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Thursday, August 28, 2025

चकबंदी के लिए अब गांव के 75 प्रतिशत खाताधारक किसानों की सहमति जरूरी

चकबंदी के लिए अब गांव के 75 प्रतिशत खाताधारक किसानों की सहमति जरूरी


लखनऊ। उत्तर प्रदेश में किसी भी राजस्व ग्राम में अब चकबंदी तभी होगी, जब उस गांव के 75 फीसदी खाताधारक (किसान) अपनी लिखित सहमति देंगे। इस बारे में मुख्यालय स्तर से सभी जिलाधिकारियों को निर्देश भेज दिए गए हैं। अभी तक ग्राम प्रधान और ग्राम पंचायत के चुने हुए सदस्यों के बहुमत से भेजा गया प्रस्ताव भी चकबंदी के लिए मान्य होता था।


प्रदेश में कुल राजस्व ग्रामों की संख्या 107529 है। इनमें से 6974 गांवों में एक बार भी चकबंदी नहीं हुई है। चकबंदी विभाग के मुताबिक, इनमें से मात्र 1767 ग्राम ही ऐसे हैं, जिनमें अब चकबंदी हो सकती है। शेष गांवों में पहाड़ी जमीन होने, नदी के कटान वाले गांव, बहुत बड़े पैमाने पर भूमि अधिग्रहण वाले गांव और अधिकतर भाग वन भूमि में होने के चकबंदी नहीं हो सकती है।

चकबंदी विभाग का कहना है कि चकबंदी किसानों की सुविधा के लिए की जाती है। कई बार चकबंकी की प्रक्रिया शुरू होते ही गांवों में विरोध शुरू हो जाता है। कोर्ट केस भी हो जाते हैं। इसलिए सभी जिलाधिकारियों को यह निर्देश भेज दिए गए हैं कि चकबंदी की प्रक्रिया शुरू करने से पहले उस गांव के 75 फीसदी गाटा संख्या धारकों यानी किसानों की सहमति ले ली जाए। यह सहमति लिखित में होगी और इसके लिए किसानों से भरवाया जाना वाला प्रारूप भी भेज दिया गया है।


आंकड़े एक नजर में

उत्तर प्रदेश में कुल राजस्व ग्रामों की संख्या: 107529
राजस्व ग्राम जहां पहले चक्र की चकबंकी हो चुकी है : 100555
ग्रामों की संख्या जहां एक बार भी चकबंदी नहीं हुई : 6974
चकबंदी से छूटे गांव जो चकबंदी के लिए उपयुक्त हों: 1767

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