NPS से 80 फीसदी तक रकम निकाल सकेंगे, PFRDA ने रखा प्रस्ताव
नई दिल्ली। पेंशन फंड विनियामक और विकास प्राधिकरण ने राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली यानी एनपीएस से प्रस्ताव रखा है कि निवेशकों को 80 प्रतिशत तक एकमुश्त रकम निकालने की सुविधा मिलनी चाहिए और शेष 20 फीसदी रकम को एन्यूटी के रूप में पेंशन के लिए जमा रखना चाहिए। अब तक एनपीएस से बाहर निकलने पर निजी क्षेत्र के निवेशक केवल 60% राशि एकमुश्त निकाल सकते थे और बाकी 40% रकम अनिवार्य रूप से पेंशन के लिए एन्यूटी खरीदने में लगानी होती थी। नए प्रस्ताव के तहत यह नियम बदल जाएगा।
इस बदलाव से निजी क्षेत्र में नौकरी करने वाले अंशधारकों को एनपीएस में धन-प्रबंधन में ज्यादा स्वतंत्रता और बेहतर मुनाफा कमाने का मौका मिलेगा। इसका सीधा फायदा उन लोगों को होगा जो रिटायरमेंट पर ज्यादा नकदी हाथ में चाहते हैं। नियामक ने निजी क्षेत्र के अंशधारकों को 15 साल निवेश करने के बाद ही अपना पैसा निकालने और स्कीम से बाहर जाने देने का प्रस्ताव भी रखा है।
इसके अलावा एनपीएस में शामिल होने और बाहर निकलने की उम्र सीमा में भी वृद्धि करने की योजना है। अब तक 70 साल उम्र तक ही एनपीएस से जुड़ा जा सकता है। इस आयु सीमा को 75 वर्ष करने का प्रस्ताव है। इसी तरह, स्कीम से बाहर निकलने की अधिकतम उम्र 75 से बढ़ाकर 85 साल की जा सकती है। एनपीएस में निवेश अवधि के दौरान केवल 3 बार आंशिक निकासी की अनुमति है, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 6 बार करने का प्रस्ताव है। इससे निवेशकों को तरलता की ज्यादा सुविधा मिलेगी।
पीएफआरडीए ने यह भी प्रस्ताव रखा है कि निवेशक चाहें तो अपने एनपीएस खाते के आधार पर विनियमित वित्तीय संस्थानों से वित्तीय सहायता या कर्ज भी ले सकेंगे। यानी अब आपका एनपीएस खाता न सिर्फ रिटायरमेंट का सहारा बनेगा बल्कि जरूरत पड़ने पर तात्कालिक वित्तीय मदद का जरिया भी साबित होगा।