नई दिल्ली। पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) ने एक बड़ा बदलाव किया है। इसके तहत अगर कोई यूपीएस में शामिल सरकारी कर्मचारी पेंशन नियमावली 2021 के तहत विकल्प का चयन नहीं करता है तो वह पेंशन से हाथ धो बैठेगा। अभी तक इस तरह का कोई विकल्प नहीं था। लेकिन अब इसे अधिसूचित कर दिया गया है।
पीएफआरडीए ने 23 दिसंबर को जारी अधिसूचना में कहा, अगर किसी सरकारी कर्मचारी की नौकरी 15 साल से कम है और उसने पेंशन नियमवाली 2021 के तहत विकल्प का चयन नहीं किया तो सेवाकाल के दौरान उसकी मौत या पूर्ण विकलांग होने की स्थिति में पेंशन शून्य हो जाएगी। हालांकि, उसके व्यक्तिगत कॉर्पस का सारा पैसा उसके परिवार को मिलेगा। अगर उसकी नौकरी 15 से 20 वर्ष के बीच है तो भी यही शर्त लागू होगी।
ऐसी स्थिति में यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) के तहत 20 साल से ऊपर नौकरी करने पर ही मौत और पूर्ण विकलांग के केस में पेंशन का लाभ मिलेगा। राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) में साफ प्रावधान था कि रिटायरमेंट से पहले कभी भी मौत या विकलांगता होने पर कर्मचारी और उसके परिवार को हक था कि वह दो विकल्पों में से किसी एक का चयन करे। प्रथम अपने अंशदान को ब्याज सहित वापस ले ले और पेंशन के रूप में अंतिम वेतन का महंगाई भत्ते के साथ 50 फीसदी ले ले। दूसरा एनपीएस फंड में जमा कुल कॉरपस में से 20% ले ले और 80% कॉर्पस से एन्यूटी खरीदकर पेंशन ले। पंद्रह वर्ष से कम नौकरी में मौत होने पर पहला विकल्प डिफॉल्ट के रूप में रहता था ताकि विकल्प भरा न होने पर भी लाभ मिले। अब इसमें बदलाव हो गया है।
अब व्यक्तिगत कॉरपस का सारा पैसा नॉमिनी को मिलेगा
अब पीएफआरडीए ने 15 वर्ष से कम की नौकरी में कर्मियों की मृत्यु या विकलांग होने के मामले में विकल्प भरा न होने की दशा में पेंशन शून्य करके व्यक्तिगत कॉरपस में जमा समस्त फंड, नॉमिनी को देने का प्रावधान कर दिया है। अखिल भारतीय एनपीएस कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष डॉ. मंजीत सिंह पटेल कहते हैं कि जब ये नियम लागू किए गए तो ऐसी स्थिति में 15 या 20 साल से कम नौकरी वाला नियम लाना जरूरी नहीं था। कर्मचारी ने विकल्प भरा हो या न भरा हो, 15 साल से कम नौकरी है तो कर्मचारी का अंशदान और 50 फीसदी पेंशन डिफॉल्ट के तौर पर मिलनी चाहिए।
कर्मचारियों के लिए निराशाजनक
यूपीएस में नए अव्यावहारिक और दुर्भावनापूर्ण बदलाव करना बहुत निराशाजनक है। इससे कर्मचारियों के मन में सरकार के प्रति नकारात्मकता पहुंचेगी। सरकार इस प्रावधान को तत्काल प्रभाव से रद्द करे और वॉलंटरी रिटायरमेंट मामलों में भी रिटायरमेंट के दिन से ही पेंशन का प्रावधान करे। -डॉ. मंजीत सिंह पटेल, अध्यक्ष अखिल भारतीय एनपीएस कर्मचारी महासंघ