NPS में पांच साल निवेश रखने की बाध्यता खत्म, PFRDA ने कर्ज के लिए खाते को गारंटी के रूप में रखने की छूट दी, देखें नए बदलाव को लेकर जारी गजट
60 फीसदी थी पहले निकासी की सीमा एनपीएस के तहत, 80 फीसदी कर दी गई है यह सीमा एनपीएस में नए बदलावों के तहत
नई दिल्ली । पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ने एनपीएस के तहत गैर-सरकारी क्षेत्र के निवेशकों के लिए पांच साल तक निवेश करने की शर्त को हटा दिया है। इससे उन लोगों को फायदा होगा जो किसी वजह से बीच में एनपीएस से बाहर निकलना चाहते हैं। हालांकि सरकारी कर्मचारियों के लिए यह लॉक-इन की शर्त अभी भी लागू रहेगी।
वहीं, अब एक निश्चित सीमा तक कर्ज लेने के लिए एनपीएस खाते को वित्तीय संस्थानों के समक्ष गारंटी के रूप में भी रखा जा सकता है। पीएफआरडीए ने कहा, ग्राहक विनियमित वित्तीय संस्थान से एक सीमा कर्ज ले सकेगा। इसके लिए वह एनपीएस से मिलने वाले किसी भी लाभको किसी भी रूप में हस्तांतरित, गारंटी, अनुबंध, आदेश, बिक्री या प्रतिभूति के रूप में रख सकता है।
इन बदलावों का मकसद गैर-सरकारी यानी निजी क्षेत्र से जुड़े निवेशकों को निवेश में पहले से ज्यादा लचीलापन देना है। नए नोटिफिकेशन में साफ तौर पर अनिवार्य समय-सीमा हटाने की बात नहीं कही गई है, लेकिन साथ ही इसमें कहीं भी एनपीएस से पैसे निकालने के संदर्भ में समय-सीमा का जिक्र नहीं है।
विशेष हालात में पूरे पैसे निकालना संभवः नए नियमों में कुछ खास स्थितियों के लिए भी राहत दी गई है। अगर कोई निवेशक भारतीय नागरिकता छोड़ता है, तो वह पूरा एनपीएस कोष एकमुश्त निकाल सकता है। निवेशक की मृत्यु होने पर जमा रकम नॉमिनी या कानूनी वारिस को दी जाएगी। अगर निवेशक लापता हो जाता है और मृत मान लिया जाता है, तो पहले 20 प्रतिशत रकम अंतरिम राहत के तौर पर दी जाएगी।
आठ लाख तक पूरी निकासी की सुविधा
अगर किसी निवेशक की कुल जमा पेंशन राशि आठ लाख रुपये या उससे कम है तो उसे एन्युटी प्लान खरीदने की जरूरत नहीं होगी। ऐसी स्थिति में पूरी रकम एक साथ या किश्तों में निकाली जा सकेगी। यदि कुल राशि आठ लाख से ज्यादा और बारह लाख से कम है तो छह लाख रुपये तक एकमुश्त निकासी का विकल्प मिलेगा। बची हुई राशि को नियमित भुगतान के रूप में लिया जा सकता है। यह नियम छोटे निवेशकों के लिए बड़ी राहत माना जा रहा है।
छोटे निवेशकों के लिए भी राहत के नियम
नए नियमों के तहत अगर किसी गैर-सरकारी निवेशक का एनपीएस कोष 12 लाख रुपये से ज्यादा है, तो अब वह 80 प्रतिशत रकम एकमुश्त निकाल सकता है। केवल 20 प्रतिशत रकम को ही एन्यूटी में लगाना जरूरी होगा। बची हुई रकम से कम से कम छह साल की अवधि के लिए एन्यूटी खरीदनी होगी। इससे रिटायरमेंट के समय निवेशकों के हाथ में ज्यादा रकम रहेगी और वे अपनी जरूरत के हिसाब से पैसों का इस्तेमाल कर सकेंगे।
85 साल की उम्र तक निवेश का विकल्प
नए संशोधन के तहत अब निवेशक चाहें तो 85 साल की उम्र तक एनपीएस में बने रह सकते हैं। हालांकि, अगर वे चाहें तो तय शर्तों के तहत पहले भी योजना से बाहर निकल सकते हैं। सामान्य तौर पर अब 15 साल की सदस्यता पूरी होने के बाद या 60 साल की उम्र, रिटायरमेंट या सुपरएनुएशन में से जो पहले हो, उस पर ली जा सर्कती है।