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Monday, April 22, 2024

65 से अधिक उम्र के लोग खरीद सकेंगे नई पॉलिसी, इरडा ने स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी खरीदने के लिए आयु सीमा की बाध्यता हटाई

65 से अधिक उम्र के लोग खरीद सकेंगे नई पॉलिसी, इरडा ने स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी खरीदने के लिए आयु सीमा की बाध्यता हटाई


नई दिल्ली। अब 65 साल से अधिक उम्र के लोग भी नई स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी खरीद सकेंगे। इसके लिए भारतीय बीमा विनियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) ने स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी खरीदने की 65 वर्ष की आयु सीमा की बाध्यता हटा दी है। 


इसका मकसद बाजार को व्यापक बनाने के साथ स्वास्थ्य देखभाल खर्चों से पर्याप्त सुरक्षा को बढ़ावा देना है। पहले के दिशानिर्देशों के तहत व्यक्तियों को सिर्फ 65 वर्ष की आयु तक नई बीमा पॉलिसी खरीदने की अनुमति थी। अब एक अप्रैल, 2024 से प्रभावी हालिया संशोधन के साथ किसी भी उम्र का कोई भी व्यक्ति नई बीमा पॉलिसी खरीद सकता है।


कैंसर से पीड़ित व्यक्तियों के लिए जारी करनी होगी पॉलिसी :
अधिसूचना में बीमा कंपनियों को प्री- एग्जिस्टिंग बीमारियों वाले व्यक्तियों को पॉलिसी जारी करने का आदेश दिया है। इस आदेश के तहत बीमा कंपनियां अब कैंसर, हृदय या गुर्दा फेल और एड्स जैसी गंभीर बीमारी वाले व्यक्तियों को पॉलिसी बेचने से मना नहीं कर सकेंगी।


दायर कर सकते हैं कई क्लेम

इरडा ने कहा, पॉलिसीधारकों की सुविधा के लिए बीमा कंपनियों को किस्तों में प्रीमियम भरने की अनुमति देनी होगी। साथ ही, लाभ आधारित बीमा वाले पॉलिसीधारक विभिन्न बीमाकर्ताओं के साथ कई क्लेम दायर कर सकते हैं। यात्रा पॉलिसियां सिर्फ सामान्य और स्वास्थ्य बीमाकर्ता ही पेश कर सकते हैं।


आयुष उपचार कवरेज पर कोई सीमा नहीं

अधिसूचना में कहा गया है कि आयुष उपचार कवरेज पर कोई सीमा नहीं है। आयुर्वेद, योग, प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी जैसी प्रणालियों के तहत उपचार को बिना किसी सीमा के बीमा राशि का कवरेज मिलेगा।



Now, those above 65 yrs too can buy health cover

पांच साल बाद हर हाल में देना होगा सभी बीमारियों का क्लेम

अब 65 वर्ष से अधिक उम्र के लोग भी ले सकेंगे हेत्थ इंश्योरेंस

इरडा ने जारी किए नए निर्देश चालू वित्त वर्ष से लागू माने जाएंगे


Those who are above 65 years of age, can also access health cover now. As part of the slew of reforms lined up in insurance, the Insurance Regulatory and Development Authority of India (IRDAI) has removed the upper age limit for health insurance policies which has been fixed at 65 years till now. 

“Insurers shall ensure that they offer health insurance products to cater to all age groups. Insurers may design products specifically for senior citizens, students, children, maternity and any other group as specified by the Competent Authority”, the regulator said in a notification. The changes in the product norms have been issued in a Gazette notification. 

The insurers, however, are free to design specific products for different age-groups with board approved terms and conditions. 

The norms have also been made more customer-friendly. The waiting period for covering pre-existing illnesses has also been brought down from 48 months to 36 month which can reduce the possibility of rejecting claims in the name of pre-existing conditions after 36 months.  Further, health insurers are only permitted to offer benefit-based policies specifying fixed costs. 

The removal of the upper age limit in health cover is expected to drive further growth in business. As of now, health insurance is leading the growth in the non-life insurance sector. According to provisional industry data, the health segment’s share in the non-life industry is 38 per cent in the year ended March 31, 2024 marking a 4 per cent increase over the previous year. The growth rate for FY24 was at 20 per cent.  


नई दिल्लीः उम्रदराज लोगों को अपनी स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को लेकर ज्यादा चिंतित होने की जरूरत नहीं है। इंश्योरेंस कंपनियां उनके हित में कुछ नये कदम उठाने जा रही हैं। पांच साल यानी 60 माह तक हेल्थ इंश्योरेंस कवरेज जारी रहने के बाद किसी भी बहाने से बुजुर्गों के क्लेम को इंश्योरेंस कंपनियां खारिज नहीं कर सकेंगी। पहले आठ साल तक लगातार कवरेज के बाद यह सुविधा मिलती थी। वहीं अब 65 साल से अधिक उम्र के व्यक्ति भी अपना हेल्थ इंश्योरेंस करा सकेंगे। निजी कंपनियां उन्हें हेल्थ इंश्योरेंस देने से मना नहीं कर सकेंगी।


भारतीय बीमा विनियामक व विकास प्राधिकरण (इरडा) ने इस संबंध में नए निर्देश जारी किए हैं जो चालू वित्त वर्ष से लागू माना जाएंगे। अभी कई बार हेल्थ इंश्योरेंस देने वाली कंपनियां किसी बहाने से या यह कहकर इंश्योरेंस क्लेम को खारिज कर देती हैं कि इस बीमारी के बारे में इंश्योरेंस कवरेज लेने के दौरान नहीं बताया गया था। लेकिन पांच साल तक कवरेज जारी रहने के बाद कंपनी यह भी नहीं कह सकेगी। उन्हें हर बीमारी के इलाज के क्लेम का भुगतान करना होगा। 


उपभोक्ता के हक में इरडा ने एक और फैसला लिया है जिसके मुताबिक पहले से घोषित बीमारी का कवरेज अब तीन साल के बाद मिलने लगेगा। पहले इसकी सीमा चार साल की थी। मान लीजिए कोई उपभोक्ता मधुमेह से पहले से पीड़ित है तो कवरेज लेने के चार साल के बाद इस बीमारी के नाम पर उसे अस्पताल में भर्ती का क्लेम मिलता था जो अब तीन साल कर दिया गया है।

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