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Wednesday, June 7, 2023

वर्ष 2023–24 हेतु सरकारी अधिकारी व कर्मचारियों के लिए स्थानान्तरण नीति को कैबिनेट की मंजूरी, जानिए महत्वपूर्ण बिंदु।

तबादला नीति मंजूर : जिले में 3 व मंडल में 7 साल पूरे कर चुके अफसर जाएंगे बाहर, 30 जून तक पूरी होगी प्रक्रिया


लखनऊ। कैबिनेट ने मंगलवार को स्थानांतरण नीति 2023-24 को मंजूरी दे दी। इसमें समूह क और ख के उन अधिकारियों के स्थानांतरण किए जाएंगे, जिन्होंने जिले में 3 वर्ष और मंडल में 7 वर्ष पूरे कर लिए हैं। स्थानांतरण की प्रक्रिया 30 जून तक पूरी की जाएगी। वहीं केंद्र सरकार की ओर से घोषित पिछड़े (आकांक्षी) व बुंदेलखंड क्षेत्र के जिलों और 100 ब्लॉकों में सारे पद भरे जाएंगे।

स्थानांतरण सत्र के बाद अब समूह क के साथ ही समूह ख के कार्मिकों के स्थानांतरण विभागीय मंत्री के माध्यम से मुख्यमंत्री का अनुमोदन लेकर ही हो सकेंगे। अभी तक समूह ख के अधिकारियों का स्थानांतरण विभागीय मंत्री के अनुमोदन से हो जाता था। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि स्थानांतरण सत्र में किसी भी तरह के तबादले विभागीय मंत्री की मंजूरी से ही होंगे।

समूह क और ख के स्थानांतरण संवर्गवार कार्यरत कार्मिकों की संख्या के अधिकतम 20% और समूह ग व घ के कार्मिकों की संख्या के अधिकतम 10% तक की सीमा तक ही किए जा सकेंगे। समूह ग व घ के संवर्गवार 10% से अधिक और अधिकतम 20% की सीमा तक विभागीय मंत्री के अनुमोदन से ही किए जा सकेंगे।

इसके तहत सर्वाधिक समय से कार्यरत कार्मिकों के स्थानांतरण प्राथमिकता पर किए जाएंगे। यानी, जिन कार्मिकों की तैनाती की अवधि अधिक होगी, उन्हें पहले हटाया जाएगा। स्थानांतरण नीति में कहा गया है कि समूह ग के कार्मिकों के पटल या क्षेत्र परिवर्तन के लिए 13 मई 2022 को जारी शासनादेश का कड़ाई से पालन किया जाएगा। समूह ख और ग के कार्मिकों के स्थानांतरण यथासंभव मेरिट आधारित ऑनलाइन ट्रांसफर सिस्टम के आधार पर किए जाने की व्यवस्था की गई है। 


दिव्यांग बच्चों के माता-पिता के लिए विशेष व्यवस्था
मंदित बच्चों और चलने-फिरने से पूर्णतया प्रभावित दिव्यांग बच्चों के माता-पिता की तैनाती विकल्प लेकर ऐसे स्थान पर किए जाने की व्यवस्था की गई है, जहां उसकी उचित देखभाल और इलाज की समुचित व्यवस्था हो।


पिछड़े जिलों में तबादले से भरे जाएंगे सभी रिक्त पद
भारत सरकार की ओर से घोषित पिछड़े व बुंदेलखंड क्षेत्र के जिलों को मिलाकर 14 जिलों को पिछड़े जिलों के तौर पर चिह्नित किया गया है। इन जिलों में फतेहपुर, चित्रकूट, सिद्धार्थनगर, बहराइच, बलरामपुर, श्रावस्ती, चंदौली, सोनभद्र, झांसी, ललितपुर, जालौन, महोबा, हमीरपुर, बांदा शामिल हैं। इसी तरह 100 पिछड़े विकास खंड चिह्नित हैं। स्थानांतरण नीति में कहा गया है कि 14 जिलों व 100 पिछड़े विकास खंडों में कोई भी पद खाली नहीं रहेगा। तबादले के समय यहां के सभी रिक्त पद भरे जाएंगे।



वर्ष 2023–24 हेतु सरकारी अधिकारी व कर्मचारियों के लिए स्थानान्तरण नीति को कैबिनेट की मंजूरी, जानिए महत्वपूर्ण बिंदु।



यह स्थानान्तरण नीति केवल वर्ष 2023-24 के लिए है। स्थानान्तरण दिनांक 30 जून 2023 तक किये जायेंगें । समूह 'क' एवं 'ख' के अधिकारियों द्वारा जनपद में 03 वर्ष तथा मण्डल में 07 वर्ष पूर्ण किये जाने पर स्थानान्तरण की व्यवस्था की गयी है।


समूह 'क' एवं 'ख' के स्थानान्तरण संवर्गवार कार्यरत अधिकारियों/ कर्मचारियों की संख्या के सापेक्ष अधिकतम 20 प्रतिशत एवं समूह 'ग' एवं 'घ' के संवर्गवार कार्यरत कार्मिकों की संख्या के अधिकतम 10 प्रतिशत तक की सीमा तक किये जा सकेगें।


 समूह 'ग' एवं 'घ' के संवर्गवार 10 प्रतिशत से अधिक तथा अधिकतम 20 प्रतिशत की सीमा तक मा० विभागीय मन्त्री के अनुमोदन से किये जा सकेंगे तथा इस हेतु सर्वाधिक समय से कार्यरत कार्मिकों के स्थानान्तरण प्राथमिकता पर किये जायेगें।


समूह 'ग' के कार्मिकों के पटल परिवर्तन/क्षेत्र परिवर्तन विषयक शासनादेश दिनांक 13.05.2022 का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किये जाने की व्यवस्था की गयी है। समूह 'ख' एवं 'ग' के कार्मिकों के स्थानान्तरण यथासंभव मेरिट बेस्ड आनलाइन ट्रांसफर सिस्टम के आधार पर किये जाने की व्यवस्था की गयी है।


मंदित बच्चों / चलन क्रिया से पूर्णतया प्रभावित दिव्यांग बच्चों के माता-पिता की तैनाती विकल्प प्राप्त करके ऐसे स्थान पर किये जाने की व्यवस्था की गयी है, जहां उसकी उचित देखभाल व चिकित्सा की समुचित व्यवस्था हो ।


भारत सरकार द्वारा घोषित आकांक्षी जिला योजना से संबंधित 08 जनपदों व 34 जनपदों के 100 विकास खण्डों एवं बुन्देलखण्डों के समस्त जनपदों में तैनाती करके संतृप्तीकरण किये जाने व्यवस्था की गयी है।


स्थानान्तरण सत्र के पश्चात अब समूह 'क' के साथ ही साथ समूह 'ख' के कार्मिकों के संबंध में मा० विभागीय मन्त्री के माध्यम से मा0 मुख्य मंत्री जी के अनुमोदन से किये जा सकेगें।




फैसला: यूपी में 30 जून तक हो सकेंगे तबादले, कैबिनेट ने दी स्थानांतरण नीति को मंजूरी


राज्य सरकार ने वर्ष 2023-24 के लिए नई तबादला नीति को मंजूरी दे दी है। विभागीय मंत्री की अनुमति से विभागाध्यक्ष 30 जून तक तबादले कर सकेंगे। सभी वर्गों के अधिकारियों, कर्मचारियों के 10 और अधिकतम 20 तक तबादले हो सकेंगे। जिले में तीन साल और मंडल में सात साल तक तैनात रहने वाले इसके दायरे में आएंगे। इस नीति से प्रदेश के लगभग 15 लाख अधिकारी-कर्मचारी प्रभावित होंगे।


समूह ‘ख’ व ‘ग’ के कर्मचारियों का तबादला ऑनलाइन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में नई तबादला नीति को मंजूरी दी गई। प्रदेश के लाखों अफसर, कर्मचारियों को इस नीति के आने का इंतजार था। समूह ‘ख’ व ‘ग’ के कर्मियों का तबादला यथासंभव मेरिट बेस्ड ऑनलाइन ट्रांसफर सिस्टम पर किया जाएगा।


 तबादला नीति के दायरे में आठ आकांक्षी जिले, बुंदेलखंड के साथ 100 आकांक्षी ब्लॉक होंगे। यहां से अफसर,कर्मचारियों को तभी बदला जाएगा, जब उनकी जगह पर कोई आने वाला होगा, तभी यहां से उन्हें कार्यमुक्त किया जाएगा।


पटल परिवर्तन व्यवस्था इस साल भी लागू रहेगी। तबादला नीति उत्तर प्रदेश सचिवालय सेवा के अधिकारियों और कर्मियों पर लागू नहीं होगी। पदोन्नति से तैनाती वाले अफसर-कर्मी भी आएंगे।



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