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Thursday, August 13, 2015

संविदा सफाईकर्मियों को वेतन समिति (2008) की संस्तुतियों के मुताबिक वेतन देने का फैसला, वेतन अब तीन गुना बढ़ जाएगा

लखनऊ नगर निगम सहित 31 नगरीय निकायों के संविदा सफाईकर्मियों का वेतन अब तीन गुना बढ़ जाएगा। मौजूदा महंगाई भत्ते को देखते हुए संविदा सफाईकर्मियों को फिलहाल प्रतिमाह 14910 रुपये मिलेंगे। संविदा सफाईकर्मियों के बढ़े हुए वेतन का वित्तीय भार संबंधित निकायों को ही उठाना होगा। इस संबंध में निकायों की सहमति मिलने के बाद सरकार ने बुधवार को संबंधित आदेश जारी कर दिया है।

दरअसल, तत्कालीन मुलायम सरकार द्वारा पूर्व में रखे गए 59,953 संविदा सफाईकर्मियों को वेतन समिति (2008) की संस्तुतियों के मुताबिक वेतन देने का फैसला सरकार ने किया है।  ऐसे में संविदा सफाईकर्मियों का न्यूनतम वेतन 5200 रुपये, ग्रेड वेतन 1800 रुपये व मौजूदा डीए का 7910 रुपये मिलाकर कुल 14910 रुपये प्रतिमाह बनता है जबकि अभी ऐसे सफाईकर्मियों को लगभग चार हजार से 5250 रुपये प्रतिमाह तक ही मिल रहा है।

चूंकि सरकार ने संविदा सफाईकर्मियों के बढ़े वेतन का भार संबंधित नगरीय निकायों को ही उठाने की शर्त लगा रखी है इसलिए जिन निकायों द्वारा अपने सदन या बोर्ड से इस संबंध में प्रस्ताव पारित कराकर बढ़े हुए वेतन का वित्तीय भार उठाने पर सहमति दी जा रही है, उन्हें ही सरकार बढ़ा वेतन देने की अनुमति देती है। ऐसे में 630 नगरीय निकायों में से पूर्व में 470 निकायों के बाद अब लखनऊ नगर निगम सहित चार नगर पालिका परिषद व 26 नगर पंचायतों का वित्तीय भार उठाने के संबंध में वचनबद्धता का पत्र मिलने के बाद सरकार ने संबंधित निकायों के संविदा सफाईकर्मियों को वेतन समिति (2008) की संस्तुतियों के मुताबिक वेतन देने को मंजूरी दे दी है। 

सभी नगरीय निकायों में कार्यरत हर एक संविदा सफाईकर्मी को बढ़ा वेतन सुनिश्चित करने के लिए भले ही सरकार ने पिछले महीनें ही संबंधित निकायों से 15 दिन में प्रस्ताव मांगा था लेकिन अभी भी सवा सौ निकायों ने प्रस्ताव नहीं उपलब्ध कराए हैं। दरअसल, सूबे के 630 नगरीय निकायों में से अब तक 501 ने ही शासन को प्रस्ताव भेजा है। इन निकायों के संविदा सफाईकर्मियों को वेतन संस्तुतियों के तहत बढ़ा वेतन देने की अनुमति भी सरकार ने दे दी है लेकिन शेष 129 ने अब तक प्रस्ताव ही शासन को नहीं दिया है।

विभागीय अधिकारियों का कहना है कि कुछ ऐसे निकाय हैं जिनमें एक भी संविदा सफाईकर्मी नहीं है। फिर भी सवा सौ निकाय अभी ऐसे हैं ही जिनके अपने बोर्ड या सदन से प्रस्ताव पारित कराकर शासन को न उपलब्ध कराने से उनके संविदा सफाईकर्मियों को बढ़ा वेतन नहीं मिल पा रहा है। सूत्रों के मुताबिक एक बार सभी संविदा सफाईकर्मियों को वेतन समिति की संस्तुतियों के अनुसार वेतन सुनिश्चित होने के बाद मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुसार निकायों में नए सिरे से 40 हजार और संविदा सफाईकर्मियों को भरने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इस संबंध में जल्द ही कैबिनेट के समक्ष प्रस्ताव रखने की कवायद की जा रही है। नए भरे जाने वाले संविदा सफाईकर्मियों को भी मौजूदा संविदा सफाईकर्मियों की तरह ही वेतन मिलेगा।


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