Searching...
Thursday, June 19, 2025

ऑनलाइन काम करने में यूपी के अफसर-कर्मचारी बिहार से भी पीछे, मिशन कर्मयोगी योजना के आंकड़ों से हुआ खुलासा, कार्मिक विभाग ने जारी किया ब्योरा

ऑनलाइन काम करने में यूपी के अफसर-कर्मचारी बिहार से भी पीछे, मिशन कर्मयोगी योजना के आंकड़ों से हुआ खुलासा, कार्मिक विभाग ने जारी किया ब्योरा


लखनऊ। डिजिटल और ऑनलाइन कार्य करने की दक्षता व प्रशिक्षण हासिल में बिहार, यूपी से आगे निकल गया है। बिहार ने पूरे देश में झंडे गाड़े हैं। मिशन कर्मयोगी योजना के आंकड़ों से इसका खुलासा हुआ है। बिहार इसमें पूरे देश में पहले स्थान पर है, जबकि उत्तर प्रदेश दूसरे और आंध्र प्रदेश तीसरे स्थान पर है। प्रमुख सचिव नियुक्ति एवं कार्मिक ने इस सम्बंध में दो जून 2025 को बैठक कर इसका डेटा जारी किया।


बिहार में इस योजना के तहत 28 मई तक कुल 13,71,134 कर्मियों को प्रशिक्षण के लिए चिन्हित किया गया। इनमें से 9,67,886 कर्मियों का डिजिटल प्रशिक्षण व कोर्स पूरा करने के लिए नामांकन हुआ है। इनमें से बिहार के 6,43,784 कर्मचारियों ने ट्रेनिंग पूरी कर ली है। काम काज भी शुरू कर दिया है। इसके मुकाबले उत्तर प्रदेश में स्थिति चिंताजनक है। यहां 28 मई तक कुल 9,14,845 अधिकारी-कर्मचारी पंजीकृत हुए। इनमें से सिर्फ 1,30,936 कर्मियों का कोर्स के लिए पंजीकरण हुआ। इसमें से भी उक्त तिथि तक महज 74,096 की ही ट्रेनिंग पूरी हुई। यानी बिहार की तुलना में यूपी के कर्मचारी अभी मिशन कर्मयोगी के तहत डिजिटल कौशल प्रशिक्षण में काफी पीछे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 24 मई 2025 को दिल्ली में मिशन कर्मयोगी के बारे में बैठक की थी।


कर्मियों को किया जा रहा डिजिटल दक्ष

मिशन कर्मयोगी का मुख्य उद्देश्य अधिकारियों कर्मचारियों को पारंपरिक कार्य प्रणाली से आगे ले जाकर डिजिटल माध्यमों पर दक्ष बनाना है। इसके अंतर्गत उन्हें ई-ऑफिस, ई-गवर्नेस, ऑनलाइन फाइल निपटान, डिजिटल डाटा मैनेजमेंट, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, साइबर सुरक्षा जैसे विषयों पर ऑनलाइन पाठ्यक्रमों के जरिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके लिए केंद्र की ओर से कर्मयोगी प्लेटफॉर्म विकसित किया गया है, जहां पर विभागीय कर्मियों को उनके कार्य क्षेत्र के अनुसार कोर्स उपलब्ध कराए जा रहे हैं


यूपी में सिर्फ 14% नामांकन

मिशन कर्मयोगी के आंकड़ों पर नजर डालें तो बिहार में लगभग 70 प्रतिशत कर्मियों का नामांकन पूरा हो चुका है, जबकि उत्तर प्रदेश में यह प्रतिशत महज 14 के आसपास है। यूपी में डिजिटल दक्षता के मामले में अभी बहुत काम होना बाकी है।


संबन्धित खबरों के लिए क्लिक करें

GO-शासनादेश NEWS अनिवार्य सेवानिवृत्ति अनुकम्पा नियुक्ति अल्‍पसंख्‍यक कल्‍याण अवकाश आधार कार्ड आयकर आरक्षण आवास उच्च न्यायालय उच्चतम न्यायालय उच्‍च शिक्षा उत्तर प्रदेश उत्तराखण्ड उपभोक्‍ता संरक्षण एरियर एसीपी ऑनलाइन कर कर्मचारी भविष्य निधि EPF कामधेनु कारागार प्रशासन एवं सुधार कार्मिक कार्यवाही कृषि कैरियर कोर्टशाला कोषागार खाद्य एवं औषधि प्रशासन खाद्य एवम् रसद खेल गृह गोपनीय प्रविष्टि ग्रामीण अभियन्‍त्रण ग्राम्य विकास ग्रेच्युटी चतुर्थ श्रेणी चयन चिकित्सा चिकित्सा प्रतिपूर्ति चिकित्‍सा एवं स्वास्थ्य छात्रवृत्ति जनवरी जनसुनवाई जनसूचना जनहित गारण्टी अधिनियम धर्मार्थ कार्य नकदीकरण नगर विकास निबन्‍धन नियमावली नियुक्ति नियोजन निर्वाचन निविदा नीति न्याय न्यायालय पंचायत चुनाव 2015 पंचायती राज पदोन्नति परती भूमि विकास परिवहन पर्यावरण पशुधन पिछड़ा वर्ग कल्‍याण पीएफ पुरस्कार पुलिस पेंशन प्रतिकूल प्रविष्टि प्रशासनिक सुधार प्रसूति प्राथमिक भर्ती 2012 प्रेरक प्रोबेशन बजट बर्खास्तगी बाट माप बेसिक शिक्षा बैकलाग बोनस भविष्य निधि भारत सरकार भाषा मंहगाई भत्ता मत्‍स्‍य महिला एवं बाल विकास माध्यमिक शिक्षा मानदेय मानवाधिकार मान्यता मुख्‍यमंत्री कार्यालय युवा कल्याण राजस्व राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद राज्य सम्पत्ति राष्ट्रीय एकीकरण रोक रोजगार लघु सिंचाई लोक निर्माण लोक सेवा आयोग वरिष्ठता विकलांग कल्याण वित्त विद्युत विविध विशेष भत्ता वेतन व्‍यवसायिक शिक्षा शिक्षा शिक्षा मित्र श्रम संवर्ग संविदा संस्‍थागत वित्‍त सचिवालय प्रशासन सत्यापन सत्र लाभ सत्रलाभ समन्वय समाज कल्याण समाजवादी पेंशन समारोह सर्किल दर सहकारिता सातवां वेतन आयोग सामान्य प्रशासन सार्वजनिक उद्यम सार्वजनिक वितरण प्रणाली सिंचाई सिंचाई एवं जल संसाधन सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम सूचना सेवा निवृत्ति परिलाभ सेवा संघ सेवानिवृत्ति सेवायोजन सैनिक कल्‍याण स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन स्थानांतरण होमगाडर्स