प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आदेश के अवकाश की मांग खारिज करने पर उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग के निदेशक को व्यक्तिगत रूप से तलब किया है। पूछा है कि क्यों न उनके खिलाफ अदालत की अवमानना कार्यवाही शुरू की जाए। यह न केवल अदालत की अवमानना का मुद्दा है बल्कि महिला कर्मचारी के सांविधानिक अधिकारों का हनन भी है।
यह आदेश न्यायमूर्ति अजित कुमार की अदालत ने सुशीला पटेल की ओर से दाखिल याचिका पर दिया है। मिर्जापुर में तैनात याची उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग में तैनात हैं। उसने दूसरी बार मातृत्व अवकाश मांगा था, जिसे विभाग ने यह कहते हुए खारिज कर दिया कि दो प्रसवों के बीच दो साल का अंतर आवश्यक है।
आदेश में कहा गया कि 2024 में याची की ओर से दाखिल एक अन्य याचिका में कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि 2022 में स्मृति गुड्डी के मामले में इस बिंदु पर कानून तय हो चुका है कि ऐसा कोई कठोर नियम नहीं है। इसके बावजूद दिसंबर 2024 में निदेशक ने पुनः अवकाश की मांग अस्वीकार कर दिया। इससे खफा कोर्ट ने निदेशक के खिलाफ अवमानना नोटिस जारी कर एक सितंबर को अदालत में व्यक्तिगत रूप से तलब किया है।