8th Pay Commission: सरकार ने मंगलवार को संसद में बताया कि आठवां वेतन आयोग पेंशन संशोधन पर भी अपनी सिफारिशें देगा। आठवें वेतन आयोग के गठन के बाद से केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के बीच सबसे बड़ी चिंता 'पेंशन रिविजन' को लेकर थी। कर्मचारी संगठनों की ओर से प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री को लिखे गए पत्रों और उठाई गई आपत्तियों के बीच, वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को राज्यसभा में स्थिति साफ की। सरकार ने संसद को बताया कि आठवां वेतन आयोग पेंशन संशोधन पर भी अपनी सिफारिशें देगा। हालांकि, महंगाई भत्ते (डीए) को मूल वेतन (बेसिक पे) में मिलाने की उम्मीद लगाए बैठे कर्मचारियों के लिए सरकार ने कोई संदेश नहीं दिया है।
संसद सदस्य जावेद अली खान और रामजी लाल सुमन ने अतारांकित प्रश्न के जरिए सरकार से पूछा था कि क्या 8वें वेतन आयोग के तहत पेंशन संशोधन प्रस्तावित नहीं है? इस पर लिखित जवाब देते हुए वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा, "आठवां केंद्रीय वेतन आयोग केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन, भत्ते और पेंशन आदि जैसे विभिन्न मुद्दों पर अपनी सिफारिशें देगा।" मंत्री के इस बयान ने उन तमाम अटकलों पर विराम लगा दिया है, जिनमें कहा जा रहा था कि आयोग के 'टर्म्स ऑफ रेफरेंस' (टीओआर) में पेंशन का जिक्र स्पष्ट नहीं है।
3 नवंबर को जारी हुई थी अधिसूचना
आठवें वेतन आयोग की प्रगति के बारे में जानकारी देते हुए मंत्री ने बताया कि सरकार ने 3 नवंबर, 2025 को आयोग के गठन और इसके लिए 'संदर्भ की शर्तों' (टीओआर) के साथ प्रस्ताव को अधिसूचित कर दिया है। इसके साथ ही आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति भी नवंबर की शुरुआत में कर दी गई थी।
क्या होता है टर्म्स ऑफ रेफरेंस
'टर्म्स ऑफ रेफरेंस' वेतन आयोग के लिए एक तरह की 'रूल बुक' होती है। इसी के दायरे में रहकर आयोग अपनी रिपोर्ट तैयार करता है। इसमें परिभाषाएं, नियम और कर्मचारी संगठनों की मांगें शामिल होती हैं। टीओआर का मसौदा संयुक्त परामर्शदात्री समिति तैयार करती है, जिसमें कर्मचारी संघों के प्रतिनिधि होते हैं। कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद वेतन आयोग इन्हीं शर्तों के आधार पर अपनी फाइनल रिपोर्ट तैयार करता है। मंगलवार को संसद में सरकार के जवाब से यह साफ हो गया है कि पेंशनभोगी 8वें वेतन आयोग के दायरे से बाहर नहीं हैं। यह स्पष्टीकरण कर्मचारी यूनियनों के लिए एक बड़ी जीत है, जो लगातार टीओआर (टीओआर) में संशोधन की मांग कर रहे थे। हालांकि, डीए मर्जर पर सरकार के इनकार से यह संकेत मिलता है कि वेतन ढांचे में बड़े बदलाव आयोग की फाइनल रिपोर्ट आने के बाद ही संभव होंगे।