इस बार शत प्रतिशत डिजिटल होगी जनगणना, नहीं होगा कागज का इस्तेमाल, एक जनवरी से जिले, तहसील, नगर निकाय और ग्राम पंचायतों के गठन पर रहेगी रोक
28 अक्टूबर 2025
लखनऊ : जनगणना 2027 की प्रक्रिया के चलते अगले वर्ष एक जनवरी से 31 मार्च 2027 तक राज्य में नए जिले, तहसील, नगर निकाय और ग्राम पंचायतों आदि के गठन पर रोक रहेगी। इस बार जनगणना पूरी तरह डिजिटल होगी। इसमें न तो कागज का इस्तेमाल होगा और न ही किसी रजिस्टर का। पूरा डेटा मोबाइल, टैब और आनलाइन प्लेटफार्म के माध्यम से दर्ज किया जाएगा। प्रदेश में जनगणना से पहले इसका पूर्व परीक्षण (प्री टेस्ट) 10 से 30 नवंबर तक बुलंदशहर जिले की अनूप शहर तहसील, बहराइच जिले की मिहींपुरवा तहसील और प्रयागराज नगर निगम के सात वार्डों में किया जाएगा।
मुख्य सचिव एसपी गोयल की अध्यक्षता में मंगलवार को आयोजित राज्य स्तरीय जनगणना समन्वय समिति की पहली बैठक में तैयारियों की रूपरेखा तय की गई। मुख्य सचिव ने सभी विभागों को जनगणना कार्य को मिशन मोड में संचालित करने और हर स्तर पर बेहतर समन्वय सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
यूपी जनगणना कार्य निदेशक शीतल वर्मा ने जनगणना 2027 की प्रक्रिया, समय-सीमा और डिजिटल स्वरूप से संबंधित प्रस्तुति दी। उन्होंने बताया कि इस बार जनगणना के लिए पूरी तैयारी डिजिटल प्लेटफार्म पर की जा रही है। मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में जनगणना 2027 पूरी तरह डिजिटल माध्यम से होगी। डेटा का संग्रह, प्रविष्टि, सत्यापन और निगरानी पूरी तरह आनलाइन प्रणाली से किया जाएगा। इसके लिए करीब छह लाख कार्मिकों को ड्यूटी पर लगाया जाएगा।
जनगणना में जो जहां है वहीं उसकी गिनती होगी, 1 फरवरी 2027 से 28 फरवरी 2027 की अवधि में होगी गिनती
सभी जिला जनगणना और चार्ज अधिकारियों को दिया गया प्रशिक्षण
30 जुलाई 2025
लखनऊ। प्रदेश के जिला जनगणना और चार्ज अधिकारियों को मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रशिक्षण दिया गया। उन्हें बताया गया कि 1 फरवरी 2027 से 28 फरवरी 2027 की अवधि में जो जहां होगा, वहीं उसकी गिनती की जाएगी। जनगणना निदेशालय और राजस्व परिषद ने संयुक्त रूप से यह ट्रेनिंग दी। अधिकारियों को एडीएम (वित्त) को जिला जनगणना अधिकारी बनाया गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में तहसीलदार और शहरी क्षेत्रों में अधिशासी अधिकारी (ईओ) जनगणना चार्ज अधिकारी बनाए गए हैं।
संबंधित नियमों से अवगत कराया। यहां बता दें कि सभी यूपी में 31 दिसंबर तक सभी परिवारों का चिह्नांकन किया जाएगा। जनगणना कर्मियों की ड्यूटी को भी तब तक अंतिम रूप दे दिया जाएगा। जो जेल में है, उसे जेल में गिना जाएगा और जो मानसिक अस्पताल में है, उसे अस्पताल में गिना जाएगा। गणना करने वाले कर्मी प्रत्येक गांव और मोहल्ले में जाएंगे।
निदेशक (जनगणना) शीतल वर्मा और राजस्व परिषद के विशेष कार्याधिकारी राजकुमार द्विवेदी ने प्रशिक्षण कार्यक्रम में मास्टर ट्रेनर की भूमिका निभाई। वहीं जिलों में जनगणना के लिए डीएम नोडल बनाए गए हैं। जबकि, नगर निगम क्षेत्रों में यह जिम्मेदारी नगर आयुक्तों की होगी।
लखनऊ। जनगणना की तैयारियां तेज हो गई हैं। सभी जिलों में एडीएम (वित्त एवं राजस्व) को जिला जनगणना अधिकारी नामित किया गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में तहसीलदार और नगरीय क्षेत्रों में अधिशासी अधिकारी या जोनल अधिकारी प्रभारी होंगे। सभी जिला जनगणना अधिकारियों को जनगणना की प्रारंभिक तैयारियों और कार्ययोजना से अवगत कराने के लिए 29 जुलाई को बैठक बुलाई गई है।