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Friday, February 3, 2023

इनकम टैक्स विभाग का कैलकुलेटर ही बताएगा किस आयकर व्यवस्था में फायदा?

नौकरी पेशा को हर साल आयकर की नई या पुरानी व्यवस्था का विकल्प चुनने की आजादी, कारोबारियों के लिए विकल्प केवल एक बार


करदाता अपनी हर साल की आय के हिसाब से आयकर की नई या पुरानी व्यवस्थाओं में से किसी एक को चुन सकते हैं। हालांकि, कारोबारियों के लिए विकल्प केवल एक ही बार है। लेकिन नौकरीपेशा के लिए विकल्प चुनने की कोई सीमा नहीं है।

इनकम टैक्स विभाग का कैलकुलेटर ही बताएगा किस आयकर व्यवस्था में फायदा? 


सरकार आयकर के आकलन के लिए जारी नई व्यवस्था को आसान बनाने पर काम कर रही है। इसके लिए आयकर विभाग जल्द ही अपने पोर्टल पर ऐसे कैलकुलेटर की व्यवस्था करने जा रहा है जिससे करदाता खुद ही आकलन कर सकेगा कि उसके लिए नई व्यवस्था बेहतर है या फिर पुरानी।



केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के अध्यक्ष नितिन गुप्ता ने बताया कि सरकार ने लोगों को उनकी इच्छा और सुविधा के हिसाब से निवेश करने की सुविधा दी है। इससे सरकारी खजाने पर बोझ जरूर पड़ेगा लेकिन टैक्स संग्रह ज्यादा प्रभावी होने से उसकी भरपाई करने की कोशिश भी होती रहेगी। उन्होंने कहा, कंपनियों में टैक्स के मामले में हमने यह प्रयोग किया था और वहां 60 फीसदी आय नई व्यवस्था की ओर आई है। 


उन्होंने कहा, प्रभावी उपायों से टैक्स चोरी रुकी है, आने वाले दिनों में इसे और बेहतर किया जाएगा। हमने अपडेटेड रिटर्न स्कीम शुरू की है। करदाता की त्रुटियां बताने के बाद इस में करीब 10 लाख लोगों ने पेनाल्टी के साथ अपडेटेड रिटर्न दाखिल किए हैं।


विकल्प चुनने की आजादी करदाता अपनी हर साल की आय के हिसाब से आयकर की नई या पुरानी व्यवस्थाओं में से किसी एक को चुन सकते हैं। हालांकि, कारोबारियों के लिए विकल्प केवल एक ही बार है लेकिन नौकरीपेशा के लिए विकल्प चुनने की कोई सीमा नहीं है।


दो दिन में रिफंड मिलेगा करदाताओं को रिफंड मिलने का समय घटकर 16 दिन हो गया है। विभाग नए टैक्स इनफॉर्मेशन नेटवर्क पर काम कर रहा है। इससे रिफंड जारी होने के बाद एक-दो दिन में ही खाते में आ जाएगा।


जोड़-घटाव की जरूरत नहीं सीबीडीटी चेयरमैन के अनुसार, नई व्यवस्था में लोगों को कुछ जोड़-घटाव करने की जरूरत नहीं है क्योंकि इसमें पुराने के मुकाबले छूट खत्म कर दी गई है।


हम आयकर पोर्टल पर एक कैलकुलेटर भी लेकर आएंगे जो पुरानी और नई स्कीम के अंतर को व्यक्तिगत आधार पर बता सके। इसके बाद लोग अपने हिसाब से स्कीम चुन सकेंगे।

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