Searching...
Wednesday, August 19, 2020

वित्त मंत्रालय ने करदाताओं को नए आईटीआर फॉर्म भरने में दी सहूलियत, होटल, स्कूल फीस में बड़े भुगतान का आईटीआर में नहीं करना होगा खुलासा

6:24 AM
होटल, स्कूल फीस में बड़े भुगतान का आईटीआर में नहीं करना होगा खुलासा

वित्त मंत्रालय ने करदाताओं को नए आईटीआर फॉर्म भरने में दी सहूलियत

नई दिल्ली। वित्त मंत्रालय ने करदाताओं को राहत देते हुए कहा है कि अब होटल और स्कूल फीस के रूप में बड़े भुगतान का आयकर रिटर्न (आईटीआर) में खुलासा नहीं करना होगा। इसका मतलब है कि करदाताओं को अपने आईटीआर में बड़ी राशि की लेनदेन की जानकारी नहीं देनी होगी। साथ ही सरकार का आईटीआर फॉर्म में संशोधन का कोई प्रस्ताव नहीं है। वित्त मंत्रालय
राशि की लेनदेन की जानकारी केवल यड पाटा का सूचना पर विदेश यात्रा, बड़े होटलों में खर्च और थर्ड पार्टी ही विभाग को देता है इसके जांच करता है विभाग बच्चों को महंगे स्कूल में पढ़ाने पर बड़ी

1. के सूत्रों ने यह जानकारी दी। इससे पहले कुछ रिपोर्ट में कहा गया था कि करदाताओं की संख्या बढ़ाने को आयकर विभाग जानकारी देने लायक वित्तीय लेनदेन की सूची के विस्तार की तैयारी में है। इसके तहत एक साल में होटल में किए गए 20,000 रुपये से ज्यादा के भुगतान, 50,000 से अधिक के जीवन बीमा प्रीमियम भुगतान, स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम के रूप में 20,000 से अधिक भुगतान व एक लाख से ज्यादा

है, जो बिजनेस क्लास की हवाई यात्रा, राशि खर्च तो करते हैं, लेकिन ने सही तरीके से कर चुकाया है नहीं। इसका इस्तेमाल आईटीआर दाखिल नहीं करते हैं या अपनी सालाना कमाई ईमानदार करदाताओं की जांच के लिए नहीं होता है। वित्त 2.5 लाख रुपये से कम दिखाते हैं। लेकिन, अब संबंधित मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि बड़ी राशि की लेनदेन कंपनी या थर्ड पार्टी के जरिए कर नहीं चुकाने वाले ऐसे के जरिए करदाताओं की पहचान करना बिना दखल वाली लोगों की जानकारी मिल जाएगी यह प्रावधान कर आधार

आयकर कानून के मुताबिक, बड़ी बाद विभाग जांच करता है कि व्यक्ति प्रक्रिया है। इसके तहत वैसे लोगों की पहचान की जाती को व्यापक बनाने के लिए किया गया है।

के दान और स्कूल/कॉलेज फीस के भुगतान जैसे लेनदेन की जानकारी देने के लिए रिटर्न फॉर्म का विस्तार

करने का प्रस्ताव है। सूत्रों ने कहा, वित्तीय लेनदेन के बयान (एसएफटी) के तहत किसी भी जानकारी के

विस्तार का मतलब है कि वित्तीय संस्थानों को ऐसे लेनदेन की सूचना आयकर विभाग को देनी होगी। 

सरकार का आईटीआर फॉर्म में संशोधन का नहीं है कोई प्रस्ताव, कर भुगतान से कतराते हैं लोग

सूत्रों के मुताबिक, यह बड़ी विडंबना है कि यह तथ्य सबके सामने है कि भारत में कर देने वाली की संख्या बहुत कम है और जिन लोगों को वास्तव में कर देना चाहिए, वे भी इसका भुगतान नहीं कर रहे हैं। इसलिए आयकर विभाग को कर पाने के लिए स्वैच्छिक कर अनुपालन पर ही निर्भर रहना पड़ता है। ऐसे में थर्ड पार्टी से मिली वित्तीय लेनदेन की सूचना के आधार पर बिना किसी हस्तक्षेप के उन करदाताओं का पता लगाना पड़ता है, जो कर नहीं चुकाते हैं।


संबन्धित खबरों के लिए क्लिक करें

GO-शासनादेश NEWS अनिवार्य सेवानिवृत्ति अनुकम्पा नियुक्ति अल्‍पसंख्‍यक कल्‍याण अवकाश आधार कार्ड आयकर आरक्षण आवास उच्च न्यायालय उच्‍च शिक्षा उच्चतम न्यायालय उत्तर प्रदेश उत्तराखण्ड उपभोक्‍ता संरक्षण एरियर एसीपी ऑनलाइन कर कर्मचारी भविष्य निधि EPF कामधेनु कारागार प्रशासन एवं सुधार कार्मिक कार्यवाही कृषि कैरियर कोर्टशाला कोषागार खाद्य एवं औषधि प्रशासन खाद्य एवम् रसद खेल गृह गोपनीय प्रविष्टि ग्रामीण अभियन्‍त्रण ग्राम्य विकास ग्रेच्युटी चतुर्थ श्रेणी चयन चिकित्सा चिकित्‍सा एवं स्वास्थ्य चिकित्सा प्रतिपूर्ति छात्रवृत्ति जनवरी जनसुनवाई जनसूचना जनहित गारण्टी अधिनियम धर्मार्थ कार्य नकदीकरण नगर विकास निबन्‍धन नियमावली नियुक्ति नियोजन निर्वाचन निविदा नीति न्याय न्यायालय पंचायत चुनाव 2015 पंचायती राज पदोन्नति परती भूमि विकास परिवहन पर्यावरण पशुधन पिछड़ा वर्ग कल्‍याण पीएफ पुरस्कार पुलिस पेंशन प्रतिकूल प्रविष्टि प्रशासनिक सुधार प्रसूति प्राथमिक भर्ती 2012 प्रेरक प्रोबेशन बजट बर्खास्तगी बाट माप बेसिक शिक्षा बैकलाग बोनस भविष्य निधि भारत सरकार भाषा मकान किराया भत्‍ता मत्‍स्‍य मंहगाई भत्ता महिला एवं बाल विकास माध्यमिक शिक्षा मानदेय मानवाधिकार मान्यता मुख्‍यमंत्री कार्यालय युवा कल्याण राजस्व राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद राज्य सम्पत्ति राष्ट्रीय एकीकरण रोक रोजगार लघु सिंचाई लोक निर्माण लोक सेवा आयोग वरिष्ठता विकलांग कल्याण वित्त विद्युत विविध विशेष भत्ता वेतन व्‍यवसायिक शिक्षा शिक्षा शिक्षा मित्र श्रम सचिवालय प्रशासन सत्यापन सत्र लाभ सत्रलाभ समन्वय समाज कल्याण समाजवादी पेंशन समारोह सर्किल दर संवर्ग संविदा संस्‍थागत वित्‍त सहकारिता सातवां वेतन आयोग सामान्य प्रशासन सार्वजनिक उद्यम सार्वजनिक वितरण प्रणाली सिंचाई सिंचाई एवं जल संसाधन सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम सूचना सेवा निवृत्ति परिलाभ सेवा संघ सेवानिवृत्ति सेवायोजन सैनिक कल्‍याण स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन स्थानांतरण होमगाडर्स