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Saturday, March 4, 2017

प्रॉविडेंट फंड की तर्ज पर ग्रैच्युटी भी हो सकेगी ट्रांसफर, सरकार हर कर्मचारी को एक यूनिक नंबर अलॉट करेगी

8:31 AM


⚫ 5 साल से पहले नौकरी छोड़ने वालों को नहीं होगा ग्रैच्युटी का नुकसान

नई दिल्ली। सरकार ग्रैच्युटी के मामले में एक बड़ा बदलाव करने का मन बना रही है। इस बदलाव के तहत 5 साल से पहले नौकरी छोड़ने पर कर्मचारियों को ग्रैच्युटी का नुकसान नहीं होगा। यानी उन्हें ग्रैच्युटी का पैसा मिलेगा। प्रॉविडेंट फंड (पीएफ) की तर्ज पर ग्रैच्युटी भी ट्रांसफर होगी। इसके लिए सरकार हर कर्मचारी को एक यूनिक नंबर अलॉट करेगी। इसके लिए लेबर मिनिस्ट्री, पेमेंट ऑफ ग्रैच्युटी एक्ट में बदलाव करने पर विचार कर रही है।




लेबर मिनिस्ट्री के सूत्रों के अनुसार सरकार की कोशिश है कि ग्रैच्युटी का फायदा ज्यादा से ज्यादा लोगों को मिले। इसके लिए वह जल्द ही ट्रेड यूनियनों के प्रतिनिधियों, इंडस्ट्री के लोगोें के साथ बातचीत करेगी। इस बैठक 5 साल से पहले नौकरी छो़ड़ने पर भी कर्मचारियों को इसका पैसा देने आैर ग्रैच्युटी को यूनिक नंबर देकर ट्रांसफर करने के लायक बनाने पर भी विस्तार से बातचीत होगी। अगर सहमति बनी तो इस योजना को जल्द ही अमलीजामा पहनाया जाएगा आैर कोशिश की जाएगी कि जल्द से जल्द इसे लागू किया जाए।





सरकार की स्टडी रिपोर्ट
लेबर मिनिस्ट्री ने अपनी स्टडी में पाया है कि प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले लोग जल्दी जल्द नौकरी बदलते हैं। इसके अलावा कांट्रैक्ट पर काम करने वाले कर्मचारियों को भी ठेकेदार जब जी चाहे एक जगह से हटा कर दूसरी जगह पर लगा देते हैं। ऐसे में कर्मचारियों को ग्रैच्युटी का नुकसान होता है। मौजूदा समय में तय नियम के अनुसार ग्रैच्युटी के लिए एक कंपनी में कम से कम 5 साल की सर्विस होना अनिवार्य है। अगर कोई 5 साल से पहले कंपनी छोड़ देता है तो उसे सीटीसी पैकेज से कटा हुआ पैसा भी नहीं मिलता है। इससे कर्मचारियों को काफी नुकसान होता है।





सरकार की क्या है सोच
लेबर मिनिस्टर बंडारु दत्तात्रेय का कहना है कि हमारी यानी सरकार की यही कोशिश है कि लेबर सेक्टर में नीतियों में एेसा बदलाव किया जाए, जिससे कर्मचारियों को फायदा हो, साथ में कंपनियों पर बोझ न पड़े आैर उत्पादकता बढ़े। 





यही कारण है कि लेबर मिनिस्ट्री की पिछली बैठक में प्राइवेट कंपनियों के कर्मचारियों द्वारा नौकरी छोड़ने पर 10 लाख की बजाय 20 लाख रुपये तक ग्रैज्युटी देने पर सहमति बनी थी। संसद के इसी सत्र में ग्रैज्युटी में बदलाव संबंधी बिल पेश होगा। फिलहाल 10 लाख रुपये तक ग्रैच्युटी मिलती है। गौरतलब है कि सातवां वेतन आयोग लागू होने के बाद केंद्रीय कर्मचारी अधिकतम 20 लाख रुपये की ग्रैच्युटी के हकदार हो गए हैं। 




वहीं अभी 15 दिन के वेतन बराबर ग्रैच्युटी मिलती है, लेकिन अब 30 दिन के वेतन के बराबर ग्रैच्युटी मिलेगी। इसके अलावा ग्रैच्युटी के तौर पर 1 साल की सर्विस के लिए 30 दिन की सैलरी देन का प्रस्ताव है। सरकार के इस फैसले से करीब 4 करोड़ कर्मचारियों को फायदा होगा। इस फैसले पर अमल के लिए पेमेंट ऑफ ग्रैच्युटी एक्ट, 1972 में जरूरी बदलाव किया जाएगा।

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