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Tuesday, May 23, 2023

सरकार कराएगी ई-जनगणना

सरकार कराएगी ई-जनगणना 


नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, मोदी सरकार अब इलेक्ट्रॉनिक तरीके से जनगणना कराएगी। इसमें हर व्यक्ति को डाटा भरने का अधिकार होगा, उसका सत्यापन और ऑडिट होगा और इसमें सामाजिक-आर्थिक स्थिति के 35 से अधिक मापदंडों को शामिल किया गया है। सरकार ऐसी व्यवस्था करने जा रही है कि जैसे ही एक व्यक्ति 18 वर्ष का होगा, चुनाव आयोग उससे सूचना लेकर उसका वोटर कार्ड बना देगा


इलेक्ट्रॉनिक जनगणना में सभी का डाटा संरक्षित होगा

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने सोमवार को नई दिल्ली में जनगणना भवन का उद्घाटन करते हुए कहा कि मोदी सरकार अब इलेक्ट्रॉनिक तरीके से जनगणना कराएगी, जिसमें हर व्यक्ति को डेटा भरने का अधिकार होगा।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि काफी सालों तक हमारे देश का विकास मांग आधारित और टुकड़ों में होता रहा है। उन्होंने कहा कि इतने बड़े भौगोलिक विविधता वाले देश में अगर सर्वस्पर्शीय और सर्वसमावेशक विकास करना है तो ये बहुत ज़रूरी है कि विकास की प्लानिंग डेटा के आधार पर हो और डेटा के लिए हमारे पास जनगणना के सिवा और कोई साधन नहीं है। शाह ने कहा कि देश को पूरी तरह, सर्वस्पर्शीय और सर्वसमावेशी रूप से विकसित करने का आधार नई जनगणना होगी।


पहले सटीक नहीं थी जनगणना
 उन्होंने कहा कि पहले जनगणना सटीक नहीं थी, जनगणना और विकास की योजना बनाने वाले लोगों के बीच कोई कड़ी नहीं थी।


18 वर्ष का होते ही बन जाएगा वोटर कार्ड
शाह ने कहा कि मोदी सरकार ऐसी व्यवस्था करने जा रही है कि जैसे ही एक व्यक्ति 18 वर्ष का होता है, चुनाव आयोग उससे सूचना लेकर उसका वोटर कार्ड बना देगा। इसी प्रकार किसी की मृत्यु होने पर नाम मतदाता सूची से हटा लिया जाएगा।


विकास को रेखांकित करने वाली प्रक्रिया
जनगणना के लिए जियोफेंसिंग के साथ एसआरएस अपग्रेडेड मोबाइल एप्लीकेशन एक ऐसा अलर्ट सिस्टम बनाए जिससे जनगणना करने वाले आवंटित क्षेत्र से बाहर ना जा सकें।


वेबपोर्टल भी शुरू किया
अमित शाह ने जन्म और मृत्यु पंजीकरण के लिए वेबपोर्टल, जियोफेंसिंग के साथ अपग्रेडेड एसआरएस मोबाइल एप्लीकेशन और जनगणना प्रकाशनों की ऑनलाइन बिक्री के वेबपोर्टल का भी शुभारंभ किया।


जन्म मृत्य पंजीकरण अहम
अमित शाह ने कहा कि जन्म और मृत्यु का पंजीकरण किसी भी देश के लिए महत्वपूर्ण है। ये दो जनगणनाओं के बीच विकास की योजना बनाने में मदद देता है। आज 1981 से अभी तक की सभी जनगणनाओं के इतिहास को एक पुस्तक में संकलित करके प्रकाशित किया गया है।

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