Searching...
Wednesday, December 2, 2020

मकानमालिकों को इनकम टैक्स विभाग ने दी राहत, अब इस किराए पर नहीं देना होगा टैक्स

मकानमालिकों को इनकम टैक्स विभाग ने दी राहत, अब इस किराए पर नहीं देना होगा टैक्स


इनकम टैक्‍स अपीलेट ट्रिब्यूनल (ITAT) की मुंबई बेंच ने किराए से होने वाली इनकम के बारे में बताया है कि यदि किसी संपत्ति के मालिक को किराएदार किराया नहीं दे रहा है तो संपत्ति के मालिक को उस इनकम पर टैक्स नहीं भरना होगा.


नई दिल्ली: अगर आपके घर में किराएदार रहते हैं तो आप किराए से होने वाली आय पर लगने वाले टैक्स के बारे में जरूर जान लें. इनकम टैक्‍स अपीलेट ट्रिब्यूनल (ITAT) की मुंबई बेंच ने किराए से होने वाली इनकम के बारे में बताया है कि यदि किसी संपत्ति के मालिक को किराएदार किराया नहीं दे रहा है तो संपत्ति के मालिक को उस इनकम पर टैक्स नहीं भरना होगा.  आप यह खबर शासनादेश डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं।  ITAT के इस फैसले से काफी लोगों को राहत मिलेगी. बता दें कोरोना में कई मकान मालिक को कोरोना में किराया नहीं मिल रहा था, लेकिन इसके बार में भी उनको टैक्स देना पड़ रहा था.


किस इनकम पर देना होगा टैक्स?

आपको बता दें इस नए आदेश के मुताबिक, ITAT ने कहा कि अगर कोई किराएदार 12 में से सिर्फ 8 महीने का किराया देता है तो टैक्सपेयर्स को सिर्फ 8 महीनों की इनकम पर ही टैक्स देना होगा.


ट्रिब्यूनल ने क्या कहा?
इस मामले पर बातचीत करते हुए ITAT ने कहा कि किराए पर तब ही टैक्स लगाया जाना चाहिए जब टैक्सपेयर को किराया मिला हो. या फिर किराया मिलने की पूरी संभावना हो.
इस कंडीशन में लगाए जाना टैक्स गलत है
इसके अलावा अगर किराएदार से किराया मिलने की कोई उम्मीद नहीं है तो ऐसे में किराए पर इनकम टैक्स की ओर से कोई लगाया जाना पूर्णतः गलत तथा अवैधानिक है तथा ऐसा एडिशन डिलीट किया जाए.


पहले ऐसा माना जाता था...?
आपको बता दें पहले वाली स्थिति में ऐसा माना जाता था कि मकान मालिक को तो किराया मिलना ही है इसीलिए उससे वित्त वर्ष में किराए की आय पर लगने वाला टैक्स वसूला जाता था, लेकिन अब ये माना गया है कि हो सकता है कि किरायेदार अगर किराया दे ही नहीं पता है तो मकान मालिक पर टैक्स का बोझ डालना गलत है इसीलिए जो किराया मिला ही नहीं है उसे आपकी सालाना इनकम में नहीं जोड़ा जाएगा.


मरम्मत के लिए किरायेदार से वसूले गए पैसों को भी माना जाएगा आय
हाल ही में दिल्ली हाई कोर्ट ने एक फैसला सुनाया है जिसके अनुसार किरायेदार के मकान खाली करने के बाद उससे मकान के डैमेज होने पर मरम्मत के लिए लिया गया पैसा भी इनकम टैक्स के दायरे में आएगा. इसे भी प्रॉपटी से हुई आय ही माना जाएगा.

संबन्धित खबरों के लिए क्लिक करें

GO-शासनादेश NEWS अनिवार्य सेवानिवृत्ति अनुकम्पा नियुक्ति अल्‍पसंख्‍यक कल्‍याण अवकाश आधार कार्ड आयकर आरक्षण आवास उच्च न्यायालय उच्‍च शिक्षा उच्चतम न्यायालय उत्तर प्रदेश उत्तराखण्ड उपभोक्‍ता संरक्षण एरियर एसीपी ऑनलाइन कर कर्मचारी भविष्य निधि EPF कामधेनु कारागार प्रशासन एवं सुधार कार्मिक कार्यवाही कृषि कैरियर कोर्टशाला कोषागार खाद्य एवं औषधि प्रशासन खाद्य एवम् रसद खेल गृह गोपनीय प्रविष्टि ग्रामीण अभियन्‍त्रण ग्राम्य विकास ग्रेच्युटी चतुर्थ श्रेणी चयन चिकित्सा चिकित्‍सा एवं स्वास्थ्य चिकित्सा प्रतिपूर्ति छात्रवृत्ति जनवरी जनसुनवाई जनसूचना जनहित गारण्टी अधिनियम धर्मार्थ कार्य नकदीकरण नगर विकास निबन्‍धन नियमावली नियुक्ति नियोजन निर्वाचन निविदा नीति न्याय न्यायालय पंचायत चुनाव 2015 पंचायती राज पदोन्नति परती भूमि विकास परिवहन पर्यावरण पशुधन पिछड़ा वर्ग कल्‍याण पीएफ पुरस्कार पुलिस पेंशन प्रतिकूल प्रविष्टि प्रशासनिक सुधार प्रसूति प्राथमिक भर्ती 2012 प्रेरक प्रोबेशन बजट बर्खास्तगी बाट माप बेसिक शिक्षा बैकलाग बोनस भविष्य निधि भारत सरकार भाषा मत्‍स्‍य मंहगाई भत्ता महिला एवं बाल विकास माध्यमिक शिक्षा मानदेय मानवाधिकार मान्यता मुख्‍यमंत्री कार्यालय युवा कल्याण राजस्व राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद राज्य सम्पत्ति राष्ट्रीय एकीकरण रोक रोजगार लघु सिंचाई लोक निर्माण लोक सेवा आयोग वरिष्ठता विकलांग कल्याण वित्त विद्युत विविध विशेष भत्ता वेतन व्‍यवसायिक शिक्षा शिक्षा शिक्षा मित्र श्रम सचिवालय प्रशासन सत्यापन सत्र लाभ सत्रलाभ समन्वय समाज कल्याण समाजवादी पेंशन समारोह सर्किल दर संवर्ग संविदा संस्‍थागत वित्‍त सहकारिता सातवां वेतन आयोग सामान्य प्रशासन सार्वजनिक उद्यम सार्वजनिक वितरण प्रणाली सिंचाई सिंचाई एवं जल संसाधन सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम सूचना सेवा निवृत्ति परिलाभ सेवा संघ सेवानिवृत्ति सेवायोजन सैनिक कल्‍याण स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन स्थानांतरण होमगाडर्स