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Friday, August 28, 2020

यूपी पंचायत चुनाव हो सकते हैं फरवरी-मार्च में, दो महीने के लिए ही बढ़ेगा प्रधानों का कार्यकाल

6:21 AM
यूपी पंचायत चुनाव हो सकते हैं फरवरी-मार्च में, दो महीने के लिए ही बढ़ेगा प्रधानों का कार्यकाल।

उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव टलने से जहां एक तरफ राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को अपनी तैयारी के लिए और समय मिलेगा। वहीं गांव की राजनीति में धनबल, बाहुबल व जातिवाद के नए समीकरण भी बनेंगे। प्रदेश सरकार के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक यह चुनाव छह महीने आगे बढ़ाए जाएंगे। इसका मतलब अब यह चुनाव अगले साल फरवरी व मार्च के महीनों में होने की उम्मीद है।
 
प्रधानों का कार्यकाल दो महीने के लिए ही बढ़ेगा
इस लिहाज से देखें तो ग्राम प्रधान व वार्ड सदस्यों का कार्यकाल दो महीने के लिए बढ़ेगा क्योंकि इनका कार्यकाल 25 दिसम्बर तक है ही।  जिला पंचायत अध्यक्ष का कार्यकाल 14 जनवरी तक है, इसलिए उनका कार्यकाल भी एक से दो महीने के लिए बढ़ सकता है। क्षेत्र पंचायत अध्यक्ष यानि ब्लाक प्रमुख का कार्यकाल 18 मार्च तक है इसलिए उनका कार्यकाल बढ़ाने की शायद ही जरूरत पड़े।

गांव में अपनी सरकार के बूते सूबे की हुकूमत हासिल करने की होगी कोशिश
 चूंकि वर्ष 2022 के फरवरी-मार्च में होने वाले विधान सभा चुनाव के लिए  अगला साल ही  चुनावी तैयारियों का भी साल होगा इसलिए सभी प्रमुख राजनीतिक दल गांव में अपनी सरकार बनवा कर सूबे की हुकूमत हासिल करने की जी-तोड़ कोशिश करेंगे। हालांकि पंचायत चुनाव राजनीतिक दलों के चुनाव चिन्ह पर नहीं होते, मगर यह सियासी दल इस चुनाव में प्रत्याशियों को समर्थन देते हुए बराबर सक्रिय रहते हैं। 

महंगे हो जाएंगे अगले चुनाव 
उधर छह महीने चुनाव आगे बढ़ने की वजह से अब भावी उम्मीदवारों को वोटरों को अपने पक्ष में बनाए रखने के लिए और ज्यादा संसाधन लगाने होंगे और 'समाज सेवा' में बराबर सक्रिय रहना होगा। इस लिहाज से अगले पंचायत चुनाव महंगे भी पड़ेंगे। 


चुनाव करवाने में लगेंगे चार से छह महीने 
जहां तक चुनाव आयोग की तैयारियों का सवाल है तो अभी तक परिसीमन की ही प्रक्रिया पूरी नहीं हो पायी है। आयोग को अभी तक 587 पूर्ण रूप से और 680 आंशिक रूप से शहरी क्षेत्र में शामिल पंचायतों का ब्यौरा मिला है। परिसीमन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद वोटर लिस्ट के पुनरीक्षण में कम से कम तीन महीने लगते हैं। 
इसके बाद चुनाव की अधिसूचना जारी होने से लेकर परिणाम घोषित होने तक 45 दिन लगेंगे। अगर चारों पदों का चुनाव एक साथ नहीं करवाया गया तो 85 दिन का समय लगेगा। वर्ष 2015 में दो चक्रों में दो-दो पदों के चुनाव करवाये गये थे।

-'वैसे तो हमारा कार्यकाल 25 दिसम्बर तक है। उसके बाद जब तक चुनाव नहीं हो जाते तब तक के बचे समय में अगर मौजूदा प्रधान को ही प्रशासक बनाएंगे तो सरकार के काम ठीक से हो सकेंगे और अगर एडीओ पंचायत जैसे अफसरों को प्रशासक बनाया गया तो फिर अफसरों की मनमानी चलेगी।'
-कन्हैया यादव, ग्राम प्रधान भदेसुवा मोहनलालगंज लखनऊ


-'कोरोना बीमारी के फैलाव को देखते हुए पंचायत चुनाव आगे बढ़ाना ही उचित रहेगा। हां, यह जरूर है कि अगला चुनाव काफी महंगा हो जाएगा क्योंकि चुनाव होने तक जनता को अपने पक्ष में बनाए रखने के लिए अब और ज्यादा दिनों तक संसाधन लगाने पड़ेंगे।'
    -विजय लक्ष्मी, ब्लाक प्रमुख विकास खंड मोहनलालगंज लखनऊ

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