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Thursday, March 18, 2021

यूपी पंचायत चुनाव : 2015 के आधार पर आरक्षण के लिए अधिसूचना जारी, प्रक्रिया तय

यूपी पंचायत चुनाव : 2015 के आधार पर आरक्षण के लिए अधिसूचना जारी, प्रक्रिया तय

यूपी बोर्ड परीक्षा से पहले पंचायत चुनाव करवाने को आयोग ने तेज की तैयारी

यूपी में होने जा रहे त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव आगामी 24 अप्रैल से शुरू होने वाली बोर्ड परीक्षाओं से पहले ही करवा लिए जाने के लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने तैयारी शुरू कर दी है। हाईकोर्ट के 15 मार्च को जारी आदेश के बाद नए सिरे से पंचायत के विभिन्न पदों के आरक्षण और आरक्षित सीटों के आंवटन की प्रक्रिया शुरू होने के मद्देनजर यह माना जा रहा था कि इस प्रक्रिया में समय लगने की वजह से शायद पंचायत चुनाव के चलते बोर्ड परीक्षा के कार्यक्रम बाधित हों।

मगर प्रदेश सरकार के निर्देश पर आयोग ने बोर्ड परीक्षा के शुरू होने से पहले ही यानि 23 अप्रैल तक चार चरणों में ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत, क्षेत्र व जिला पंचायत सदस्य के चारों पदों के लिए मतदान करवा लेने की तैयारी तेज कर दी है। आयोग ने इन चुनावों के लिए जो प्रस्तावित कार्यक्रम तैयार किया है, उसके मुताबिक आगामी 26 या  27 मार्च को पंचायतीराज विभाग द्वारा आरक्षण प्रक्रिया पूरी कर यह पूरा ब्यौरा आयोग को सौंप दिया जाएगा। इसी क्रम में आयोग राज्य सरकार को चुनाव का प्रस्तावित कार्यक्रम भेज कर परामर्श मांगेंगा। प्रदेश सरकार राज्यपाल की अनुमति लेकर इस प्रस्तावित कार्यक्रम को स्वीकृति प्रदान करेगी और तदनुसार 27 या 28 मार्च को आयोग पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी कर देगा। अप्रैल के पहले सप्ताह से नामांकन प्रक्रिया शुरू हो जाएगी और पहले चरण का मतदान 10 अप्रैल को तथा आखिरी चरण का मतदान 22 या 23 अप्रैल को करवा लिया जाएगा। 

आज वीसी में होगी तैयारी की समीक्षा
हाईकोर्ट के आदेश का अनुपालन करते हुए चुनाव निर्धारित समय से करवाने के लिए ही राज्य निर्वाचन आयुक्त मनोज कुमार की अध्यक्षता में आयोग गुरुवार 18 मार्च को सभी मण्डलायुक्तों व जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कान्फ्रेंसिंग करेगा। अपर निर्वाचन आयुक्त वेद प्रकाश वर्मा ने बताया कि कान्फ्रेंसिंग में कानून-व्यवस्था, लाइसेंसी हथियारों को जमा करवाए जाने की प्रगति, जिलों में चुनाव सामग्री पहुंचने, चुनाव कार्मिकों की तैनाती व उनके प्रशिक्षण आदि के बारे में अब तक हुई तैयारी का जायजा लिया जाएगा।

प्रदेश सरकार ने उच्च न्यायालय के आदेश के मुताबिक 2015 को आधार मानते हुए नए सिरे से चक्रानुकम आरक्षण प्रक्रिया का बुधवार को निर्धारण कर दिया है। शासन ने जिला पंचायत अध्यक्षों की आरक्षण सूची जारी की है। किस जिले में कितनी क्षेत्र पंचायत किस श्रेणी के लिए आरक्षित होंगी यह भी तय हो गया है। ग्राम प्रधानों, ग्राम पंचायत सदस्यों के आरक्षण निर्धारण की प्रक्रिया तय कर दी है। पंचायतीराज विभाग ने आरक्षण निर्धारण का कार्यक्रम जारी किया है। सभी जिलाधिकारियों को 26 मार्च तक आरक्षण एवं आवंटन की अंतिम सूची का प्रकाशन कराना होगा।


इस तरह अब हाईकोर्ट के आदेश के मुताबिक पंचायतों में आरक्षण व चुनाव कराने का रास्ता साफ हो गया है। प्रदेश कैबिनेट ने मंगलवार को यूपी पंचायत राज (स्थानों और पदों का आरक्षण और आवंटन) बारहवां संशोधन नियमावली, 2021 को मंजूरी दी थी। कैबिनेट की मंजूरी के बाद विभाग ने बुधवार को 2015 को आधार वर्ष मानकर पंचायतों के चक्रानुक्रम आरक्षण लागू करने के लिए अधिसूचना जारी की।


समय सारिणी
 17 मार्च : जिला पंचायत अध्यक्ष पद का आरक्षण व आवंटन जारी करना, क्षेत्र पंचायत प्रमुख का जिलावार आरक्षण चार्ट जारी करना, निदेशालय की ओर से विकासखंड वार प्रधानों के पदों का आरक्षण चार्ट तैयार कर जिलों को उपलब्ध कराना।

18 से 19 मार्च : जिला स्तर पर आरक्षित ग्राम पंचायत प्रधानों, क्षेत्र पंचायत प्रमुखों का आवंटन, जिला पंचायत, क्षेत्र पंचायत, ग्राम पंचायत के प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्रों के आरक्षण एवं आवंटन का जिला मजिस्ट्रेट की ओर से प्रस्ताव तैयार करने की अवधि।

20 से 22 मार्च : आरक्षित ग्राम पंचायत प्रधानों, क्षेत्र पंचायत प्रमुखों का आवंटन, जिला पंचायत क्षेत्र पंचायत, ग्राम पंचायत के प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्रों के आरक्षण एवं आवंटन की प्रस्तावित सूची का जिला मजिस्ट्रेट के स्तर से प्रकाशन।

20 से 23 मार्च : प्रस्तावों पर आपत्तियां प्राप्त करना ।

24 से 25 मार्च : जिला मुख्यालय पर जिला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय में एकत्रित आपत्तियों का जिला मजिस्ट्रेट की अध्यक्षता में गठित कमेटी द्वारा निस्तारण करना ।

26 मार्च : जिला मजिस्ट्रेट की ओर से आरक्षित ग्राम पंचायत के प्रधानों, क्षेत्र पंचायत प्रमुखों का आवंटन, जिला पंचायत, क्षेत्र पंचायत, ग्राम पंचायत के प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्रों के आरक्षण एवं आवंटन की अंतिम सूची का प्रकाशन, पंचायतीराज निदेशालय एवं जिला निर्वाचन अधिकारी को विवरण उपलब्ध कराना।  


इतने पद आरक्षित
जिला पंचायत अध्यक्ष : अनुसूचित जनजाति के पद शून्य, अनुसूचित जाति के 16 व अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 20 पद


क्षेत्र पंचायत प्रमुख : अनुसूचित जनजाति के पद 5, अनुसूचित जाति के पद 171, अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 223 पद
ग्राम पंचायत प्रधान : अनुसूचित जनजाति के 330 पद, अनुसूचित जाति के 12,045 व अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 15712 पद


ऐसे होगा खंड में प्रधान पदों का आवंटन
अनुसूचित जनजातियों, अनुसूचित जातियों और पिछड़े वर्ग के लिए प्रधानों के आरक्षित पदों की संख्या उस विकास खंड में अलग-अलग ग्राम पंचायतों को उनके प्रादेशिक क्षेत्र की कुल जनसंख्या में क्रमश: अनुसूचित जनजातियों, अनुसूचित जातियों, पिछड़े वर्गों की जनसंख्या के अनुपात के अवरोही क्रम में आवंटित की जाएगी।

संबंधित विकास खंड में ग्राम पंचायतों में से वह ग्राम पंचायत जिसके प्रादेशिक क्षेत्र में अनुसूचित जनजातियों की जनसंख्या का अनुपात सबसे अधिक हो, वह एसटी को आवंटित की जाएगी। वह ग्राम पंचायत जिसके प्रादेशिक क्षेत्र में अनुसूचित जातियों की जनसंख्या का अनुपात सबसे अधिक होगा वह एससी को आवंटित की जाएगी।

वह ग्राम पंचायत जिसके प्रादेशिक क्षेत्र में पिछड़े वर्ग की जनसंख्या का अनुपात सबसे अधिक होगा वह ओबीसी वर्ग को आवंटित की जाएगी। लेकिन इस प्रकार जहां तक हो सके पंचायत के सामान्य निर्वाचन वर्ष 2015 में अनुसूचित जनजातियों को आवंटित ग्राम पंचायत वापस एसटी वर्ग को ही आवंटित नहीं की जाएगी। अनुसूचित जाति को आवंटित ग्राम पंचायत इस बार एससी को ही आवंटित नहीं की जाएगी। पिछड़े वर्ग को आवंटित ग्राम पंचायत इस बार पिछड़े वर्ग को आवंटित नहीं की जाएगी।

ऐसे होगा प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्रों का आवंटन
सबसे पहले ग्राम पंचायत क्षेत्र के विभिन्न प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्रों (वार्डों) को अनुसूचित जनजातियों, अनुसूचित जातियों और पिछड़े वर्र्गों की जनसंख्या या परिवारों की संख्या और प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्र (वार्ड) की कुल जनसंख्या में से आरक्षित श्रेणी की जनसंख्या को घटाकर सामान्य आबादी की जनसंख्या के अवरोही क्रम में व्यवस्थित किया जाएगा।

यदि एक से अधिक वार्ड में आरक्षित वर्ग या सामान्य आबादी की जनसंख्या समान होगी तो कम संख्या वाले वार्ड अवरोही क्रम में पहले रखा जाएगा। अधिक संख्या वाले वार्ड को अवरोही क्रम में बाद में रखा जाएगा। इसी प्रकार यदि वार्डों में किसी आरक्षित वर्ग या सामान्य आबादी की संख्या शून्य होगा कम क्रमांक वाले वार्ड को अवरोही क्रम में पहले और अधिक क्रमांक वाले वार्ड को बाद में रखा जाएगा।

यह रहेगा आरक्षण का क्रम
1. अनुसूचित जनजाति की महिलाएं
2. अनुसूचित जनजाति
3. अनुसूचित जाति की महिलाएं
4 अनुसूचित जाति
5.पिछड़े वर्ग की महिलाएं
6. पिछड़े वर्ग
7. महिलाएं


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