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Sunday, March 19, 2017

नौकरी के लिए पंजीयन होगा अनिवार्य, आवेदन पत्र में भरना होगा पंजीकरण नंबर

10:03 AM

⚫  महानिदेशालय के प्रस्ताव को लागू करने तैयारी
⚫  आवेदन पत्र में भरना होगा पंजीकरण नंबर



सेवायोजन : भर्ती पर रहेगी पैनी नजर 125 कर्मचारियों से ऊपर की सभी निजी व सरकारी कंपनियों को नौकरी रिक्तियों की संख्या और भर्ती की पूरी जानकारी सेवायोजन विभाग को उपलब्ध करानी होगी। कोई भी संस्था यदि बिना बताए भर्ती करेगी तो उसके ऊपर जुर्माने का के प्रावधान को सख्ती से लागू होगा। भर्ती पर पैनी नजर होने की वजह से हर तीन महीने में भर्ती का डाटा कंपनियों को उपलब्ध कराना होगा। सेवायोजन विभाग रोजगार मेला लगाकर भर्ती करने की सुविधा भी कंपनियों को देना होगा।


लखनऊ : प्रदेश सरकार बदलने के साथ ही अब महानिदेशालय के पंजीयन अनिवार्य करने के प्रस्ताव को हरी झंडी देने की तैयारी शुरू हो गई है। नौकरी के लिए आवेदन करने वाले सभी युवाओं को कार्यालय में पंजीकरण का नंबर डालना होगा। इसके पीछे मंशा यह है कि नौकरी पाने वाले युवाओं और बेरोजगारों की सही संख्या का पता चल सके और निजी संस्थाओं के नौकरी देने की हकीकत का भी खुलासा हो सके।




पिछली सरकार ने बेरोजगारी भत्ते का एलान क्या किया कि कार्यालय में उमड़ी बेरोजगारों की भीड़ ने पंजीयन के रजिस्टर को ही भर दिया। 40 लाख पंजीकृत बेरोजगारों की संख्या बढ़कर 72 लाख हो गई। भत्ता तो भले ही 12 लाख बेरोजगारों का मिला हो, लेकिन भत्ते की चाहत ने सन्नाटे में रहने वाले कार्यालय को गुलजार कर दिया था। अब सरकार बदल गई है। युवाओं को नौकरी देने का वायदा भी सरकार के मुख्य एजेंडे में शामिल है तो पूर्व में भेजे गए प्रस्ताव पर मोहर लगाने की तैयारी शुरू हो गई है। पंजीयन की अनिवार्यता से बेरोजगार युवाओं का डाटा तैयार किया जाएगा। इसके साथ ही भारत सरकार की ओर से प्रस्तावित एकीकृत पंजीयन प्रणाली में उनका रजिस्ट्रेशन होगा और फिर प्रदेश के बेरोजगारों को नौकरी के अधिक अवसर मिलेंगे।




प्रदेश में पंजीकृत बेरोजगार : राजधानी समेत प्रदेश के 92 कार्यालय में ऑनलाइन पंजीयन कराया जा सकता है। (यूपी.एनआइसी.इन) के माध्यम से बेरोजगार पंजीयन करा सकते हैं। अनपढ़ से लेकर पीएचडी और इंजीनियरिंग से लकर डॉक्टरी की डिग्री लेने वाले युवा अपना पंजीयन करा सकते हैं। कार्यालयों में पंजीकृत बेरोजगारों की संख्या 66 लाख है जबकि राष्ट्रीय कौशल विकास योजना के तहत पंजीयन कराने वाले युवाओं की संख्या 35 लाख है। यह संख्या एक करोड़ को पार कर रही है।




महानिदेशालय के प्रावधानों के आधार पर अभी तक भर्ती आयोग को छोड़कर नौकरियों के लिए पंजीयन अनिवार्य है। महानिदेशालय के पंजीयन की अनिवार्यता की मंशा के अनुरूप विभाग तैयार है। ऑनलाइन पंजीयन से कार्यालयों पर लगने वाली भीड़ को रोका जा सकेगा।  - राजेंद्र प्रसाद, निदेशक, प्रशिक्षण

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