नौकरी छोड़ने पर 75% पीएफ राशि तुरंत मिलेगी
नई दिल्ली। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) की ओर से बुधवार को जारी किए स्पष्टीकरण से उन कर्मचारियों को बड़ी राहत मिली है, जो नौकरी छोड़कर अपना व्यवसाय या कारोबार शुरू करने की तैयारी में थे। पहले दावा किया जा रहा था नौकरी छोड़ने के 12 महीने बाद ही पूरी रकम निकाली जा सकेगी।
ईपीएफओ ने हाल में पीएफ निकासी के नियमों में बदलाव किए हैं। नौकरी छोड़ने या हटाए जाने में कर्मचारी पीएफ खाते से 12 महीने बाद रकम निकाल सकेगा। पेंशन खाते से 36 महीने बाद निकासी संभव होगी। इस नियम के बारे ईपीएफओ ने कहा नौकरी छोड़ने के तुरंत बाद कर्मचारी 75% राशि निकाल सकता है।
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नौकरी छोड़ने पर पहले पीएफ निकासी के नियम क्या थे?
अब तक यदि कोई ईपीएफओ सदस्य किसी भी कारण से दो महीने तक बेरोजगार रहता है तो वह अपने पीएफ और पेंशन (ईपीएस) खाते से पूरी रकम निकाल सकता था। लेकिन अब ईपीएफओ ने यह अवधि बढ़ा दी है।
अब नए नियम क्या हैं?
अब नौकरी छोड़ने के तुरंत बाद ही 75 फीसदी रकम पीएफ खाते से निकाली जा सकेगी। शेष रकम एक साल बाद निकालने की अनुमति होगी।
ईपीएफओ को नियमों क्यों बदलाव करना पड़ा?
संगठन के अनुसार, कोई अपनी नौकरी छूटने के दो माह बाद संपूर्ण राशि निकाल लेता था तो उसकी सेवा अवधि ब्रेक हो जाती थी। 10 साल की निरंतर सेवा पेंशन को अनिवार्य है। बार बार पैसा निकालने से 10 वर्ष की अनिवार्य सेवा पूरी नहीं हो पाती थी व कर्मचारी पेंशन के लाभ से वंचित रह जाता था।
बदले नियमों से सदस्यों का क्या फायदा होगा?
नए नियम पीएफ और पेंशन कोष से जल्द रकम निकालने की प्रवृत्ति को रोकेंगे। निकासी की अवधि बढ़ाने से कम लोग पीएफ खाता पूरी तरह बंद करेंगे, जिससे वे एक ही यूएएन खाते (यूनिवर्सल अकाउंट नंबर) के तहत जुड़े रहेंगे। इससे बेरोजगार सदस्य को दो माह फिर से रोजगार मिलता है तो वह ईपीएफओ की योजनाओं से बिना रुकावट के जुड़ा रहेगा। इससे उसकी सेवा अवधि की गणना जारी रहेगी और वह पेंशन पाने का पात्र बना रहेगा।
ईपीएफओ ने न्यूनतम सेवा की अवधि घटाई, अन्य बड़े फैसले भी लिए
बदलाव: 12 माह की सेवा अवधि में ही पीएफ राशि निकाल सकेंगे
नई दिल्ली। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) की केंद्रीय न्यासी बोर्ड बैठक में कर्मचारियों को राहत देने वाले कई अहम फैसले लिए गए। इसके तहत अब पीएफ खाते से सभी तरह की निकासियों के लिए न्यूनतम सेवा अवधि घटाकर सिर्फ 12 महीने कर दी गई है।
पहले आंशिक निकासी के लिए न्यूनतम सेवा अवधि पांच साल और शादी-विवाह के लिए निकासी की न्यूनतम सेवा अवधि सात साल थी। इसी तरह से ईपीएफओ खाते से धनराशि निकालने के लिए मौजूदा 13 प्रावधानों को खत्म कर तीन प्रावधानों को ही लागू करने का फैसला किया गया है। इससे निकासी प्रक्रिया और आसान हो जाएगी। इसके साथ ही अब ईपीएफओ सदस्यों को आवश्यक जरूरतें (बीमारी, शिक्षा, विवाह), आवास संबंधी जरूरतें और विशेष परिस्थिति दिखाकर खाते से पैसा निकाल सकेंगे। हालांकि, अंतिम दावा निपटान अवधि को बढ़ा दिया गया है। इसे दो महीने से बढ़ाकर 12 महीने कर दिया गया है।