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Thursday, July 14, 2016

एचआरए बढ़ेगा, नहीं मानी गयी पूरी मांग, राज्यकर्मचारियों ने दस अगस्त से तीन दिवसीय पूर्ण हड़ताल कर दी घोषणा

मुख्य सचिव ने दो मांगों को कैबिनेट में ले जाने का आश्वासन दिया

राज्य कर्मियों ने एक घंटे तक सीएम दफ्तर घेरा

अगले माह से हो सकती राज्यकर्मियों के मकान किराये भत्ते में 20 फीसद वृद्धि

लखनऊ : राज्य कर्मचारियों का मकान किराया भत्ता (एचआरए) बढ़ाने के मामले में सरकार सहमत तो हो गयी है किंतु कर्मचारियों की पूरी मांग नहीं मानी गयी है। मौजूदा एचआरए में 20 फीसद वृद्धि का प्रस्ताव कैबिनेट बैठक में लाने की तैयारी है। सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों पर अमल की शुरुआत को भी कैबिनेट बैठक का इंतजार है।

राज्य कर्मचारी लंबे समय से एचआरए में वृद्धि के साथ इसे ग्रेड पे से जोड़ने की मांग कर रहे थे। तर्क था कि इससे वेतन के अनुरूप एचआरए बढ़ सकेगा। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित समिति ने एचआरए बढ़ाने संबंधी मांग पर तो सहमति जताई है, किंतु ग्रेड पे से संबद्ध करने की मांग अस्वीकार कर दी है। प्रमुख सचिव (वित्त) राहुल भटनागर ने बताया कि सभी कर्मचारियों को उनके मौजूदा मकान किराया भत्ता में सीधे-सीधे 20 फीसद वृद्धि का लाभ देने का प्रस्ताव किया गया है। भविष्य में सातवें वेतन आयोग की संस्तुतियों की स्वीकार्यता की स्थिति में इसकी समीक्षा की जाएगी। सातवें वेतन आयोग में ग्रेड पे समाप्त कर मूल वेतन में जोड़ते हुए नए आधार सृजित किये गए हैं, इसलिए भी एचआरए को ग्रेड पे से जोड़ना मुख्य सचिव समिति को बहुत औचित्यपूर्ण नहीं लगा।

इस बीच सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करने के लिए समीक्षा समिति बनाने संबंधी प्रस्ताव भी वित्त विभाग ने मुख्यमंत्री कार्यालय को भेज दिया है। इसे सैद्धांतिक सहमति के बाद अब कैबिनेट के समक्ष लाने की तैयारी है। कैबिनेट से मंजूरी के बाद मुख्यमंत्री के स्तर पर समीक्षा समिति के अध्यक्ष का नाम घोषित किया जाएगा। उनके साथ वित्त विभाग के अधिकारियों की टीम केंद्र सरकार द्वारा स्वीकार सिफारिशों के आलोक में फैसला करेगी। माना जा रहा है कि समीक्षा समिति से तीन माह में रिपोर्ट देने को कहा जाएगा, ताकि हर हाल में इसी साल कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों का लाभ दिया जा सके।

लखनऊ : लंबे समय बाद राज्य कर्मचारियों ने अपनी ताकत का अहसास कराते हुए सचिवालय एनेक्सी (मुख्यमंत्री दफ्तर) को एक घंटे तक घेरे रखा। राज्य कर्मचारियों ने 10 से 12 अगस्त तक पूर्ण हड़ताल पर जाने की घोषणा की है। मुख्य सचिव दीपक सिंघल की कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारियों के साथ वार्ता में दो मांगों को कैबिनेट में ले जाने पर सहमति बनी है, लेकिन कर्मचारियों ने हड़ताल पर जाने के निर्णय को बरकरार रखा है।

बुधवार सुबह दस बजे से राज्य कर्मचारियों के पूर्व प्रस्तावित कार्यक्रम के तहत राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के बैनर पर विभिन्न जिलों से एकत्र कर्मचारियों ने हजरतगंज स्थित गांधी प्रतिमा स्थल पर धरना दिया। इलाज में कैशलैस सुविधा और पुरानी पेंशन बहाल करने समेत कई मांगों को लेकर कर्मचारियों ने राज्य सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए नारेबाजी की। ज्यादा तादाद में जुटे कर्मचारियों को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए थे।

सभा में राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष हरिकिशोर तिवारी ने कहा कि वर्ष 2013 में 11 दिनों की राज्य कर्मचारियों की हड़ताल के बाद हाई कोर्ट के हस्तक्षेप पर राज्य सरकार ने कई मांगों को पूरा करने की सहमति जताई थी, जिसमें कैशलेश इलाज दिया जाना भी शामिल था लेकिन मांगों को सरकार ने पूरा नहीं किया। केंद्रीय व राज्य कर्मचारियों के मकान किराया भत्ता में असमानता खत्म की जाए। पूर्व की सेवाओं को जोड़ते हुए तदर्थ, अंशदायी, सामायिक, वर्कचार्ज दैनिक वेतन, अतिथि वक्ताओं की अवधि को जोड़कर पेंशन का लाभ दिया जाए। पुरानी पेंशन व्यवस्था भी बहाल की जाए।

इन मांगों को लेकर राज्य कर्मचारी 10 से 12 अगस्त तक पूर्ण हड़ताल पर रहेंगे और इसके बाद भी मांगों पर सरकार ने कोई निर्णय नहीं लिया तो हड़ताल को अनिश्चितकालीन कर दिया जाए।

तिवारी ने बताया कि मुख्य सचिव ने कैशलेस सुविधा और मकान किराया भत्ता केंद्रीय कर्मचारियों की तरह करने के प्रस्ताव को मंजूरी के लिए अगली कैबिनेट में ले जाने का आश्वासन दिया है और कहा है कि शेष मांगों को पूरा करने पर जल्द बैठक बुलाई जाएगी। महामंत्री अतुल मिश्र ने भी सरकार पर आरोप लगाया कि वह अपनी बातों से ही मुकर रही है।

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