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Friday, February 2, 2024

चुनावी बजट में पुरानी पेंशन पर चुप्पी और टैक्स स्लैब में बढ़ोतरी न होने से फैली निराशा, केंद्रीय बजट में उपेक्षा से शिक्षकों और कर्मचारियों की उम्मीदों पर फिरा पानी

चुनावी बजट में पुरानी पेंशन पर चुप्पी और टैक्स स्लैब में बढ़ोतरी न होने से फैली निराशा,  केंद्रीय बजट में उपेक्षा से शिक्षकों और कर्मचारियों की उम्मीदों पर फिरा पानी 

'पुरानी पेंशन बहाली की उम्मीद पर पानी फिरा'


लखनऊ। बजट में देश के करोड़ों कर्मचारियों के विषय में कोई फैसला न होना दुर्भाग्यपूर्ण है। टैक्स स्लैब में राहत न मिलने से कर्मचारियों में मायूसी है। निजीकरण की ओर भागती सरकार का रवैया ठीक नहीं है। उक्त बातें गुरुवार को बजट जारी होने के बाद एनएमओपीएस के राष्ट्रीय अध्यक्ष और अटेवा के प्रदेश अध्यक्ष विजय कुमार बंधु ने कहीं। उन्होंने अंतरिम बजट को निराशाजनक बताया।

उन्होंने कहा कि यह बजट वर्तमान सरकार का आखिरी बजट था। इसके बाद सरकार को को चुनाव में जाना है। इस कारण देश के लाखों शिक्षक व कर्मचारी प्रधानमंत्री की तरफ काफी आशा भरी नजरों से देख रहे थे। प्रदेश महामंत्री डॉ. नीरजपति त्रिपाठी ने कहा कि शिक्षक-कर्मचारियों के विषय पर वर्तमान सरकार संवेदनहीन है। इस तरह नजरअंदाज करना सरकार की नियति य नीति दोनों दशांता है। प्रदेश मीडिया प्रभारी डॉ. राजेश कुमार ने कहा कि कर्मचारी को टैक्स स्लैब में राहत न मिलने से भारी निराशा है। लोगों को बहुत उम्मीदें थी पर सरकार ने निराश किया।


केंद्रीय बजट में पुरानी पेंशन की बहाली और आयकर का दायरा बढ़ाए जाने की उम्मीद लगाए बैठे कर्मचारियों के मंसूबे पर पानी फिर गया है। कर्मचारियों को लोकसभा चुनाव के पहले पुरानी पेंशन बहाली की उम्मीद थी, मगर बृहस्पतिवार को पेश बजट में कोई चर्चा न होने से राज्य कर्मचारियों को बड़ा झटका लगा है। कर्मचारी नेता दावा कर रहे थे कि आयकर का दायरा सात लाख के पार हो जाएगा, मगर गेमा नहीं होने पर लोगों में नाराजगी है।


न पुरानी पेंशन की घोषणा, न ही डीए, एरियर के भुगतान पर निर्णय

प्रयागराज। रेल कर्मचारियों ने मोदी सरकार के अंतरिम बजट को निराशाजनक बताया है। तमाम रेलकर्मियों को उम्मीद थी कि इस बार बजट में टैक्स स्लैब में बदलाव होगा। पुरानी पेंशन की घोषणा भी होगी, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ।

नार्थ सेंट्रल रेलवे इंप्लाइज संघ के जोनल महामंत्री आरपी सिंह ने कहा, कर्मचारियों के लिए बजट निराशाजनक है। वर्ष 2020 में नई टैक्स रिजीम के आने के बाद से पुरानी टैक्स रिजीम के स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया है। होम लोन, इंश्योरेंस आदि पर छूट के अभाव में नई टैक्स रिजीम कर्मचारियों के लिए फायदेमंद नहीं है।

पुरानी टैक्स रिजीम पर छूट न देने से आगे चल कर कर्मचारी नई टैक्स रिजीम को अपनाने पर मजबूर होगा और होम लोन / इंश्योरेंस के बावजूद अधिक टैक्स का भुगतान करेगा। एनसीआरईएस के संयुक्त महामंत्री आलोक सहगल ने कहा कि इस बार के बजट से रेलवे कर्मचारियों को बहुत उम्मीद थी, लेकिन न पुरानी पेंशन लागू करने की कोई घोषणा की गई और न ही कोरोना संक्रमणकाल में रोके गए डीए की तीन किस्तों के एरियर के भुगतान पर कोई निर्णय लिया गया।

इंडियन रेलवे इंप्लाइज फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज पांडेय ने कहा, बजट पूरी तरह से कर्मचारी विरोधी है। सरकार ने टैक्स स्लैब में कोई भी बदलाव नहीं किया।


सरकारी कर्मियों को उम्मीद थी कि भारत सरकार बजट में पुरानी पेंशन बहाली की घोषणा करेगी, लेकिन सरकार ने ऐसा नहीं किया। इस वजह से रेलवे, रक्षा, डाक, आयकर, अकाउंट एंड ऑडिट, केंद्रीय सचिवालय, इसरो, डीएई, स्वायत्तता प्राप्त संगठन, केंद्रीय अर्धसैनिक बल, सभी राज्यों के सरकारी कर्मचारी, यूटी क्षेत्रों के कर्मी, प्राथमिक टीचर, हाई स्कूल टीचर, उच्च शिक्षा विभाग, कालेज एवं यूनिवर्सिटी आदि का स्टाफ निराश है।


यह देश का दुर्भाग्य है कि देश कि सेवा में दिन-रात लगे रहने वाले करोड़ों कर्मचारियों के मुद्दे पर कोई फैसला नहीं लिया गया। देश में निजीकरण बढ़ता जा रहा है। रोजगार पर भी सरकार को कोई स्पष्ट विजन सामने नहीं आया। ऐसे में रोजगार के अवसर कहां से और कैसे उपलब्ध होंगे, कोई नहीं जानता। सरकार का फोकस आउटसोर्सिंग/संविदा के तहत कर्मचारियों की भर्ती पर है। इससे कर्मचारियों का शोषण लगातार जारी रहेगा।


संगठन के प्रदेश महामंत्री डॉक्टर नीरजपति त्रिपाठी ने कहा, अंतरिम बजट सरकारी कर्मचारियों के लिए अत्यधिक निराशाजनक है। शिक्षक एवं दूसरे कर्मियों के विषय में वर्तमान सरकार संवेदनहीन है। देश के विकास में इन कर्मियों का अतुलनीय योगदान है। इसके बावजूद कर्मचारी वर्ग को नजरअंदाज किया जा रहा है। कर्मियों के मुद्दों पर आंखें बंद करना, यह सरकार की नियति व नीति, दोनों को दर्शाता है। प्रदेश मीडिया प्रभारी डॉ. राजेश कुमार ने कहा, कर्मचारी वर्ग को टैक्स स्लैब में राहत न मिलने से भारी निराशा है। कर्मियों को अंतरिम बजट से बहुत उम्मीदें थीं, मगर सरकार ने निराश कर दिया।


केंद्रीय बजट में दिन-रात पसीना बहाने वाले कर्मचारियों का हित सरकार नहीं चाहती है। कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन के लिए लखनऊ से दिल्ली तक प्रदर्शन किया। केंद्रीय बजट में पुरानी पेंशन बहाली की उम्मीद थी, मगर सरकार ने हमारी मांगों को ठुकरा दिया है। वकील अहमद, जिलाध्यक्ष, राज्य कर्मचारी महासंघ


महंगाई बढ़ी है, मगर आयकर की सीमा में बढ़ोतरी न करके सरकार ने कर्मचारियों के साथ धोखा किया है। आयकर की सीमा बढ़ने से कर्मचारी, शिक्षक और व्यवसायी सभी को राहत मिलती। मगर ऐसा नहीं होने से निराशा मिली है। राम प्रकाश दुबे, जिलामंत्री, फेडरेशन ऑफ मिनिस्टीरियल एसोसिएशन

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