पेंशन नियामक संस्था पीएफआरडीए ने हाल ही में राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) से जुड़े नियमों में कई अहम बदलाव किए हैं। इसके तहत निवेशकों के लिए कई नए विकल्प उपलब्ध कराए गए हैं। इससे उनके हाथ में अधिक नकदी आएगी और वे अपनी पेंशन योजना बेहतर ढंग से नियोजित कर पाएंगे। इसके अलावा वे अब लंबे समय तक इस योजना में बने रह सकते हैं।
1. अब 85 की उम्र तक एनपीएस में रह सकेंगे
पहले एनपीएस में बने रहने की अधिकतम उम्र 75 साल थी अब सरकार ने इसे बढ़ाकर 85 साल कर दिया है। यानी सदस्य अब तक 85 साल की आयु तक एनपीएस में निवेश कर सकते हैं।
2. पेंशन के लिए सिर्फ 20% रकम जरूरी
निजी कर्मचारियों के लिए कुल कोष के 40% हिस्से से पेंशन प्लान यानी एन्यूटी खरीदने की बाध्यता खत्म कर दी गई है। अब सदस्य सेवानिवृत्त होने पर न्यूनतम 20% हिस्सा एन्युर्टी में लगा सकते हैं।
3. ये विकल्प भी मिलेंगे
अगर किसी सदस्य के एनपीएस खाते में कुल जमा राशि 8 लाख रुपये या उससे कम है, तो वह पूरी रकम एक साथ निकाल सकता है। ऐसा नहीं करने पर ये विकल्प मिलेंगे। सरकारी कर्मी 40% कोष से एन्यूटी ले सकते हैं। वहीं, निजी कर्मी 20% हिस्सा एन्यूटी में लगा सकते हैं।
4. किस्तों ले सकेंगे राशि
एनपीएस में किस्तों में रकम निकालने का विकल्प मिलेगा। ये सुविधा उन निवेशकों के लिए है, जिनका कुल कोष 8 से 12 लाख रुपये के बीच है। ऐसे निवेशक छह लाख रुपये एकमुश्त निकाल सकते हैं और बाकी रकम सिस्टेमैटिक यूनिट रिडम्प्शन (एसयूआर) के जरिए किस्तों में ले सकते हैं।
5. एसयूआर सुविधा को ऐसे समझें
1. सरकारी कर्मियों के लिए विकल्प
6 लाख रुपये एकमुश्त निकालें और बाकी रकम छह साल तक किस्तों में लें।
या
6 लाख नकद निकालें और बाकी रकम से पेंशन प्लान खरीदें। या
कुल फंड का 60% हिस्सा कर मुक्त निकालें और कम से कम 40% से एन्युटी खरीदे।
2 निजी कर्मियों के लिए विकल्प
6 लाख रुपये एकमुश्त निकाले और बाकी रकम छह साल तक किस्तों में ले।
या
6 लाख रुपए निकाले और बाकी रकम से पेंशन प्लान खरीदें। या
कुल फंड का 80% हिस्सा निकाल सकते हैं और सिर्फ 20% एन्यूटी में लगाना होगा
6. चार बार आंशिक निकासी संभव होगी
अब एनपीएस सदस्य 60 साल या सेवानिवृत्ति से पहले अधिकतम चार बार आंशिक निकासी कर सकेंगे। पहले ये सीमा तीन बार थी। यह भी ध्यान रखना होगा कि दो निकासी के बीच कम से कम चार साल का अंतर होना जरूरी है
7. 60 के बाद भी निकासी का विकल्प
जो लोग 60 साल के बाद भी योजना में बने रहना चाहते हैं, वो भी समय-समय पर रकम निकाल सकेंगे। इसमें दो निकासी के बीच तीन साल का गैप जरूरी होगा और आप अपने योगदान का अधिकतम 25% ही निकाल सकेंगे।