Searching...
Saturday, March 23, 2024

लोकसभा चुनाव में पुरानी पेंशन के लिए फिर होगी पेशबंदी, पुरानी पेंशन योजना की बहाली का बड़ा दबाव राजनीतिक दलों पर नजर आ रहा

लोकसभा चुनाव में पुरानी पेंशन के लिए फिर होगी पेशबंदी, पुरानी पेंशन योजना की बहाली का बड़ा दबाव राजनीतिक दलों पर नजर आ रहा 

⁉️ सवाल जो चुभ रहा

नई पेंशन इतनी अच्छी तो जनप्रतिनिधि क्यों नहीं ले रहे?



लखनऊ। पुरानी पेंशन योजना की बहाली का बड़ा दबाव राजनीतिक दलों पर नजर आ रहा है। इंडिया गठबंधन में सपा व कांग्रेस इसे प्रमुखता से उठाने की तैयारी में हैं। राहुल गांधी अपनी न्याय यात्रा में इस मुद्दे को पुरजोर तरीके से उठा चुके हैं। भाजपा भी इस मुद्दे से खुद को दूर नहीं कर पा रही है। केंद्र सरकार द्वारा बनाई गई कमेटी जो सुझाव व प्रस्ताव मिले हैं, उसके अध्ययन में जुटी है। कुल मिलाकर यह चुनाव कर्मचारियों के नजरिये से आशा की एक किरण के रूप में है।


पुरानी पेंशन की बहाली के लिए आंदोलित कर्मचारियों की नजरें राजनीतिक दलों के चुनावी घोषणापत्र पर लगी हैं। काबिलेगौर होगा कि सपा कांग्रेस के साथ ही बसपा क्या अपने घोषणापत्र में इसे शामिल कर किस तरह की उम्मीद बंधाते हैं और उनके दावे में कितना दम होगा।

(साभार : हिंदुस्तान)


कैसे गुजरेगा बुढ़ापे में सुरक्षित जीवनः देश के पांच करोड़ कर्मचारी सीधे-सीधे पुरानी पेंशन बहाली, आठवें वेतन आयोग का गठन व आउटसोर्स कर्मियों की सेवा सुरक्षा की नियमावली पर राजनीतिक दलों का रुझान भांपने में लगे हैं। कर्मचारी सवाल उठा रहे हैं कि सरकार रिटायर होने के बाद उनके गुजर-बसर की क्या गारंटी देगी?


नई पेंशन इतनी अच्छी तो जनप्रतिनिधि क्यों नहीं ले रहे सचिवालय संघ के अध्यक्ष अर्जुन देव भारती कहते हैं: नई पेंशन योजना इतनी ही अच्छी है तो राजनेता इसे खुद क्यों नहीं अपनाते हैं? सांसदों के साथ ही विधायक, विधान परिषद सदस्य सभी के लिए पुरानी पेंशन योजना ही है। वहीं 30-35 साल सेवा के बाद कर्मचारियों को इससे वंचित करने का काम किया गया है। पुरानी पेंशन बहाली हर हाल में होनी चाहिए।


 पुरानी पेंशन मुद्दे पर मोदी सरकार ने भी बनाई है समितिः इंडियन पब्लिक सर्विस इंप्लाइज फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीपी मिश्रा कहते हैं कि पश्चिम बंगाल, राजस्थान, केरल, छत्तीसगढ़ और तमिलनाडु की सरकारें अपने कर्मचारियों को पुरानी पेंशन दे रही हैं। लगातार आंदोलनों के बाद पिछले साल मोदी सरकार ने इस मुद्दे पर रिपोर्ट देने के लिए वेतन समिति का गठन किया। कर्मचारी नेताओं ने समिति को बताया कि एनपीएस के तहत सरकारें जो 14 फीसदी अंशदान कर रही है, उतने से ही सरकारें पुरानी पेंशन दे सकती हैं।


वेतन से काटी राशि शेयर बाजार में लगाने का विरोध, राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष हरिकिशोर तिवारी अब भाजपा के नेता बन गए हैं। 2022 विधानसभा चुनाव के समय सपा में थे। सपा के चुनावी एजेंडे में पुरानी पेंशन बहाली को शामिल कराने में इनकी बड़ी भूमिका थी। वह बताते हैं कि भारत सरकार द्वारा पुरानी पेंशन बहाली के मुद्दे पर बनाई गई कमेटी तेजी से अपना काम कर रही है। बीते 14 मार्च को इस कमेटी की अहम बैठक भी हुई है। राज्यसभा सांसद दिनेश शर्मा को भी इस कमेटी में अहम जिम्मेदारी मिली है। हरिकिशोर का कहना है कि नई पेंशन योजना में कर्मचारियों का पेंशन फंड शेयर बाजार में लगाए जाने का विरोध होगा।


वर्ष 2005 से लागू हुई है नई पेंशन योजना

यूपी में 2005 में पुरानी पेंशन बंद कर दी गई थी। इसके बाद से सरकारी सेवा में आए सभी कर्मचारी नई पेंशन योजना (एनपीए) से आच्छादित हैं


विधानसभा चुनाव में सपा ने इसे बनाया था मुद्दा

2022 के विधानसभा चुनाव में सपा ने इसे मुद्दा बनाया था। 2017 में सपा की सीटें 47 थीं तो 2022 में सपा और सहयोगियों की सीटें 125 पहुंच गईं।



विधायकों के वेतन-भत्ते में हुई है 926 फीसदी वृद्धि

1950 की तुलना में कर्मचारियों व शिक्षकों के वेतन में करीब 127 फीसदी की वृद्धि हुई है। जबकि विधायकों के वेतन भते में करीब 926 फीसदी वृद्धि हुई ।



वित्तीय वर्ष 2024-25 में प्रदेश सरकार ने करीब 12 लाख पुरानी पेंशन योजना से आच्छादित पेंशनर्स, पारिवारिक पेंशनर्स के लिए बजट में करीब 86487 करोड़ का प्राविधान किया है। इस प्रकार हर महीने यूपी सरकार पर पेंशन देने के लिए करीब 7207 करोड़ रुपये का खर्च आ रहा है। यूपी में करीब आठ से दस लाख कर्मचारी नई पेंशन स्कीम (एनपीएस) से आच्छादित हैं।

संबन्धित खबरों के लिए क्लिक करें

GO-शासनादेश NEWS अनिवार्य सेवानिवृत्ति अनुकम्पा नियुक्ति अल्‍पसंख्‍यक कल्‍याण अवकाश आधार कार्ड आयकर आरक्षण आवास उच्च न्यायालय उच्‍च शिक्षा उच्चतम न्यायालय उत्तर प्रदेश उत्तराखण्ड उपभोक्‍ता संरक्षण एरियर एसीपी ऑनलाइन कर कर्मचारी भविष्य निधि EPF कामधेनु कारागार प्रशासन एवं सुधार कार्मिक कार्यवाही कृषि कैरियर कोर्टशाला कोषागार खाद्य एवं औषधि प्रशासन खाद्य एवम् रसद खेल गृह गोपनीय प्रविष्टि ग्रामीण अभियन्‍त्रण ग्राम्य विकास ग्रेच्युटी चतुर्थ श्रेणी चयन चिकित्सा चिकित्‍सा एवं स्वास्थ्य चिकित्सा प्रतिपूर्ति छात्रवृत्ति जनवरी जनसुनवाई जनसूचना जनहित गारण्टी अधिनियम धर्मार्थ कार्य नकदीकरण नगर विकास निबन्‍धन नियमावली नियुक्ति नियोजन निर्वाचन निविदा नीति न्याय न्यायालय पंचायत चुनाव 2015 पंचायती राज पदोन्नति परती भूमि विकास परिवहन पर्यावरण पशुधन पिछड़ा वर्ग कल्‍याण पीएफ पुरस्कार पुलिस पेंशन प्रतिकूल प्रविष्टि प्रशासनिक सुधार प्रसूति प्राथमिक भर्ती 2012 प्रेरक प्रोबेशन बजट बर्खास्तगी बाट माप बेसिक शिक्षा बैकलाग बोनस भविष्य निधि भारत सरकार भाषा मत्‍स्‍य मंहगाई भत्ता महिला एवं बाल विकास माध्यमिक शिक्षा मानदेय मानवाधिकार मान्यता मुख्‍यमंत्री कार्यालय युवा कल्याण राजस्व राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद राज्य सम्पत्ति राष्ट्रीय एकीकरण रोक रोजगार लघु सिंचाई लोक निर्माण लोक सेवा आयोग वरिष्ठता विकलांग कल्याण वित्त विद्युत विविध विशेष भत्ता वेतन व्‍यवसायिक शिक्षा शिक्षा शिक्षा मित्र श्रम सचिवालय प्रशासन सत्यापन सत्र लाभ सत्रलाभ समन्वय समाज कल्याण समाजवादी पेंशन समारोह सर्किल दर संवर्ग संविदा संस्‍थागत वित्‍त सहकारिता सातवां वेतन आयोग सामान्य प्रशासन सार्वजनिक उद्यम सार्वजनिक वितरण प्रणाली सिंचाई सिंचाई एवं जल संसाधन सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम सूचना सेवा निवृत्ति परिलाभ सेवा संघ सेवानिवृत्ति सेवायोजन सैनिक कल्‍याण स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन स्थानांतरण होमगाडर्स