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Sunday, March 27, 2022

मतदान अनिवार्य करने का कोई प्रस्ताव नहीं, बड़े चुनाव सुधार पर विचार कर रही केंद्र सरकार

प्रवासी भारतीयों के लिए कवायद, ऑनलाइन वोटिंग के विकल्प पर काम शुरू



● पुख्ता, पारदर्शी और हैकप्रूफ व्यवस्था का होना जरूरी

● करीब 60 फीसदी लोग ही देश में चुनते हैं सरकार

● विदेशों में रहने वाले भारतीय: लगभग दो करोड़

● मतदान के योग्य: लगभग 1.25 लाख (जिन्होंने अपनी नागरिकता नहीं छोड़ी)

● वोटिंग का अधिकार: 2011 में मिला।

● प्रॉक्सी बैलेट: बिल 2017 में लोकसभा से पास हुआ था, लेकिन समाप्त हो गया।


नई दिल्ली : मतदाता सूची को आधार कार्ड से लिंक करने के बाद चुनाव आयोग का अगला कदम ऑनलाइन वोटिंग कराने का हो सकता है। लेकिन, यह विकल्प अभी प्रवासी भारतीयों के लिए ही बनाया जाएगा।


सूत्रों के अनुसार, निर्वाचन आयोग ने ऑनलाइन वोटिंग पर काम करना शुरू कर दिया है। आयोग कहना है कि जब हम करोड़ों रुपये देश-विदेश ऑनलाइन ट्रांसफर करते हैं, हजारों करोड़ रुपये की ऑनलाइन स्टॉक ट्रेडिंग करते हैं, ऑनलाइन आयकर भरते हैं, रेल/एयर टिकट ऑनलाइन बुक करवाते हैं, प्रवेश परीक्षाएं ऑनलाइन देते हैं, मुकदमे ऑनलाइन फाइल/सुने जा रहे हैं, नौकरियों के फॉर्म ऑनलाइन भरते हैं तो वोटिंग क्यों नहीं कर सकते। लेकिन, यह जरूर है कि इसके लिए एक पुख्ता, पारदर्शी और हैकप्रूफ व्यवस्था का होना जरूरी है। 


आयोग इस पर काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि शहरी मतदाता वोट देने के लिए बाहर नहीं निकलता, लेकिन यदि ऑनलाइन व्यवस्था हो तो वह वोट जरूर देगा। फिलहाल 60 फीसदी के आसपास लोग ही देश में सरकार चुनते हैं, शेष वोट ही नहीं देते।


नेट बैंकिंग से सीखने की जरूरत : सूत्रों ने कहा कि यह एक बेहद जटिल प्रक्रिया होगी, लेकिन नेट बैंकिंग के क्षेत्र से यह चीज सीखी जा सकती है। प्रवासियों को ऑनलाइन वोटिंग के लिए इसलिए चुना जाएगा, क्योंकि वे टेक सेवी और सतर्क नागरिक हैं। चुनाव आयोग को सरकार ने सलाह दी है कि वह देखे कि ऑनलाइन वोटिंग कैसे संभव है। सरकार ने कहा है कि इसके लिए आयोग प्रवासी भारतीयों के एक छोटे समूह से यह प्रयोग करवा सकता है।


लगभग 2 करोड़ प्रवासी भारतीय : आयोग के अनुसार, लगभग दो करोड़ प्रवासी भारतीय हैं, जो विदेशों में रहते हैं और योग्य वोटर हैं। सबसे अधिक लोग केरल के हैं, जो कुल एनआरआई वोटर का 90 फीसदी हैं। अभी तक यही व्यवस्था है कि या तो उन्हें वोट के लिए देश में आना पड़ता है या वे ई-पोस्टल बैलट डाउनलोड करके मतदान करें और उसे दूतावास से सत्यापित करवाकर मतदान अधिकारी को पोस्ट करें। लेकिन, इस प्रयास ने जोर नहीं पकड़ा और 2019 के लोकसभा चुनाव में सिर्फ 25 हजार प्रवासियों ने ही अपना वोटिंग के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया था। ई-पोस्टल बैलट की सुविधा सुरक्षाबलों को भी दी गई है।



मतदान अनिवार्य करने का कोई प्रस्ताव नहीं, बड़े चुनाव सुधार पर विचार कर रही केंद्र सरकार

मतदाता सूची को आधार से जोड़ने, प्रवासियों की ऑनलाइन वोटिंग पर विचार जारी

ईवीएम को लेकर नहीं उठाया जाना चाहिए कोई सवाल,  एक देश-एक मतदाता सूची पर चल रहा मंथन



केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री किरेन रिजिजू ने शुक्रवार को कहा कि सरकार देश में फर्जी मतदान रोकने के लिए सरकार ‘एक देश, एक मतदाता सूची’ की अवधारणा पर विचार कर रही है। ऑनलाइन मतदान प्रणाली पर भी विचार चल रहा है। रिजिजू ने लोकसभा में प्रश्नकाल में सदस्यों के पूरक प्रश्नों का उत्तर देते हुए यह बात कही।


भाजपा के अजय निषाद के पूरक प्रश्न के उत्तर में कानून मंत्री ने कहा कि पूरे देश में फर्जी मतदान रोकने के लिए सभी राज्यों एवं केंद्रशासित राज्यों के लिए केवल एक ही मतदाता सूची लाने का विचार है। उन्होंने कहा कि हमने निर्वाचन आयोग से इस संबंध में बात की है। पिछले दिनों मतदाता सूची को आधार के साथ लिंक करने का प्रावधान रखा गया है। यह अभी अनिवार्य नहीं, स्वैच्छिक है। लेकिन, इससे फर्जी मतदान रुकने की संभावना है। आगे भी चुनाव सुधार के लिए जरूरी कदम उठाएंगे। 


एक देश, एक मतदाता सूची हो, ऐसी सरकार की सोच है। देश में साफ-सुथरी मतदान प्रणाली होनी चाहिए। प्रवासी भारतीयों को मताधिकार देने के एक पूरक प्रश्न के जवाब में मंत्री ने कहा कि यह सकारात्मक सुझाव है। उन्होंने कहा कि हमने निर्वाचन आयोग से इस संबंध में बात की है। ऑनलाइन मतदान प्रणाली को कैसे प्रोत्साहित किया जा सकता है, इस पर विचार कर रहे हैं। लेकिन, किसी भी घोषणा से पहले उसकी पारदर्शिता, सुरक्षा और उससे किसी तरह की गड़बड़ी की आशंका को ध्यान में रखना होगा।


मतदान प्रतिशत बढ़ाने पर चर्चा हो: मनीष तिवारी

कांग्रेस के मनीष तिवारी ने देश में कम मतदान होने पर चिंता जताते हुए मतदान प्रतिशत बढ़ाने के विषय पर सदन में विशेष चर्चा कराने का सुझाव देते हुए मंत्री से पूछा था कि ईवीएम बनने के बाद उसका सोर्स कोड निर्वाचन आयोग के पास रहता है या ईवीएम मशीन निर्माता कंपनी के पास।


इतना बड़ा तंत्र कहीं नहीं देखा : बिरला

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा मैं विश्व के कई देशों में गया हूं। मैं कह सकता हूं दुनिया में सबसे बड़ा लोकतंत्र भारत है, जहां निर्वाचन आयोग अनेक चुनाव के अंतर्गत करोड़ों लोगों के मतदान की व्यवस्था करता है। इसके लिए लोकतंत्र को बधाई दी जानी चाहिए। इतना बड़ा तंत्र कहीं नहीं देखा।


ईवीएम पर सवाल नहीं उठना चाहिए : रिजिजू

इस पर जवाब देते हुए रिजिजू ने जवाब में केवल इतना कहा कि जिस तरह जजों की नियुक्ति सरकार करती है, लेकिन नियुक्ति के बाद वे स्वतंत्र हो जाते हैं, उसी तरह ईवीएम बनने के बाद उनका नियंत्रण निर्वाचन आयोग के पास रहता है। उन्होंने कहा कि ईवीएम पर कोई सवाल नहीं उठना चाहिए।

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