Searching...
Sunday, May 1, 2022

यूपी में एक ही नीति पर पांच साल होंगे सरकारी कर्मियों के तबादले, ट्रांसफर पॉलिसी पर काम जारी, अंतिम फैसला लेंगे सीएम योगी

यूपी में एक ही नीति पर पांच साल होंगे सरकारी कर्मियों के तबादले, ट्रांसफर पॉलिसी पर काम जारी, अंतिम फैसला लेंगे सीएम योगी


समूह क, ख कर्मी जिले में 3 वर्ष से अधिक रहेंगे, लेकिन समूह ग के कर्मियों का तबादला होता रहेगा



लखनऊ। राज्य सरकार नई तबादला नीति पांच साल के लिए लाने जा रही है। हर साल केवल तबादले के लिए समय-सीमा तय की जाएगी। इसी नीति पर अधिकारियों और कर्मचारियों को स्थानांतरित किया जाएगा। नई नीति में समूह क व ख के कर्मियों को एक ही जिले में तीन साल व मंडल में सात साल में हटाने की अनिवार्यता भी खत्म करने का विचार हो रहा है। लेकिन समूह ग के कर्मियों का तबादला होता रहेगा।


समूह ग के कर्मी अनिवार्य रूप से हटेंगे: नई तबादला नीति में समूह ग के कर्मियों को तीन साल जिले और सात साल मंडल में रहने पर हटा दिया जाएगा। इसके साथ ही एक साल में उनका पटल बदल दिया जाएगा। इसका मकसद सरकारी कामों में पारदर्शिता लाना और समूह ग के कर्मियों को विभाग के सभी कामों में पारंगत बनाना है। अभी स्थिति यह है कि समूह ग के कर्मचारी सालों-साल जुगाड़ के सहारे एक ही स्थान व एक ही पटल पर जमे रहते हैं। नियुक्ति एवं कार्मिक विभाग सरकारी विभागों के कामकाज में पारदर्शी व्यवस्था लागू करने के लिए तबादला नीति में बदलाव कर रहा है।


अधिकारी जरूरत पर रुक सकेंगे:

साफ छवि और ईमानदारी से काम करने वाले समूह क व ख के अधिकारियों को एक ही जिले में तीन व मंडल में सात साल से अधिक रखने पर भी विचार किया जा रहा है। इसके पीछे तर्क दिया गया है कि एक जिले में अधिक समय तक रहने वाला अधिकारी विभागीय कामों के साथ क्षेत्रीय स्थितियों की बेहतर जानकारी हो जाती है। इससे योजनाओं का लाभ पात्रों तक पारदर्शी तरीके से पहुंचता है और विकास कार्य समय से पूरा हो जाता है। हालांकि इस पर अंतिम फैसला मुख्यमंत्री को करना है।



अधिकारियों के लिए ऑफलाइन तबादले

इस बार तबादले में ऑनलाइन की अनिवार्यता पूरी तरह से नहीं होगी। जहां अभी तक मानव संपदा पोर्टल पर सभी अधिकारियों और कर्मचारियों का ब्योरा दर्ज नहीं हो पाया है वहां ऑफलाइन भी तबादले होंगे। अधिकारियों के ऑनलाइन की अनिवार्यवता नहीं होगी। अधिकारियों के तबादले ऑफलाइन भी किए जाएंगे।

संबन्धित खबरों के लिए क्लिक करें

GO-शासनादेश NEWS अनिवार्य सेवानिवृत्ति अनुकम्पा नियुक्ति अल्‍पसंख्‍यक कल्‍याण अवकाश आधार कार्ड आयकर आरक्षण आवास उच्च न्यायालय उच्‍च शिक्षा उच्चतम न्यायालय उत्तर प्रदेश उत्तराखण्ड उपभोक्‍ता संरक्षण एरियर एसीपी ऑनलाइन कर कर्मचारी भविष्य निधि EPF कामधेनु कारागार प्रशासन एवं सुधार कार्मिक कार्यवाही कृषि कैरियर कोर्टशाला कोषागार खाद्य एवं औषधि प्रशासन खाद्य एवम् रसद खेल गृह गोपनीय प्रविष्टि ग्रामीण अभियन्‍त्रण ग्राम्य विकास ग्रेच्युटी चतुर्थ श्रेणी चयन चिकित्सा चिकित्‍सा एवं स्वास्थ्य चिकित्सा प्रतिपूर्ति छात्रवृत्ति जनवरी जनसुनवाई जनसूचना जनहित गारण्टी अधिनियम धर्मार्थ कार्य नकदीकरण नगर विकास निबन्‍धन नियमावली नियुक्ति नियोजन निर्वाचन निविदा नीति न्याय न्यायालय पंचायत चुनाव 2015 पंचायती राज पदोन्नति परती भूमि विकास परिवहन पर्यावरण पशुधन पिछड़ा वर्ग कल्‍याण पीएफ पुरस्कार पुलिस पेंशन प्रतिकूल प्रविष्टि प्रशासनिक सुधार प्रसूति प्राथमिक भर्ती 2012 प्रेरक प्रोबेशन बजट बर्खास्तगी बाट माप बेसिक शिक्षा बैकलाग बोनस भविष्य निधि भारत सरकार भाषा मत्‍स्‍य मंहगाई भत्ता महिला एवं बाल विकास माध्यमिक शिक्षा मानदेय मानवाधिकार मान्यता मुख्‍यमंत्री कार्यालय युवा कल्याण राजस्व राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद राज्य सम्पत्ति राष्ट्रीय एकीकरण रोक रोजगार लघु सिंचाई लोक निर्माण लोक सेवा आयोग वरिष्ठता विकलांग कल्याण वित्त विद्युत विविध विशेष भत्ता वेतन व्‍यवसायिक शिक्षा शिक्षा शिक्षा मित्र श्रम सचिवालय प्रशासन सत्यापन सत्र लाभ सत्रलाभ समन्वय समाज कल्याण समाजवादी पेंशन समारोह सर्किल दर संवर्ग संविदा संस्‍थागत वित्‍त सहकारिता सातवां वेतन आयोग सामान्य प्रशासन सार्वजनिक उद्यम सार्वजनिक वितरण प्रणाली सिंचाई सिंचाई एवं जल संसाधन सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम सूचना सेवा निवृत्ति परिलाभ सेवा संघ सेवानिवृत्ति सेवायोजन सैनिक कल्‍याण स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन स्थानांतरण होमगाडर्स