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Thursday, January 14, 2016

15000 सहायक अध्यापकों की भर्ती मामले में राहत


हाईकोर्ट ने 15 हजार सहायक अध्यापकों की भर्ती के मामले में ऐसे अभ्यर्थियों की नियुक्ति रद्द करने के आदेश पर रोक लगा दी है, जिनको नियुक्ति पत्र प्राप्त हो चुके हैं। इनकी नियुक्तियां प्रदेश सरकार ने 14 दिसंबर 2015 केआदेश से रद्द कर दी थी। अंकित सिंह और चार अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश न्यायमूर्ति पीकेएस बघेल ने दिया है। प्रकरण के अनुसार प्राथमिक विद्यालयों में 15 हजार सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए एक दिसंबर 2015 को विज्ञापन जारी किया गया था। बीईएलएड (बैचलर इन एलीमेंट्री एजूकेशन) डिग्री धारकोें ने भी भर्ती प्रक्रिया में शामिल करने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की। कोर्ट ने बीईएलएड डिग्री धारकों को भी प्रक्रिया में शामिल करने का निर्देश देते हुए कहा कि चयन प्रक्रिया इस याचिका के निर्णय के आधीन होगी। इस दौरान चयन पा चुके कुछ अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र जारी कर दिए गए। मगर कोर्ट का आदेश आने के बाद उनकी नियुक्तियों को एक दिसंबर 2015 को यह कहते हुए रद्द कर दिया गया कि बीईएलएड डिग्री धारकों को भी शामिल करने के बाद नियुक्ति पत्र जारी किए जाएंगे।

HIGH COURT OF JUDICATURE AT ALLAHABAD 

Court No. - 7 

Case :- WRIT - A No. - 968 of 2016 

Petitioner :- Ankit Singh And 4 Others 

Respondent :- State Of U.P. And 3 Others 

Counsel for Petitioner :- Siddharth Khare,Ashok Khare 

Counsel for Respondent :- C.S.C.,Ashok Kumar Yadav 

Hon'ble Pradeep Kumar Singh Baghel,J. 

The submission of learned Counsel for the petitioners is that the petitioners have been appointed vide order dated 9.11.2015. The appointment was subject to the decision of Writ-A No. 59443 of 2015 (Anil Kumar Maurya & others v. State of U.P. & others), wherein the following directions were issued: 

"In view of the said submission the petitioners are allowed to participate in the ensuing counselling, however, if they are selected, their appointment shall abide by the result of this writ petition.
Having regard to the facts of the case, I find that in the interest of justice, a general direction be issued upon the respondents as under: 

(i) The similarly placed persons whose names are in the mother list, shall be allowed provisionally to participate in the counselling; and, 

(ii) In case they are selected, in their appointment letters it would be clearly mentioned that their appointments shall be subject to the result of this writ petition. 
The above general direction is issued with a view to save the invaluable time of this Court from spate of the writ petitions on the similar grounds." 

Against the said order, two separate special appeals i.e. Special Appeal No. 801 of 2015 (Ajit Mishra & anothre v. State of U.P. & others) and Special Appeal Defective No. 774 of 2015 (Santosh Kumar & others v. State of U.P. & others) were filed which were dismissed on 2.11.2015 and 23.11.2015 respectively. It is stated that all the petitioners, in pursuance of their appointment letters, have joined their respective institutions. In the meantime vide order dated 10.11.2015 the appointment of the petitioners was kept in abeyance. Later on, by the impugned order dated 14.12.2015 their appointment has been cancelled. 

It is urged by the learned Senior Advocate that the said orders purported to have been passed subsequent to a decision dated 4.12.2015, whereby the candidates who have passed their Four-Year Bachelor of Elementary Education (B.El.Ed.) have also been found to be eligible for the appointment and for their adjustment/ appointment the impugned order has been said to be passed. 

It is averred in the writ petition that in entire State of U.P. there are hardly hundred candidates who possess the said degree i.e. Four-Year Bachelor of Elementary Education (B.El.Ed.), thus there is no justification to terminate the services of the petitioners. 

Matter needs consideration. 

Learned Standing Counsel appears for the State functionaries and Sri A.K. Yadav, learned Advocate has put in appearance on behalf of respondent nos. 3 & 4. They may seek the instructions in the matter. 

Put up this case in the additional cause list on 22.2.2016. Till then the effect and operation of the impugned orders dated 10.11.2015 and 14.12.2015 shall remain stayed. 

Order Date :- 12.1.2016
DS/- 

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