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Thursday, January 27, 2022

Budget 2022 : बजट में इनकम टैक्स की नई व्यवस्था में हो सकता है बदलाव, सिर्फ 5 फीसदी करदाताओं ने अपनाया

Budget 2022 :  बजट में इनकम टैक्स की नई व्यवस्था में हो सकता है बदलाव, सिर्फ 5 फीसदी करदाताओं ने अपनाया


Budget 2022: नई टैक्स व्यवस्था से जहां एक ओर कॉरपोरेट करदाता बहुत ही खुश हुए हैं, वहीं दूसरी ओर व्यक्तिगत करदाता नई टैक्स व्यवस्था (New Tax Regime) से खुश नहीं लग रहे हैं। असेसमेंट ईयर 2021-22 में कुल 5.89 करोड़ करदाताओं ने टैक्स रिटर्न फाइल किया है, लेकिन इनमें से सिर्फ 5 फीसदी लोगों ने ही नई टैक्स व्यवस्था को चुना। ऐसे में वित्त मंत्रालय इस बार के बजट में कुछ शर्तों के साथ स्टैंडर्ड डिडक्शन (Standard Deduction) और होम लोन के ब्याज पर टैक्स छूट (Tax relief on home loan interest) का फायदा नई टैक्स व्यवस्था में भी डाल सकता है।


नई दिल्ली: कुछ ही साल पहले टैक्स स्लैब्स की एक नई व्यवस्था (New Tax Regime) लाई गई थी। इस व्यवस्था में तमाम डिडक्शन को हटाया गया था और टैक्स की दर को कम किया गया था। इस नई व्यवस्था से कॉरपोरेट करदाता तो बहुत खुश नजर आए, लेकिन व्यक्तिगत करदाताओं की रुचि इसमें बहुत ही कम देखी गई। असेसमेंट ईयर 2021-22 में कुल 5.89 करोड़ करदाताओं ने टैक्स रिटर्न फाइल किया है, लेकिन इनमें से सिर्फ 5 फीसदी लोगों ने ही नई टैक्स व्यवस्था को चुना। ऐसे में इस बार के बजट में नई टैक्स व्यवस्था को लेकर कुछ ऐसी घोषणाएं हो सकती हैं, जिससे व्यक्तिगत करदाताओं को लुभाया जा सके।


नए टैक्स सिस्टम में मिल सकते हैं कुछ डिडक्शन


सूत्रों की मानें तो वित्त मंत्रालय की तरफ से इसकी अच्छे से जांच की गई है और यह जानने की कोशिश की गई है कि आखिर लोग नई टैक्स व्यवस्था को क्यों नहीं अपना रहे। लोगों को पुरानी और जटिल व्यवस्था से दूर करने के लिए इस बार बजट में सरकार कुछ अहम घोषणाएं कर सकती है। यह भी अनुमान लगाया जा रहा है कि कुछ शर्तों के साथ होमलोन के ब्याज पर टैक्स छूट और स्टैंडर्ड डिडक्शन का फायदा इस बार नई टैक्स व्यवस्था में जुड़ सकता है।


1 फरवरी 2020 को आई थी नई टैक्स व्यवस्था

सरकार की तरफ से 1 फरवरी 2020 को नई टैक्स व्यवस्था को लागू किया गया था। इससे उन लोगों को बहुत फायदा है, जो लोग किसी तरह की टैक्स छूट या डिडक्शन क्लेम नहीं करते हैं। हालांकि, उस वक्त इस नई व्यवस्था की आलोचना भी हुई थी कि इससे लोगों में सेविंग की आदत कम होगी, क्योंकि बहुत से लोग तो सिर्फ टैक्स बचाने के लिए ही सेविंग करते हैं। भारत में अधिकतर लोग सेविंग करते हैं, इसलिए नई टैक्स व्यवस्था अभी तक लगभग फेल साबित हो रही है और लोग पुरानी व्यवस्था के जरिए टैक्स रिटर्न फाइल कर रहे हैं।


क्या हैं नई टैक्स व्यवस्था के स्लैब?

नए टैक्स स्लैब में 2.5 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं लगता है। 2.5 लाख से 5 लाख रुपये की आय पर 5 फीसदी, 5 लाख से 7.5 लाख रुपये तक की आय पर 10 फीसदी, 7.5 लाख से 10 लाख रुपये तक की आय पर 15 फीसदी, 10 से 12.5 लाख रुपये तक की आय पर 20 फीसदी, 12.5 से 15 लाख रुपये तक की आय पर 25 फीसदी और 15 लाख से ऊपर की आय पर 30 फीसदी टैक्स चुकाना होता है।

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