एक जुलाई से आधार प्रमाणित उपयोगकर्ता को ही मिलेगा तत्काल टिकट, 15 जुलाई से तत्काल बुकिंग के लिए आधार आधारित ओटीपी प्रमाणीकरण भी अनिवार्य होगा
नई दिल्ली। रेल यात्रा के लिए एक जुलाई से केवल आधार प्रमाणित उपयोगकर्ता ही तत्काल टिकट बुक करा सकेंगे। तत्काल टिकट बुकिंग में होने वाले फर्जीवाड़े को रोकने और आम लोगों को राहत पहुंचाने के लिए रेल मंत्रालय ने यह अहम फैसला किया है।
मंत्रालय ने सभी जोनों को निर्देश दिए हैं कि एक जुलाई से तत्काल टिकट भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) की वेबसाइट / एप के जरिये केवल वही उपयोगकर्ता बुक करा सकेंगे, जिन्होंने आधार के जरिये सत्यापन कराया होगा। इसके बाद 15 जुलाई से तत्काल बुकिंग के लिए आधार आधारित ओटीपी प्रमाणीकरण भी अनिवार्य कर दिया जाएगा।
पीआरएस से टिकट बुक कराने पर होगी यह व्यवस्था
तत्काल टिकट रेलवे के कंप्यूटरीकृत पीआरएस यानी यात्री आरक्षण प्रणाली के काउंटरों/ अधिकृत एजेंटों के जरिये बुकिंग के लिए तभी उपलब्ध होंगे, जब सिस्टम से जारी ओटीपी का सत्यापन होगा। यह ओटीपी बुकिंग के समय उपयोगकर्ताओं के बताए मोबाइल नंबर पर भेजा जाएगा। इसे भी 15 जुलाई तक लागू कर दिया जाएगा।
अधिकृत एजेंटों पर भी सख्ती
रेल मंत्रालय के निर्देश के अनुसार, अधिकृत टिकटिंग एजेंट को तत्काल बुकिंग की खिड़की खुलने के पहले 30 मिनट के दौरान ओपनिंग डे तत्काल टिकट बुक करने की अनुमति नहीं होगी। खास तौर पर, उन्हें सुबह 10 बजे से 10:30 बजे तक वातानुकूलित श्रेणियों व सुबह 11 बजे से 11:30 बजे तक गैर-वातानुकूलित श्रेणियों के लिए तत्काल टिकट बुक करने से प्रतिबंधित किया जाएगा।
कन्फर्म टिकट निरस्त करने पर गंवाना पड़ेगा बड़ा हिस्सा कुमार ने बताया कि एक बार टिकट कन्फर्म होता है तो इसे रद्द करने पर यात्रियों को जुर्माने के रूप में टिकट की राशि का बड़ा हिस्सा खोना होगा। रद्दीकरण नीति के अनुसार कन्फर्म टिकट प्रस्थान से 48 घंटे से 12 घंटे पहले रद्द किया जाता है तो यात्रियों से किराये का 25 प्रतिशत शुल्क लिया जाएगा। प्रस्थान से 12 घंटे से चार घंटे पहले रद्द करने पर उनसे 50 प्रतिशत शुल्क लिया जाएगा। प्रस्थान से चार घंटे पहले या इसके बाद टिकट रद्द करने पर कोई शुल्क वापस नहीं होगा। अधिकारियों ने कहा कि टिकट रद्द होने के कारण खाली होने वाली सीट मौजूदा बुकिंग प्रणाली के माध्यम से भरी जाएंगी।
प्रस्थान से 24 घंटे पहले मिलेगी कन्फर्म टिकट की सूचना
रेलवे एक परीक्षण कर रहा है। इसके तहत प्रतीक्षा सूची में शामिल यात्रियों के टिकटों के बारे में ट्रेन के प्रस्थान से 24 घंटे पहले सूचना दी जाएगी। फिलहाल, यात्रियों को चार घंटे पहले सूचित किया जाता है। अधिकारियों ने बताया कि यात्रियों से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिलने के बाद ही प्रायोगिक परियोजना पर अमल किया जाएगा।
रेलवे बोर्ड के सूचना एवं प्रचार विभाग के कार्यकारी निदेशक दिलीप कुमार ने बताया, बीकानेर संभाग में यह परीक्षण कर रहे हैं। इसके तहत ट्रेन के रवाना होने से 24 घंटे पहले चार्ट तैयार किए गए। इससे लोग अपनी यात्रा की बेहतर योजना बना सकते हैं।
IRCTC Tatkal Ticket Booking : तत्काल टिकट की कालाबाजारी पर लगेगी रोक, अब ई-आधार के जरिए होगी बुकिंग, सरकार का बड़ा फैसला
नई दिल्ली। पिछले काफी समय से IRCTC यूजर्स की शिकायत रही है कि तत्काल टिकट की विंडो खुलते ही सारे टिकट बुक हो जाते हैं। रेलवे ने अपनी जांच में पाया कि इसकी वजह बॉट्स की मदद से टिकटों की कालाबाजारी करने वाले लोग हैं। इसकी रोकथाम के लिए अब सख्त उपाय किए जा रहे हैं, जिससे फर्जी अकाउंट्स पर रोक लगेगी और असली यात्रियों को प्राथमिकता से टिकट मिल सकेगा। रेलवे का मकसद है कि तकनीक के जरिए टिकट बुकिंग को ज्यादा सुरक्षित और पारदर्शी बनाया जाए।
IRCTC Tatkal Ticket Booking: भारतीय रेलवे ने तत्काल टिकट बुकिंग सिस्टम में बड़ा बदलाव करने का फैसला किया है। अब जल्द ही ई-आधार प्रमाणीकरण के जरिए तत्काल टिकट बुकिंग की जाएगी। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इस बदलाव का मकसद फर्जी बुकिंग पर लगाम लगाना है, ताकि जरूरतमंद और असली यात्रियों को समय पर कन्फर्म टिकट मिल सके।
कन्फर्म टिकट की दौड़ में अब भी पिछड़े यात्री
रेलवे के मुताबिक, हर दिन औसतन 2.25 लाख यात्री IRCTC के ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से तत्काल टिकट की कोशिश करते हैं। लेकिन बुकिंग खुलते ही टिकट इतने तेजी से भरते हैं कि अधिकांश यात्रियों को पहले ही मिनट में निराशा हाथ लगती है।
24 मई से 2 जून के आंकड़े बताते हैं कि एसी क्लास की बुकिंग खुलने के पहले ही मिनट में सिर्फ 5,615 टिकट बुक हो सके, जबकि संभावित टिकट संख्या 1.08 लाख थी। दस मिनट के भीतर ही 67,000 से ज्यादा टिकट भर गए, जो कुल तत्काल टिकटों का 62.5 फीसदी हिस्सा है। नॉन-एसी क्लास में भी पहले 10 मिनट में लगभग 66 फीसदी टिकट बिक गए।
इससे यह साफ है कि मांग बहुत ज्यादा है और सिस्टम में पहले से मौजूद यूजर अक्सर बाकी को पीछे छोड़ देते हैं। इसमें तत्काल टिकट की कालाबाजारी करने वाले बॉट्स अकाउंट की भी बड़ी संख्या रहती है।
13 करोड़ अकाउंट्स, आधार लिंक सिर्फ 1.2 करोड़
IRCTC पर 13 करोड़ से अधिक एक्टिव यूजर्स हैं, लेकिन इनमें से केवल 1.2 करोड़ यूजर्स ही आधार से वेरीफाइड हैं। रेलवे अब शेष खातों की जांच में जुट गया है। करीब 20 लाख अकाउंट्स को संदिग्ध मानते हुए उनके आधार व अन्य दस्तावेजों की जांच की जा रही है। रेलवे का कहना है कि जो अकाउंट्स फर्जी पाए जाएंगे, उन्हें निष्क्रिय कर दिया जाएगा।
आधार लिंक करने वालों को मिलेगी बुकिंग में वरीयता
रेलवे की योजना है कि जो यूजर्स अपना IRCTC अकाउंट आधार से लिंक कर लेंगे, उन्हें तत्काल टिकट बुकिंग खुलने के पहले 10 मिनट में प्राथमिकता मिलेगी। यानी सिस्टम पहले उनकी पहचान करेगा और फिर बुकिंग प्रोसेस को आगे बढ़ाएगा। इससे टिकटों की बॉट और स्क्रिप्ट से बुकिंग करने वालों पर लगाम लगेगी और सिस्टम ज्यादा पारदर्शी और निष्पक्ष बनेगा।
नया सिस्टम जल्द होगा लागू
रेलवे का मकसद है कि तकनीक के जरिए टिकट बुकिंग को ज्यादा सुरक्षित और पारदर्शी बनाया जाए। ई-आधार आधारित सिस्टम को जल्द ही लागू किया जाएगा। इसके बाद तत्काल टिकट बुक करने वालों को अपना आधार वेरिफाई कराना जरूरी होगा। इससे ऑनलाइन बुकिंग में दलालों की पकड़ कमजोर होगी और असली जरूरतमंद यात्रियों को कन्फर्म टिकट मिलने की संभावना बढ़ेगी।