर आप केंद्र सरकार, राज्य सरकार या किसी सरकारी संस्था से रिटायर हुए हैं और आपको पेंशन मिलती है, तो आप इस डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र के लिए योग्य हैं।   




Digital Life Certificate via face authentication app: पेंशनर चाहें तो घर बैठे ही दें डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट, फेस ऑथेंटिकेशन एप के जरिये आसानी से तैयार हो जाएगा सर्टिफिकेट

डिजिटल रूप में जीवन प्रमाणपत्र जमा करने को चलाया जाएगा अभियान


प्रयागराज। पेंशनर चाहें तो घर बैठे भी डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट दे सकते हैं। केंद्रीय पेंशन एवं पेंशनर्स कल्याण विभाग उन्हें जागरूक करने के लिए डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट (डीएलसी) 4.0 अभियान चलाने जा रहा है। सर्टिफिकेट एक से 30 नवंबर बनाए जाएंगे।

पिछले तीन वर्षों में साढ़े चार करोड़ से अधिक डीएलसी जनरेट हुए हैं। अभियान को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए पेंशन एवं पेंशनर्स कल्याण विभाग ने बैंक, पेंशनरों के संगठन और अन्य संबंधित विभागों की जिम्मेदारी तय कर दी है।


पेंशनधारकों को इस तकनीक को सीखने में सक्षम बनाने के लिए उन्हें अपने मोबाइल में फेस ऑथेंटिकेशन एप डाउनलोड करने के लिए प्रोत्साहित करने का प्रयास किया जाएगा। पेंशन एवं पेंशनर्स कल्याण विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि सभी शाखाओं के समर्पित कर्मचारियों (भले ही वे चयनित शहरों/स्थानों के डीएलसी अभियान का हिस्सा न हों) के पास एंड्रॉइड/आईओएस फोन होना चाहिए, ताकि पेंशनधारक डीएलसी प्रमाणपत्र जमा करने के लिए शाखा में आते समय इस तकनीक का उपयोग कर सकें।

विभाग की ओर से दिशानिर्देश जारी किए गए हैं कि डिजिटल रूप में जीवन प्रमाणपत्र जमा करने को निरंतर प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। हालांकि, यह भी स्पष्ट किया गया है कि भौतिक जीवन प्रमाण पत्र देने के इच्छुक किसी भी पेंशनधारक को मना नहीं किया जाना चाहिए।



कोई भी बैंक या शाखा हो बनाना होगा डीएलसी 
विभाग की ओर से निर्देश दिए गए हैं कि बैंकों को शाखा में आने वाले सभी पेंशनधारकों के लिए डीएलसी तैयार करनी चाहिए, चाहे पेंशनभोगी का पेंशन खाता किसी भी बैंक/शाखा/पीडीए में हो। यह सुनिश्चित करने के लिए दैनिक अभ्यास करें कि प्रस्तुत सभी डीएलसी संसाधित हो गए हैं और पेंशनधारक को पुष्टिकरण एसएमएस भेज दिए गए हैं।


पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन की भूमिका भी महत्वपूर्ण
अभियान में पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन (पीडब्ल्यूए) को भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई है। पीडब्ल्यूए पेंशनभोगियों के घर/अस्पताल जाने के लिए अधिकारियों को नामित करेंगे जो अभियान स्थलों पर जाने में असमर्थ हैं। अपने सभी सदस्यों के बीच अभियान के बारे में व्यापक जागरूकता अभियान चलाएंगे और डीएलसी बनाने के लिए चेहरा प्रमाणीकरण पद्धति (फेस ऑथेंटिकेशन) से अवगत कराएंगे। स्थानीय बैंक/रक्षा/रेलवे/राज्य कोषागार/डाकघर/पीआईबी अधिकारियों के साथ समन्वय की जिम्मेदारी भी पीडब्ल्यूए के पास होगी।


मुफ्त स्वास्थ्य परीक्षण की भी सुविधाः पेंशन पेंशनर्स कल्याण विभाग ने सुझाव दिया है कि डिजिलट लाइफ सर्टिफिकेट के लिए आने वाले पेंशनरों को मुफ्त स्वास्थ्य परीक्षण की सुविध भी मुहैया कराई जा सकती है। इसके अलावा जो पेंशनर्स बीमार या बैंक तक आ पाने में सक्षम नहीं हैं, उनके आवास पर जाकर डीएलसी बनाया जाएगा। साथ ही 80 वर्ष से आधिक आयु वर्ग के पेंशनरों का डीएलसी उच्च प्राथमिकता के साथ बनाया जाए। 90 वर्ष या इससे अधिक आयु वर्ग का पेंशनरों को 30 सेकंड का वीडियो भी बनाया जाए।


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